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बेटे की हैवानियत पर पिता की दरियादिली- 'केस करूंगा तो जेल हो जाएगी'

जिस लाठी के सहारे बुजुर्ग कैलाश चलते थे, उसी लाठी से मारकर उनका अंगूठा तोड़ दिया है. इसके अलावा शरीर के कई दूसरे हिस्सों पर अंदुरुनी चोट पहुंची है.

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Published : Jul 10, 2019, 1:10 PM IST

Updated : Jul 10, 2019, 1:46 PM IST

मामूली विवाद में पिता को मारकर किया लहूलहुान

गया: जिले के बाराचट्टी प्रखंड स्थित कोहूदाग पंचायत में कलयुगी बेटे ने मामूली बात पर अपने पिता और भाई को पीट-पीट कर लहूलुहान कर दिया. 85 वर्षीय घायल कैलाश यादव इसके बावजूद भी बेटे के खिलाफ थाने में शिकायत नहीं करना चाहते.

मामूली विवाद में मारपीट
घटना के बारे में पिता कैलाश यादव कहते हैं कि दैनिक जीवन के गुजर-बसर के लिए चार बकरियां पालते हैं. बंटवारे के बाद छोटा बेटा अलग रहता है. बकरियां उसके घर की ओर जाकर फूल-पत्ते खाने लगी. इसपर बेटे रामकेश्वर यादव ने बकरियों को मारना शुरू कर दिया. इसी बात का विरोध करने पर मुझे मारने लगा. बचाव में आए बड़े बेटे को भी मारकर घायल कर दिया.

मामूली विवाद में पिता को मारकर किया लहूलुहान

पिता का अंगूठा तोड़ा
आरोपी बेटे ने अपने पिता को बुरी तरह से मारकर घायल कर दिया है. जिस लाठी के सहारे बुजुर्ग कैलाश चलते थे,उसी लाठी से मारकर उनका अंगूठा तोड़ दिया है. इसके अलावा शरीर के कई दूसरे हिस्सों पर अंदुरुनी चोट पहुंची है. दर्द से कराहते पिता कहते हैं घाव के दर्द तो दवा से ठीक हो जाऐंगे लेकिन जो अंदर का दर्द है वो कैसे ठीक होगा.

शिकायत दर्ज नहीं कराना चाहते पिता
इतनी तकलीफ के बावजूद भी उन्होंने कहा मैं शिकायत दर्ज नही कराऊंगा, उसे जेल हो जाएगी. मैं ऐसा नहीं चाहता. बहुत मेहनत और गरीबी में पाला है. लट्ठा चलाकर जो मजदूरी रूप में अनाज मिलता था उससे परिवार का भरण-पोषण करते थे, लेकिन आज वही बेटा मार रहा है.

घायलों का इलाज जारी
बाराचट्टी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में इलाज कर रहे डॉक्टर शिवशंकर झा ने कहा कि स्थानीय गांव के पिता-पुत्र को चोट लगी है. पिता के हाथ में तो वहीं बड़े बेटे के सर में चोट लगी है. दोनों का इलाज किया जा रहा है.

गया: जिले के बाराचट्टी प्रखंड स्थित कोहूदाग पंचायत में कलयुगी बेटे ने मामूली बात पर अपने पिता और भाई को पीट-पीट कर लहूलुहान कर दिया. 85 वर्षीय घायल कैलाश यादव इसके बावजूद भी बेटे के खिलाफ थाने में शिकायत नहीं करना चाहते.

मामूली विवाद में मारपीट
घटना के बारे में पिता कैलाश यादव कहते हैं कि दैनिक जीवन के गुजर-बसर के लिए चार बकरियां पालते हैं. बंटवारे के बाद छोटा बेटा अलग रहता है. बकरियां उसके घर की ओर जाकर फूल-पत्ते खाने लगी. इसपर बेटे रामकेश्वर यादव ने बकरियों को मारना शुरू कर दिया. इसी बात का विरोध करने पर मुझे मारने लगा. बचाव में आए बड़े बेटे को भी मारकर घायल कर दिया.

मामूली विवाद में पिता को मारकर किया लहूलुहान

पिता का अंगूठा तोड़ा
आरोपी बेटे ने अपने पिता को बुरी तरह से मारकर घायल कर दिया है. जिस लाठी के सहारे बुजुर्ग कैलाश चलते थे,उसी लाठी से मारकर उनका अंगूठा तोड़ दिया है. इसके अलावा शरीर के कई दूसरे हिस्सों पर अंदुरुनी चोट पहुंची है. दर्द से कराहते पिता कहते हैं घाव के दर्द तो दवा से ठीक हो जाऐंगे लेकिन जो अंदर का दर्द है वो कैसे ठीक होगा.

शिकायत दर्ज नहीं कराना चाहते पिता
इतनी तकलीफ के बावजूद भी उन्होंने कहा मैं शिकायत दर्ज नही कराऊंगा, उसे जेल हो जाएगी. मैं ऐसा नहीं चाहता. बहुत मेहनत और गरीबी में पाला है. लट्ठा चलाकर जो मजदूरी रूप में अनाज मिलता था उससे परिवार का भरण-पोषण करते थे, लेकिन आज वही बेटा मार रहा है.

घायलों का इलाज जारी
बाराचट्टी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में इलाज कर रहे डॉक्टर शिवशंकर झा ने कहा कि स्थानीय गांव के पिता-पुत्र को चोट लगी है. पिता के हाथ में तो वहीं बड़े बेटे के सर में चोट लगी है. दोनों का इलाज किया जा रहा है.

Intro:हर माँ बाप का सपना रहता है मेरा बेटा श्रवण जैसा हो, पर ये सपना हकीकत होते इस कलयुग में नही दिखता। गया के बाराचट्टी प्रखंड के कोहूदाग पंचायत के रहने वाले 85 वर्षीय कैलाश यादव के छोटा बेटा रामकेश्वर यादव छोटी सी बात पर मारकर लहूलुहान कर दिया। घायल पिता ने कहा- बेटा के खिलाफ थाना में मामला दर्ज करवाये गए,तो बेटा को जेल जाना पड़ेगा,मैं ऐसा नही चाहता।


Body:एक पिता के अंगूठा को पकड़कर हर कोई चलना सीखता हैं, जब पिता चलने लायक नही होता तो सहारा देने के बजाय अनादर किया जाता है। गया में एक कुकर्मी बेटा ने अनादर ही नही अपने पिता को मारकर लहूलुहान कर दिया। पिता जिस लाठी के सहारे कदम बढ़ाते थे उसी लाठी से मारकर अंगूठा के पास घाव दे दिया, अंगूठा तोड़ दिया और कई जगहों पर अंदुरुनी चोट दे दिया है। पिता कहते हैं ये घाव का दर्द तो दवा से ठीक हो जाएगा जो अंदर का दर्द है वो कैसे ठीक होगा।

85 वर्षीय कैलाश यादव बताते हैं अपने जीविकोपार्जन के लिए चार बकरी पाले हुए हैं। बकरी तो नदान हैं बकरी उस घर तरफ जाकर फूल पौधा से पता खाने लगा, मेरा छोटा बेटा रामकेश्वर यादव ने बकरी को मारने लगा। मैं जाकर बोला बकरी को क्या पता बंटवारा हो गया है उसे भूख लग गया जाकर खा लिया। इतने में आकर मेरा लाठी लेकर मुझे मारने लगा। मेरा बड़ा बेटा बचाव में आया उसे भी मारकर सर फाड़ दिया है। हमदोनो बाराचट्टी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में इलाज करवाने हैं।

बेटा के खिलाफ़ थाना में शिकायत दर्ज करवाये गए, उन्होंने कहा मैं शिकायत दर्ज नही कराऊंगा, उसको जेल हो जाएगा। बहुत मेहनत और गरीबी में पाले है। लठ्ठा चलाकर जो मजदूरी रूप में अनाज मिलता था उससे भरण पोषण करते थे। आज वही बेटा मार रहा है।


Conclusion:
Last Updated : Jul 10, 2019, 1:46 PM IST
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