पटना: ज्ञानवापी में शिवलिंग मिलने के बाद विभिन्न संगठनों में काफी उत्साह देखा जा रहा है. इसी बीच पटना विश्वविद्यालय के अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP students of Patna University) से जुड़े छात्रों ने सावन के पहले सोमवार को ज्ञानवापी में मिले शिवलिंग का शुद्धिकरण करते हुए वहां जलाभिषेक (Jalabhishek on Shivling at Gyanvapi) करने का निर्णय लिया है. इसको लेकर छात्रों के बीच तैयारी भी शुरू कर दी है. अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के पटना विश्वविद्यालय इकाई के अध्यक्ष और एबीवीपी प्रदेश कार्यकारिणी के सदस्य वरुण कुमार ने बताया कि ज्ञानवापी मंदिर में जब से शिवलिंग निकला है, उसके बाद से लोगों में उत्साह है.
शिवलिंग का शुद्धिकरण: जब से लोगों को पता चला है कि मंदिर के अवशेष नीचे में दबे हुए हैं और उसके बाद से उन लोगों ने यह निर्णय लिया है कि सावन के पहले सोमवार को 10,000 से अधिक की संख्या में पटना विश्वविद्यालय और प्रदेश के अन्य विश्वविद्यालय से जुड़े सनातनी छात्र ज्ञानवापी मंदिर में शिवलिंग का शुद्धिकरण करेंगे और वहां जलाभिषेक करेंगे.
'ज्ञानवापी के शिवलिंग को आक्रांताओं ने वजू खाना बना दिया था. इसके लिए 251 ब्राह्मणों को वह अपने साथ ले जाएंगे जो मंत्र और पूजा के माध्यम से शिवलिंग का शुद्धिकरण करेंगे.'-वरुण कुमार, पटना विश्वविद्यालय इकाई के अध्यक्ष और एबीवीपी प्रदेश कार्यकारिणी के सदस्य
ज्ञानवापी संस्कृत का शब्द: विद्यार्थी परिषद के छात्र आदित्य कुमार ने कहा कि इसमें पटना विश्वविद्यालय के अलावा प्रदेश के अन्य विश्वविद्यालय के ऐसे छात्र जो सनातन परंपरा को मानते हैं, वह भी शामिल होंगे. इस मुहिम में शामिल होने के लिए काफी संख्या में प्रदेश भर के छात्र अपनी उत्सुकता प्रकट कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि ज्ञानवापी मस्जिद का जहां तक मामला है, तो ज्ञानवापी संस्कृत का शब्द है. इस नाम का कोई भी कहीं भी मस्जिद नहीं है.
विद्यार्थी परिषद के छात्र प्रियांशु कुमार ने कहा कि ज्ञानवापी से जब सारे साक्ष्य हिंदू धर्म से जुड़े हुए मिलते हैं तो फिर भी कोर्ट इस बार शुक्रवार को वहां मुस्लिम पक्ष को नमाज पढ़ने की अनुमति दे देता है. ऐसे में जब हमारे हिंदू मंदिरों में हिंदू धर्म के साथ मिल रहे हैं, तो वह वहां जलाभिषेक क्यों नहीं कर सकते हैं. ऐसा कौन सा कानून बनता है जो उनके अधिकारों को छीन सकता है. देश में बहुसंख्यक समाज को आखिर कब तक प्रताड़ित किया जाएगा. उन्होंने कहा कि लोग यहां पर 1991 के वार्षिप एक्ट की बात कर रहे हैं.
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