नालंदा: बिहार के नालंदा में एलजेपीआर (LJPR) के तीन दिवसीय प्रशिक्षण शिविर शुरू हो गया है. नालंदा के राजगीर स्थित कन्वेंशन हॉल में आयोजित प्रशिक्षण शिविर में (Second day of LJPR training camp in Nalanda) एलजेपीआर के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान ने हुंकार भरी. उन्होंने कहा कि मध्यावधि चुनाव को लेकर 2024 से पहले की तैयारी के लिए 3 दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का आगाज हुआ है.
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कार्यकर्ताओं को एकजुट रहने की अपीलः तीन दिवसीय प्रशिक्षण शिविर के दूसरे दिन LJPR के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान ने अपने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए बिहार की हालात और पार्टी को एकजुट करने और कार्यकर्ताओं को पार्टी की नीति सिद्धांतों के बारे में बताया जाएगा. ताकि, वे अपने जिला और इलाकों में जाएं तो और लोगों को जोड़ने का काम करें. इस मौके पर बिहार के अलग-अलग जिले से पहुंचे कार्यकर्ताओं में काफी उत्साह देखा गया.
मध्यावधि चुनाव का शंखनाद है यह प्रशिक्षणः चिराग पासवान ने कहा कि यह प्रशिक्षण शिविर मध्यावधि चुनाव की तैयारी का शंखनाद है. एलजेपीआर अभी से ही 2024 में होने वाली चुनाव की रणनीति तैयार करने में जुट गई है. यही कारण है कि अपने कार्यकर्ताओ में नई ऊर्जा पैदा करने के उद्देश्य से तीन दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया है. भले ही पार्टी दो भाग में बंट गया है. मगर विधानसभा के चुनाव में जेडीयू को कम सीट पर चुनाव जीतने का कारण कहीं न कही चिराग पासवान की ही देन है.
नीतीश बिहार से नहीं जीत सकते लोकसभा चुनावः प्रशिक्षण शिविर के दौरान चिराग पासवान ने कहा की बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बिहार के किसी भी लोकसभा से चुनाव नहीं जीत सकते हैं. यही कारण है कि वह दूसरे प्रदेश से चुनाव लड़ने की बात कह रहे है. उन्होंने कहा 2024 तक बिहार में मध्यवधि चुनाव होगा. उसी चुनाव की तैयारी में हमलोग जुटे हैं. फिलहाल किसी भी दल से एलजेपीआर गठबंधन नहीं करेगी. हमे मंत्री बनने का कोई लोभ नहीं है. हम सत्ता में आएंगे तो 50 साल के लिए रहेंगे. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार और लालू जी विपक्षी एकता की बात कह रहे हैं.इसको लेकर पूर्व में भी प्रयास कर चुके हैं, मगर कोई फायदा नहीं मिला. ममता बनर्जी का अपना राग है और अरविंद केजरीवाल का अपना राग है.
"यह प्रशिक्षण शिविर मध्यावधि चुनाव की तैयारी का शंखनाद है. यहां से कार्यकर्ता प्रशिक्षिता होकर जाएंगे और अपने इलाकों में पार्टी को मजबूत करेंगे. आज जो सरकार बनी है, वह महत्वाकांक्षाओं के लिए है. एक ऐसा दल जो लंबे समय से सत्ता से बाहर था वह अपनी महत्वाकांक्षाओं के लिए गठबंधन में आया और दूसरे मुख्यमंत्री बने रहने की महत्वाकांक्षा से गठबंधन से जुड़े. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बिहार के किसी भी लोकसभा से चुनाव नहीं जीत सकते हैं. यही कारण है कि वह दूसरे प्रदेश से चुनाव लड़ने की बात कह रहे है" -चिराग पासवान, एलजेपी (आर)
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