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आरोपी कुलपतियों को बर्खास्त करें सरकार.. तभी पूरी होगी सही तरीके से जांच: कांग्रेस

बिहार के विश्वविद्यालयों में भ्रष्टाचार के मामले को लेकर मंगलवार को कांग्रेस और आरजेडी ने बिहार विधान परिषद में ( Bihar Legislative Council ) कार्यस्थगन प्रस्ताव के तहत चर्चा की मांग की, जिसे सभापति ने अस्वीकार कर दिया. पढ़ें पूरी खबर...

Bihar Legislative Council
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Published : Nov 30, 2021, 6:17 PM IST

पटना: बिहार के विश्वविद्यालयों की वित्तीय अनियमितता ( Financial Irregularities of Bihar Universities ) और कई वाइस चांसलर पर लगे गंभीर आरोपों ( Serious Allegations Against Vice Chancellor ) को लेकर आज विधान परिषद में कांग्रेस और आरजेडी ने कार्यस्थगन प्रस्ताव ( Adjournment Motion Of Opposition ) के तहत चर्चा की मांग की लेकिन सभापति ने इसे अस्वीकार कर दिया यह कहते हुए कि सरकार इस मामले की जांच करा रही है.

दरअसल, विश्वविद्यालयों में व्याप्त भ्रष्टाचार और कुलपतियों की बर्खास्तगी को लेकर मंगलवार को कांग्रेस और राजद ने अलग-अलग कार्य स्थगन प्रस्ताव दिया, जिसे सभापति ने अस्वीकार कर दिया. कांग्रेस नेता प्रेमचंद्र मिश्र ने कहा कि हम बिहार की उच्च शिक्षा से जुड़े इस अत्यंत गंभीर मसले पर चर्चा कराना चाहते थे ताकि इस मामले की गंभीरता से सभी लोग अवगत हों और कुलपतियों की कारगुजारी और उनके रहते निष्पक्ष जांच प्रभावित होने को लेकर चर्चा हो सके.लेकिन सभापति ने इसे अस्वीकार कर दिया यह कहते हुए कि सरकार इस मामले की जांच करा रही है.

देखें वीडियो

ये भी पढ़ें- जिस पर यूनिवर्सिटी की गरिमा बनाए रखने की जिम्मेदारी, वही क्यों 'भ्रष्टाचार की गंगोत्री' में लगाने लगे डुबकी?

प्रेमचंद्र मिश्र ने कहा कि हम यह चाहते हैं कि जिन कुलपतियों पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगे हैं, पहले उन्हें बर्खास्त किया जाए और तब निष्पक्ष जांच कराई जाए. क्योंकि आरोपित कुलपतियों के पद पर रहते हुए मामले की निष्पक्ष जांच नहीं हो सकती.

ये भी पढ़ें: मगध विश्वविद्यालय के कुलपति को हटाकर सभी कर्मियों की हो संपत्ति की जांच: BJP

इधर, इस मामले में बिहार सरकार के पूर्व मंत्री और जदयू के मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा कि सदन में नियमन सभापति ही देते हैं. उन्होंने कहा कि इस मामले में स्पष्ट है कि हमारी सरकार जांच का आदेश दे चुकी है. हम किसी भी स्तर पर भ्रष्टाचार को बर्दाश्त नहीं करेंगे. नीरज कुमार ने कहा कि विश्वविद्यालयों में जो करप्शन का मामला सामने आया है, उसे लेकर सरकार गंभीरता से जांच कराने के लिए प्रतिबद्ध है.

ये भी पढ़ें: मगध यूनिवर्सिटी के कुलपति के आवास पर विजिलेंस की छापेमारी

बता दें कि विश्वविद्यालयों में भ्रष्टाचार को लेकर सरकार और राजभवन के बीच तलवारें खिंची हुई हैं. शिक्षा विभाग ने आरोपित कुलपतियों पर कार्रवाई और कई मामलों में जांच की सिफारिश राजभवन से की है. हालांकि राजभवन ने अब तक किसी भी आरोपित कुलपति के खिलाफ कार्रवाई नहीं की है और इसी की मांग विपक्ष की ओर से हो रही है.

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पटना: बिहार के विश्वविद्यालयों की वित्तीय अनियमितता ( Financial Irregularities of Bihar Universities ) और कई वाइस चांसलर पर लगे गंभीर आरोपों ( Serious Allegations Against Vice Chancellor ) को लेकर आज विधान परिषद में कांग्रेस और आरजेडी ने कार्यस्थगन प्रस्ताव ( Adjournment Motion Of Opposition ) के तहत चर्चा की मांग की लेकिन सभापति ने इसे अस्वीकार कर दिया यह कहते हुए कि सरकार इस मामले की जांच करा रही है.

दरअसल, विश्वविद्यालयों में व्याप्त भ्रष्टाचार और कुलपतियों की बर्खास्तगी को लेकर मंगलवार को कांग्रेस और राजद ने अलग-अलग कार्य स्थगन प्रस्ताव दिया, जिसे सभापति ने अस्वीकार कर दिया. कांग्रेस नेता प्रेमचंद्र मिश्र ने कहा कि हम बिहार की उच्च शिक्षा से जुड़े इस अत्यंत गंभीर मसले पर चर्चा कराना चाहते थे ताकि इस मामले की गंभीरता से सभी लोग अवगत हों और कुलपतियों की कारगुजारी और उनके रहते निष्पक्ष जांच प्रभावित होने को लेकर चर्चा हो सके.लेकिन सभापति ने इसे अस्वीकार कर दिया यह कहते हुए कि सरकार इस मामले की जांच करा रही है.

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प्रेमचंद्र मिश्र ने कहा कि हम यह चाहते हैं कि जिन कुलपतियों पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगे हैं, पहले उन्हें बर्खास्त किया जाए और तब निष्पक्ष जांच कराई जाए. क्योंकि आरोपित कुलपतियों के पद पर रहते हुए मामले की निष्पक्ष जांच नहीं हो सकती.

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इधर, इस मामले में बिहार सरकार के पूर्व मंत्री और जदयू के मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा कि सदन में नियमन सभापति ही देते हैं. उन्होंने कहा कि इस मामले में स्पष्ट है कि हमारी सरकार जांच का आदेश दे चुकी है. हम किसी भी स्तर पर भ्रष्टाचार को बर्दाश्त नहीं करेंगे. नीरज कुमार ने कहा कि विश्वविद्यालयों में जो करप्शन का मामला सामने आया है, उसे लेकर सरकार गंभीरता से जांच कराने के लिए प्रतिबद्ध है.

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बता दें कि विश्वविद्यालयों में भ्रष्टाचार को लेकर सरकार और राजभवन के बीच तलवारें खिंची हुई हैं. शिक्षा विभाग ने आरोपित कुलपतियों पर कार्रवाई और कई मामलों में जांच की सिफारिश राजभवन से की है. हालांकि राजभवन ने अब तक किसी भी आरोपित कुलपति के खिलाफ कार्रवाई नहीं की है और इसी की मांग विपक्ष की ओर से हो रही है.

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