पटना: बोधगया बम विस्फोट (Bodh Gaya Bomb Blast) मामले में एनआइए (NIA) के विशेष न्यायाधीश गुरविंद सिंह मल्होत्रा की अदालत में आज 8 दोषियों को सजा सुनायी गयी है. दोषियों में अहमद अली उर्फ कालू, पैगम्बर शेख, नूर आलम मोमिन को उम्रकैद की सजा सुनायी गयी है. वहीं, दिलावर हुसैन, मुस्तफा रहमान उर्फ शाहिन उर्फ तुहिन, आरिफ हुसैन उर्फ अतातुर्क उर्फ सैयद उर्फ अनस उर्फ आलमगीर शेख, मोहम्मद आदिल शेख उर्फ अब्दुल्लाह, अब्दुल करीम उर्फ करीम शेख उर्फ इकबाल उर्फ फट्टू शेख को दस साल जेल की सजा सुनायी गयी है. एक अन्य अभियुक्त जहिदुल इस्लाम ने अपना जुर्म कबूल नहीं किया है. इसलिए उसपर फैसला लंबित है.
ये भी पढ़ें:गया: हमले के 8 साल, घटना के बाद बदल गयी महाबोधि मंदिर और बोधगया की तस्वीर
इससे पूर्व 10 दिसंबर को आठ अभियुक्तों ने अदालत में आवेदन देकर अपने गुनाह को कबूल किया था. इसके बाद अदालत ने उन्हें दोषी करार दिया था. दरअसल, एनआईए की विशेष अदालत में न्यायाधीश गुरविंदर सिंह मल्होत्रा की कोर्ट में बोधगया के महाबोधि मंदिर के आरोपी अहमद अली उर्फ कालू, पैगंबर शेख, नूर आलम मोमिन, आदिल शेख उर्फ असद उल्लाह, दिलावर हुसैन, अब्दुल करीम उर्फ करीम शेख, मुस्तफिजुर रहमान और शाहीन और आरिफ हुसैन उर्फ अतातुर की ओर से याचिका दाखिल कर स्वेच्छा से अपना अपराध कबूल किए जाने की बात कही गई थी. वहीं इस मामले में नौवें आरोपी जाहिद उल इस्लाम ने अपना अपराध स्वीकार नहीं किया था.
बता दें कि बोधगया के महाबोधि मंदिर ब्लास्ट मामले में 8 आतंकियों द्वारा निवेदन किया गया था कि इस मामले में वह लंबे समय से जेल में है. वे अपने परिवार, बच्चे, माता-पिता से काफी दिनों से मुलाकात नहीं कर पाए हैं. वह समाज में पुनः लौटना चाहते हैं. इसलिए उनके आवेदन को स्वीकार किया जाए. जानकारी दें कि आरोपियों के आवेदन पर सुनवाई और उसके बयान के आधार पर अदालत में सबको अलग-अलग धाराओं में दोषी करार दिया है. फिलहाल सभी अभियुक्त राजधानी पटना के बेउर जेल में बंद हैं.
एनआईए ने 3 फरवरी, 2018 को मामला दर्ज किया था. इस मामले में पहला इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (आईईडी) कालचक्र मैदान के गेट नंबर 5 पर पाया गया था और इसे सुरक्षित करने के दौरान इसमें विस्फोट हो गया था. दो और आईईडी बाद में श्रीलंकाई मठ के पास और महाबोधि मंदिर के गेट नंबर 4 की सीढ़ियों पर पाए गए थे.
एनआईए द्वारा की गई जांच में पाया गया कि गणमान्य व्यक्तियों के दौरे से पहले दोषी व्यक्तियों ने बोधगया मंदिर परिसर में आईईडी लगाकर साजिश रची थी. जेएमबी के आतंकवादियों ने एक दूसरे से संपर्क किया था, एक साथ यात्रा की थी, साजिश रची थी और विस्फोटक खरीदे थे. पूरी योजना के बाद इन तीनों आईईडी को बोधगया मंदिर परिसर में प्लांट किया गया.
2018 में तीन गिरफ्तार आरोपियों - पी. शेख, अहमद अली और नूर आलम के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया गया था और बाद में 2019 में 6 और व्यक्तियों - आदिल शेख, दिलवर हुसैन, अब्दुल करीम उर्फ कोरीम, मुस्तफिजुर रहमान, जाहिदुल इस्लाम उर्फ कौसर और आरिफ हुसैन के खिलाफ पूरक आरोप पत्र दायर किया गया था. एनआईए की विशेष अदालत ने दोषी ठहराए गए आतंकवादियों को आज सजा सुनायी गयी.
ये भी पढ़ें:बोधगया ब्लास्ट मामला: 9 में से 8 आतंकियों ने कबूल किया अपना गुनाह
ऐसी ही विश्वसनीय खबरों को देखने के लिए डाउनलोड करें ETV BHARAT APP