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मधुबनी: नहीं बन पाया कमला बलान नदी का तटबंध, लोगों में भय व्यापत

एसडीएम के आदेश पर काम वापस शुरु तो हो गया था, लेकिन इसे बीच में ही अधूरा छोड़ दिया गया है. स्थानीय लोगों के मुताबिक 2007 में भी इसी जगह बांध टूटने से पूरे गांव में पानी घूस गया था.

तटबंध
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Published : Aug 31, 2019, 3:13 PM IST

मधुबनी: जिले के नरुआर गांव के समीप कमला बलान नदी का पश्चिमी तटबंध टूट गया था. बांध के टूटने से गांव पूरी तरह से बाढ़ की आगोश में आ गया था. जिला प्रशासन ने बांध की मरम्मत का कार्य शुरू किया था, लेकिन इसे बीच में ही अधूरा छोड़ दिया गया है. इससे लोगों में काफी भय व्यापत है.

2007 में भी इसी जगह टूटा था बांध
स्थानीय लोगों के मुताबिक 2007 में भी इसी जगह बांध टूटने से पूरे गांव में पानी घुस गया था. कई मकान ध्वस्त हो गए थे. कई लोगों की जान भी गई थी. दोबारा इसी जगह बांध टूटने से करोड़ों रुपए की संपत्ति का नुकसान हुआ. एक महीने से अधिक समय तक लोग बांध पर शरण लिए हुए थे. आपको बता दें कि इस बार आई बाढ़ में जिले में कुल 35 लोगों की मौत हो चुकी है.

तटबंध की स्थिति से ग्रामीण परेशान

लोगों ने किया था बांध मरम्मत का विरोध
इस बार आई बाढ़ के बाद जब बाढ़ प्रमंडल ने बांध के मरम्मत का कार्य शुरु किया था, तो नरुआर गांव के लोगों ने इसका जमकर विरोध किया था. ग्रामीणों ने दुर्गा पूजा के बाद मरम्मत कार्य शुरु करने की बात रखी थी, लेकिन जिला प्रशासन की तत्परता और सक्रियता से बांध का मरम्मत कार्य शुरू किया गया.

इस बाबत एसडीएम अंशुल अग्रवाल ने बताया था कि बांध पर विस्थापित कुछ लोगों ने बांध मरम्मती कार्य को रोका था, जिसे बाद में बातचीत के द्वारा ठीक कर लिया गया. कुछ लोगों ने लाठी-डंडे से हमला करने का भी प्रयास किया था, लेकिन अब बांध मरम्मत का कार्य शुरू हो गया है.

एसडीएम का बयान

काम बीच में ही अधूरा छोड़ दिया गया
एसडीएम के आदेश पर काम वापस शुरु तो हो गया था, लेकिन इसे बीच में ही अधूरा छोड़ दिया गया है. इसको लेकर लोग काफी डरे हुए हैं. लोगों का कहना है कि बरसात का महीना है और अगर कमला बलान नदी में पानी आती है तो यह गांव फिर से बाढ़ की चपेट में आ जाएगी.

मधुबनी: जिले के नरुआर गांव के समीप कमला बलान नदी का पश्चिमी तटबंध टूट गया था. बांध के टूटने से गांव पूरी तरह से बाढ़ की आगोश में आ गया था. जिला प्रशासन ने बांध की मरम्मत का कार्य शुरू किया था, लेकिन इसे बीच में ही अधूरा छोड़ दिया गया है. इससे लोगों में काफी भय व्यापत है.

2007 में भी इसी जगह टूटा था बांध
स्थानीय लोगों के मुताबिक 2007 में भी इसी जगह बांध टूटने से पूरे गांव में पानी घुस गया था. कई मकान ध्वस्त हो गए थे. कई लोगों की जान भी गई थी. दोबारा इसी जगह बांध टूटने से करोड़ों रुपए की संपत्ति का नुकसान हुआ. एक महीने से अधिक समय तक लोग बांध पर शरण लिए हुए थे. आपको बता दें कि इस बार आई बाढ़ में जिले में कुल 35 लोगों की मौत हो चुकी है.

तटबंध की स्थिति से ग्रामीण परेशान

लोगों ने किया था बांध मरम्मत का विरोध
इस बार आई बाढ़ के बाद जब बाढ़ प्रमंडल ने बांध के मरम्मत का कार्य शुरु किया था, तो नरुआर गांव के लोगों ने इसका जमकर विरोध किया था. ग्रामीणों ने दुर्गा पूजा के बाद मरम्मत कार्य शुरु करने की बात रखी थी, लेकिन जिला प्रशासन की तत्परता और सक्रियता से बांध का मरम्मत कार्य शुरू किया गया.

इस बाबत एसडीएम अंशुल अग्रवाल ने बताया था कि बांध पर विस्थापित कुछ लोगों ने बांध मरम्मती कार्य को रोका था, जिसे बाद में बातचीत के द्वारा ठीक कर लिया गया. कुछ लोगों ने लाठी-डंडे से हमला करने का भी प्रयास किया था, लेकिन अब बांध मरम्मत का कार्य शुरू हो गया है.

एसडीएम का बयान

काम बीच में ही अधूरा छोड़ दिया गया
एसडीएम के आदेश पर काम वापस शुरु तो हो गया था, लेकिन इसे बीच में ही अधूरा छोड़ दिया गया है. इसको लेकर लोग काफी डरे हुए हैं. लोगों का कहना है कि बरसात का महीना है और अगर कमला बलान नदी में पानी आती है तो यह गांव फिर से बाढ़ की चपेट में आ जाएगी.

Intro:पश्चिम तटबंध टूटने के बाद नही बन पाया लोगो मे भय व्याप्त,मधुबनी


Body:मधुबनी कमला बलान नदी में आई बाढ़ के कारण कमला बलान का पश्चिमी तटबंध नरुआर गांव के समीप टूट गया था बांध के टूटने से नरूआर गांव पूरी तरह से बाढ़ के आगोश में आ गया था।इससे पूर्व 2007 में भी बाँध यही टूट गई थी एक बार फिर दुबारा इसी जगह पर बाँध टूटी। कई मकान बाढ़ में ध्वस्त हो गए कई लोगों की जानें बाढ़ के कारण चली गई। जिले में कुल 35 लोगों की मौत बाढ़ के कारण हुई है। करोड़ों रुपए की संपत्ति का नुकसान हुई है अभी भी लोग घर से बेघर हुए हैं ।एक महीना से अधिक समय तक लोग बाँध पर शरण लिए हुए थे। बाढ़ प्रमंडल के द्वारा बांध मरम्मत कार्य शुरू करने के साथ ही ग्रामीणों ने पुरजोर विरोध किया था ग्रामीण बांध को दुर्गा पूजा के बाद ठीक करने की बात कर रहे थे लेकिन जिला प्रशासन की तत्परता और सक्रियता से बांध का मरम्मत कार्य शुरू किया गया लेकिन इसे बीच में ही अधूरा छोड़ दिया गया है ।जिससे लोग काफी डरे सहमे हुए हैं बरसात का महीना है और अगर कमला बलान नदी में पानी आती है तो पुनः यह गांव बाढ़ की चपेट में एक बार फिर आ जाएगी जिससे लोग काफी आक्रांत डरे सहमे हुए हैं लेकिन बाढ़ प्रमंडल के अधिकारी मरम्मत कार्य छोड़कर कुंभ करनी निद्रा में सोए हुए हैं देखना है इस बांध को पूर्ण रूप से मरम्मत कार्य किया जाता है या इस मझधार में ही छोड़ दिया जाता है लोग डर से त्राहिमाम कर रहे है।sdm अंशुल अग्रवाल ने बताया बांध पर विस्थापित कुछ लोगों ने बांध मरम्मती कार्य कोरोका था जिसे बाद में वार्तालाप के द्वारा ठीक कर लिया गया है।कुछ लोग लाठी डंडे से हमला करने का भी प्रयास किया गया था लेकिन अब बाँध मरम्मत का कार्य शुरू हो गया है। बाइट स्थानीय लोग बाइट ग्रामीण बाइट अंशुल अग्रवाल sdm झंझारपुर राज कुमार झा,मधुबनी


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