मुजफ्फरपुर: पहलू खान लिंचिंग केस (Pehlu Khan Mob Lynching Case) में कोर्ट के फैसले पर सवाल उठाने के मामले में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा (Congress General Secretary Priyanka Gandhi Vadra) की मुश्किलें बढ़ गई हैं. धार्मिक उन्माद फैलाने और लोअर कोर्ट के फैसले का अवमानना करने के मामले में उन्हें अदालत में पेश होने का नोटिस जारी किया गया है.
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दरअसल, मुजफ्फरपुर सीजेएम कोर्ट में वकील सुधीर ओझा की ओर से यह केस दर्ज कराया गया था. सुधीर ओझा ने सीजेएम सूर्यकांत तिवारी के कोर्ट में प्रियंका गांधी के खिलाफ धार्मिक उन्माद फैलाने और लोअर कोर्ट के फैसले का अवमानना करने के आरोप में परिवाद पत्र दर्ज कराया था. हालांकि कोर्ट ने इस केस को खारिज कर दिया था. जिसके बाद सुधीर ने पुनर्विचार याचिका जिला एवं सत्र न्यायाधीश के न्यायालय में दायर की था. जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने मामले की गंभीरता को देखते हुए इसे अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश 20 अतुल पाठक के न्यायालय में स्थानांतरित कर दिया था.
सोमवार को अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश अतुल पाठक ने इस परिवाद में प्रियंका गांधी पर अगली तिथि पर सशरीर या अपने अधिवक्ता के माध्यम से अपना जवाब दाखिल करने को लेकर नोटिस जारी किया है. 12 दिसंबर को 11 बजे तक कोर्ट में जवाब दाखिल करने का समय दिया है.
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आपको बताएं कि कोर्ट के फैसले के बाद कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने ट्वीट कर कहा था, 'पहलू खान मामले में लोअर कोर्ट का फैसला चौंकने वाला है. हमारे देश में अमानवीयता की कोई जगह नहीं होनी चाहिए और भीड़ द्वारा हत्या एक जघन्य अपराध है.'
प्रियंका ने एक अन्य ट्वीट में कहा था, 'राजस्थान सरकार द्वारा भीड़ द्वारा हत्या के खिलाफ कानून बनाने की पहल सराहनीय है. आशा है कि पहलू खान मामले में न्याय दिलाकर इसका अच्छा उदाहरण पेश किया जाएगा.'
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