ETV Bharat / city

गया की गर्मी से भगवान भी त्रस्त, ठंडक के लिए लगा एसी, रोज लगता है चंदन का लेप

जो तेरा है वही हाल मेरा है, ये ही भक्त और भगवान के बीच का रिश्ता है. जो गया के गौड़ीया मठ में चरितार्थ हो रहा है. यहां भगवान को गर्मी से बचाने के लिए एसी लगाया गया है.

gaya
गया की गर्मी से भगवान भी त्रस्द
author img

By

Published : May 18, 2021, 9:10 AM IST

Updated : May 18, 2021, 11:12 AM IST

गयाः कहते हैं कि भक्ति को किसी तर्क से समझा नहीं जा सकता. ये कथन जिले के जीबी रोड स्थित गौड़ीया मठ में चरितार्थ हो रही है. कोरोना काल में इन दिनों भीषण गर्मी पड़ रही है. गर्मी 5 सालों के रिकाॅर्ड को तोड़ चुकी है, ऐसे में लोग परेशान हैं और गर्मी से बचने के लिए घरों में दुबके हैं. लेकिन गर्मी से सिर्फ आम लोग नहीं बल्कि भगवान भी परेशान हैं. ऐसे में गौड़िया मठ में भगवान को गर्मी से राहत देने के लिए भक्तों ने एसी लगवाया है.

इसे भी पढ़ेंः गया: 'ठंड बढ़ने पर भगवान को पहनाया गया गर्म कपड़ा, कई वषों से चली आ रही यह परंपरा'

मूर्तियों पर लगाया गया है चंदन का लेप
दरअसल जिले में पड़ रही गर्मी ने बीते कई सालों का रिकॉर्ड तोड़ दिया है. गर्मी के इस प्रकोप से आम से लेकर खास व्यक्ति भी प्रभावित हैं. वहीं, इस भीषण गर्मी का असर जिले के गौड़ीया मठ में राधे-कृष्ण की प्रतिमा पर भी देखा जा रहा है. मंदिर में भगवान को भक्ति भाव और बृज परंपरा के अनुसार गर्मी से बचाने के लिए एसी का लगवाया गया है. साथ ही भगवान की मूर्तियों पर चंदन का लेप लगाया जा रहा है.

gaya
गौड़ीया मठ गया

गया में हर साल गर्मी के मौसम में गौड़ीया मठ में भगवान के दरबार मे एसी लगाया जाता है. साथ ही उन्हें गर्मी नहीं लगे, इसके लिए प्रतिमा पर चंदन का लेप लगाया जाता है.

ईटीवी भारत ने इस बारे में गौड़ीया मठ के पुजारी उत्तम श्लोक दास से बात की. उन्होंने बताया कि यह परंपरा नई नहीं है. मन्दिर के स्थापना काल से यह परंपरा है. भगवान सेवा खोजते हैं और हम भक्ति भाव से उनकी सेवा करते हैं.

"इस प्रचंड गर्मी में उन्हें राहत मिले, इसके लिए चंदन का लेप दोपहर में लगाया जाता है. दिन और पूरी रात दरबार में एसी चलते रहता है. भगवान को खास सूती के वस्त्र पहनाए गए हैं और गर्मी से बचाव के लिए मौसमी फल, लस्सी का भोग लगाया जाता है." उत्तम श्लोक, गौड़ीया मठ के पुजारी

patna
गौड़ीय मठ गया

"चंदन पूरी से लाया जाता है, चंदन को हम लोग खुद पीसकर उससे लेप बनाते हैं. चंदन का लेप अक्षय तृतीया से लगाने की शुरुआत कर दी जाती है. चंदन के लेप में सेंट का प्रयोग किया जाता है. अक्षय तृतीया से पूरी अवधि तक चंदन का लेप लगाने में आठ किलो चंदन की लकड़ी खर्च होती है." उत्तम श्लोक, गौड़ीया मठ के पुजारी

भक्त के कष्टों से भगवान भी गुजरते हैं
आप उक्त बातों से असहमत हो सकते हैं या कई लोग इसे बकवास या अतार्किक कहेंगे. लेकिन जैसा कि हमने पहले बताया, भक्ति को किसी तर्क से समझा नहीं जा सकता. इसे समझने के लिए तो भगवान के प्रति समर्पण और प्रेम का भाव चाहिए. बृज परंपरा में इसी समर्पण और प्रेम के कारण माना जाता है कि जो कष्ट या भाव भक्त महसूस करते हैं उसी से उसके भगवान भी गुजरते हैं.

गयाः कहते हैं कि भक्ति को किसी तर्क से समझा नहीं जा सकता. ये कथन जिले के जीबी रोड स्थित गौड़ीया मठ में चरितार्थ हो रही है. कोरोना काल में इन दिनों भीषण गर्मी पड़ रही है. गर्मी 5 सालों के रिकाॅर्ड को तोड़ चुकी है, ऐसे में लोग परेशान हैं और गर्मी से बचने के लिए घरों में दुबके हैं. लेकिन गर्मी से सिर्फ आम लोग नहीं बल्कि भगवान भी परेशान हैं. ऐसे में गौड़िया मठ में भगवान को गर्मी से राहत देने के लिए भक्तों ने एसी लगवाया है.

इसे भी पढ़ेंः गया: 'ठंड बढ़ने पर भगवान को पहनाया गया गर्म कपड़ा, कई वषों से चली आ रही यह परंपरा'

मूर्तियों पर लगाया गया है चंदन का लेप
दरअसल जिले में पड़ रही गर्मी ने बीते कई सालों का रिकॉर्ड तोड़ दिया है. गर्मी के इस प्रकोप से आम से लेकर खास व्यक्ति भी प्रभावित हैं. वहीं, इस भीषण गर्मी का असर जिले के गौड़ीया मठ में राधे-कृष्ण की प्रतिमा पर भी देखा जा रहा है. मंदिर में भगवान को भक्ति भाव और बृज परंपरा के अनुसार गर्मी से बचाने के लिए एसी का लगवाया गया है. साथ ही भगवान की मूर्तियों पर चंदन का लेप लगाया जा रहा है.

gaya
गौड़ीया मठ गया

गया में हर साल गर्मी के मौसम में गौड़ीया मठ में भगवान के दरबार मे एसी लगाया जाता है. साथ ही उन्हें गर्मी नहीं लगे, इसके लिए प्रतिमा पर चंदन का लेप लगाया जाता है.

ईटीवी भारत ने इस बारे में गौड़ीया मठ के पुजारी उत्तम श्लोक दास से बात की. उन्होंने बताया कि यह परंपरा नई नहीं है. मन्दिर के स्थापना काल से यह परंपरा है. भगवान सेवा खोजते हैं और हम भक्ति भाव से उनकी सेवा करते हैं.

"इस प्रचंड गर्मी में उन्हें राहत मिले, इसके लिए चंदन का लेप दोपहर में लगाया जाता है. दिन और पूरी रात दरबार में एसी चलते रहता है. भगवान को खास सूती के वस्त्र पहनाए गए हैं और गर्मी से बचाव के लिए मौसमी फल, लस्सी का भोग लगाया जाता है." उत्तम श्लोक, गौड़ीया मठ के पुजारी

patna
गौड़ीय मठ गया

"चंदन पूरी से लाया जाता है, चंदन को हम लोग खुद पीसकर उससे लेप बनाते हैं. चंदन का लेप अक्षय तृतीया से लगाने की शुरुआत कर दी जाती है. चंदन के लेप में सेंट का प्रयोग किया जाता है. अक्षय तृतीया से पूरी अवधि तक चंदन का लेप लगाने में आठ किलो चंदन की लकड़ी खर्च होती है." उत्तम श्लोक, गौड़ीया मठ के पुजारी

भक्त के कष्टों से भगवान भी गुजरते हैं
आप उक्त बातों से असहमत हो सकते हैं या कई लोग इसे बकवास या अतार्किक कहेंगे. लेकिन जैसा कि हमने पहले बताया, भक्ति को किसी तर्क से समझा नहीं जा सकता. इसे समझने के लिए तो भगवान के प्रति समर्पण और प्रेम का भाव चाहिए. बृज परंपरा में इसी समर्पण और प्रेम के कारण माना जाता है कि जो कष्ट या भाव भक्त महसूस करते हैं उसी से उसके भगवान भी गुजरते हैं.

Last Updated : May 18, 2021, 11:12 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.