मुजफ्फरपुर: बिहार के मुजफ्फरपुर किडनी कांड में बड़ा खुलासा हुआ है. मुजफ्फरपुर किडनी कांड की पुष्टि करते हुए IGIMS अधीक्षक ने कहा कि महिला की एक भी किडनी नहीं है. IGIMS अधीक्षक ने इसकी पुष्टि की है. गौरतलब है कि बिहार के मुजफ्फरपुर में मानव अंग की तस्करी से जुड़ा मामला सामने (Muzaffarpur Crime News) आया था. यहां एक महिला की ऑपरेशन के क्रम में दोनों किडनी निकाल ली (Both Kidney Of Woman Removed In Muzaffarpur) गयी. महिला की तबीयत बिगड़ने पर पूरे मामले का खुलासा हुआ. ये मामला जिले के बरियापुर थाना क्षेत्र की घटना की है. महिला को इलाज के लिए पटना के पीएमसीएच में भर्ती कराया गया. जहां उसकी हालत नाजुक होने पर घर ले आए.
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मुजफ्फरपुर किडनी कांड में बड़ा खुलासा : मुजफ्फरपुर की रहने वाली सुनीता को जिंदा रहने के लिए किडनी की जरूरत है. सुनीता अभी के समय पटना के आईजीआईएमएस में एडमिट है और डायलिसिस पर चल रही हैं लेकिन डॉक्टरों का कहना है कि डायलिसिस पर वह ज्यादा दिनों तक जिंदा नहीं रह सकती. डॉक्टरों का कहना है कि सुनीता को जिंदा रहने के लिए किडनी की जरूरत है ऐसे में सवाल यह उठ रहा है कि सुनीता को किडनी देगा कौन. परिजन सरकार से किडनी डोनर की व्यवस्था करने की मांग कर रहे हैं.
मुजफ्फरपुर में महिला की दोनों किडनी निकाली : बताते चलें कि मुजफ्फरपुर के बरियारपुर बाजी गांव में युटेरस का ऑपरेशन कराने गई सुनीता की प्राइवेट हॉस्पिटल में दोनों किडनी निकाल ली गई थी. सुनीता मुजफ्फरपुर के शुभ कांत क्लीनिक में पेट दर्द की शिकायत लेकर पहुंची थी जहां डॉक्टरों ने कहा कि उसका यूट्रस खराब हो गया है और ऑपरेशन करना है. परिवार वालों ने उसे भर्ती करा दिया. ऑपरेशन के बाद महिला की तबीयत और अधिक बिगड़ गई. स्वास्थ्य बिगड़ने पर महिला को जब पीएमसीएच परिजन लेकर पहुंचे तो जांच में पता चला कि उसकी एक भी किडनी नहीं है. इसके बाद परिजनों ने सुनीता को मुजफ्फरपुर में ले जाकर एसकेएमसीएच में एडमिट कराया. फिर गुरुवार को एसकेएमसीएच से बेहतर इलाज के लिए आईजीआईएमएस में रेफर कर दिया गया. सुनीता अभी के समय आईजीआईएमएस में डायलिसिस पर है.
''सुनीता के अस्पताल में पहुंचते ही उसकी डायलिसिस की प्रक्रिया शुरू हो गई लेकिन डायलिसिस पर मरीज को ज्यादा दिन तक नहीं रखा जा सकता. जितनी जल्द हो सके मरीज को किडनी ट्रांसप्लांट करने की आवश्यकता होगी, नहीं तो मरीज की जान को बचा पाना मुश्किल है.''- डॉ मनीष मंडल, अधीक्षक, आईजीआईएमएस
'सरकार किडनी डोनर की व्यवस्था करे' : पीएमसीएच में जैसे ही इस मामले का पता चला कि सुनीता की एक भी किडनी नहीं है और प्राइवेट नर्सिंग होम संचालक ने मरीज की दोनों किडनी निकाल ली है, उसके बाद से इस मामले पर स्वास्थ्य विभाग काफी गंभीर हो गया है. मामले पर हाईकोर्ट ने भी संज्ञान लिया है और प्रशासनिक कार्यवाही भी चल रही है. परिवार की आर्थिक स्थिति को देखते हुए प्रशासन ने केंद्र सरकार से 5 लाख और बिहार सरकार से 3 लाख रुपए की आर्थिक सहायता दिलाने का भरोसा दिलाया है. लेकिन डॉक्टरों का कहना है कि सुनीता को जीने के लिए किडनी की जरूरत है और ऐसे में सुनीता के पिता लाल देवराम की मांग है कि उनकी बेटी के लिए सरकार किडनी डोनर की व्यवस्था करे.