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गया: बेलागंज CHC की हालत जर्जर, फैन चलाने पर टूटकर गिरती है इमरजेंसी वॉर्ड की सीलिंग - बिहार न्यूज़

इमरजेंसी वॉर्ड में आए मरीजों का इलाज जर्जर भवन में होता है. लगभग 2 लाख 65 हजार मरीजों को स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने वाला अस्पताल खुद बीमार है.

बेलागंज स्थित सीएचसी अस्पताल
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Published : Jul 18, 2019, 12:44 PM IST

गयाः बेलागंज के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के इमरजेंसी वॉर्ड की सीलिंग जर्जर है. आलम ये है कि पंखा चलाने पर सीलिंग टूटकर गिरने लगती है. जिसके कारण वहां इलाज के लिए आए मरीज खौफ में रहता है. आलम ये है इमरजेंसी हालत में आये मरीज का इलाज इस भीषण गर्मी में भी बिना पंखे का होता है.

जर्जर स्थिति के बारे में बताते अस्पताल प्रबंधक और मरीज के परिजन


जर्जर हो चुका है इमरजेंसी वॉर्ड
मरीज के परिजन बताते हैं कि इमरजेंसी वॉर्ड की हालत कंकाल जैसी हो गई है. डर लगता है कब छत का प्लास्टर गिर जाएगा. मजबूरन वे लोग वहां इलाज करवा रहे हैं. वॉर्ड में पंखा रहते हुए भी बिना पंखे के इलाज करवाना पड़ता है. क्योंकि पंखा चलाने पर सीलिंग के गिरने लगता है.

गया
इमरजेंसी वार्ड के छत की जर्जर स्थिति

'जिलाधिकारी को है जानकारी'
अस्पताल प्रबंधक विजेन्द्र शर्मा ने बताया कि यह अस्पताल 30 बेड का है. यह अस्पताल 2 लाख 65 हजार की आबादी को स्वास्थ्य सेवा प्रदान करता है. चमकी बुखार और जापानी बुखार के लिए हमें अलर्ट पर रखा गया है. आशा दीदी और आंगनबाड़ी केंद्र को बताया गया है कि बुखार से पीड़ित कोई बच्चा जानकारी में आये तो उसकी सूचना अस्पताल को दे दी जाए. यहां एक वॉर्ड में दो बेड सुरक्षित हैं. लेकिन, इमरजेंसी वॉर्ड की हालत जर्जर है. जिलाधिकारी को इस बारे में अवगत किया गया है. उनकी तरफ से मरम्मत करने का आश्वासन मिला है.

ईटीवी भारत का किया शुक्रिया
बेलागंज प्रखंड के रामपुर गांव से आये मरीज की हालत नाजुक थी, पूरी शरीर ऐंठ रही थी. मरीज को प्राथमिक उपचार के बाद डॉक्टर ने मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल में रेफर कर दिया। रेफर करने के बाद गरीब मरीज के परिजन के पास इतने पैसे नहीं थे कि वो मरीज को निजी एम्बुलेंस से मेडिकल अस्पताल ले जाये. मरीज के परिजन ने अस्पताल के एम्बुलेंस की मांग की तो कह दिया गया कि एम्बुलेंस मरीज को लाने बाहर गई है. मरीज की हालत बिगड़ रही थी तब मरीज के परिजन ने ईटीवी भारत से गुहार लगाई. सामाजिक सरोकार निभाते हुए हमारे संवाददाता ने अस्पताल के अधिकारियों से बात कर एम्बुलेंस का इंतजाम करवाया. मरीज के परिजन चंदन कुमार ने इसके लिए ईटीवी को शुक्रिया कहा.

गयाः बेलागंज के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के इमरजेंसी वॉर्ड की सीलिंग जर्जर है. आलम ये है कि पंखा चलाने पर सीलिंग टूटकर गिरने लगती है. जिसके कारण वहां इलाज के लिए आए मरीज खौफ में रहता है. आलम ये है इमरजेंसी हालत में आये मरीज का इलाज इस भीषण गर्मी में भी बिना पंखे का होता है.

जर्जर स्थिति के बारे में बताते अस्पताल प्रबंधक और मरीज के परिजन


जर्जर हो चुका है इमरजेंसी वॉर्ड
मरीज के परिजन बताते हैं कि इमरजेंसी वॉर्ड की हालत कंकाल जैसी हो गई है. डर लगता है कब छत का प्लास्टर गिर जाएगा. मजबूरन वे लोग वहां इलाज करवा रहे हैं. वॉर्ड में पंखा रहते हुए भी बिना पंखे के इलाज करवाना पड़ता है. क्योंकि पंखा चलाने पर सीलिंग के गिरने लगता है.

गया
इमरजेंसी वार्ड के छत की जर्जर स्थिति

'जिलाधिकारी को है जानकारी'
अस्पताल प्रबंधक विजेन्द्र शर्मा ने बताया कि यह अस्पताल 30 बेड का है. यह अस्पताल 2 लाख 65 हजार की आबादी को स्वास्थ्य सेवा प्रदान करता है. चमकी बुखार और जापानी बुखार के लिए हमें अलर्ट पर रखा गया है. आशा दीदी और आंगनबाड़ी केंद्र को बताया गया है कि बुखार से पीड़ित कोई बच्चा जानकारी में आये तो उसकी सूचना अस्पताल को दे दी जाए. यहां एक वॉर्ड में दो बेड सुरक्षित हैं. लेकिन, इमरजेंसी वॉर्ड की हालत जर्जर है. जिलाधिकारी को इस बारे में अवगत किया गया है. उनकी तरफ से मरम्मत करने का आश्वासन मिला है.

ईटीवी भारत का किया शुक्रिया
बेलागंज प्रखंड के रामपुर गांव से आये मरीज की हालत नाजुक थी, पूरी शरीर ऐंठ रही थी. मरीज को प्राथमिक उपचार के बाद डॉक्टर ने मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल में रेफर कर दिया। रेफर करने के बाद गरीब मरीज के परिजन के पास इतने पैसे नहीं थे कि वो मरीज को निजी एम्बुलेंस से मेडिकल अस्पताल ले जाये. मरीज के परिजन ने अस्पताल के एम्बुलेंस की मांग की तो कह दिया गया कि एम्बुलेंस मरीज को लाने बाहर गई है. मरीज की हालत बिगड़ रही थी तब मरीज के परिजन ने ईटीवी भारत से गुहार लगाई. सामाजिक सरोकार निभाते हुए हमारे संवाददाता ने अस्पताल के अधिकारियों से बात कर एम्बुलेंस का इंतजाम करवाया. मरीज के परिजन चंदन कुमार ने इसके लिए ईटीवी को शुक्रिया कहा.

Intro:गया के बेलागंज में स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के इमरजेंसी वार्ड जर्जर हालत में है। अस्पताल की जर्जर हालत इतना है फ़ंखा चलाने पर प्लास्टर गिरने लगता हैं। आपातकाल परिस्थितियों आये मरीज का इलाज इस जर्जर भवन में होता हैं। लगभग 2 लाख 65 हजार मरीजो का स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने वाला अस्पताल खुद बीमार है।




Body:सरकार के सुशासन की शाख बचाने के लिए स्वास्थ्य विभाग बहुत जतन कर रहा है पर बीमार अस्पताल सुशासन की सरकार का पोल खोल दे रहा है। गया के बेलागंज के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के इमरजेंसी वार्ड के छत सरकार के स्वास्थ्य व्यवस्था का पोल खोल दे रही है। इमरजेंसी वार्ड का छत का प्लास्टर गिर रहा है उसी के नीचे मरीज का इलाज होता है। प्लास्टर को हल्का छूने या फ़ंखा चलाने पर गिरने लगता हैं। आलम ये है इमरजेंसी हालत में आये मरीज का इलाज इस भीषण गर्मी में बिना फ़ंखा का होता हैं।

बेलागंज के प्रखंड के रामपुर गांव से आये मरीज की हालत नाजुक था , पूरा शरीर ऐंठ रहा था। मरीज को प्राथमिक उपचार के बाद डॉक्टर ने मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल में रेफर कर दिया। रेफर करने के बाद गरीब मरीज के परिजन के पास इतने पैसा नही था वो मरीज को निजी एम्बुलेंस से मेडिकल अस्पताल ले जाये। मरीज के परिजन अस्पताल के एम्बुलेंस का मांग किया तो कह दिया गया एम्बुलेंस मरीज को लाने बाहर गया है। मरीज की हालत बिगड़ रही थी तब भी मरीज के परिजन ने ईटीवी से गुहार लगाया ईटीवी ने अस्पताल के अधिकारियों से बात करके तुरन्त एम्बुलेंस का इंतजाम करवाया। मरीज के परिजन चंदन कुमार ने ईटीवी को इसके लिए शुक्रिया कहा।

मरीज के परिजन ने बताया कि इमरजेंसी वार्ड का हालत कंकाल के जैसा हो गया है। डर लगता हैं कब छत का प्लास्टर गिर जाए। मजबूरी हमलोग यहां इलाज करवा रहे हैं। वार्ड में फ़ंखा रहते हुए भी बिना फ़ंखा का इलाज करवा रहे हैं। फ़ंखा चालू करने पर प्लास्टर गिरने लगता है।

बेलागंज समुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के अस्पताल प्रबंधक विजेन्द्र शर्मा ने बताया ये अस्पताल 30 बेड का है , 2 लाख 65 हजार के आबादी को स्वास्थ्य सेवा प्रदान करता है। चमकी बुखार और जापानी बुखार के लिए हमलोग अलर्ट पर रखा गया है। आशा दीदी और आंगनबाड़ी केंद्र को बताया गया है बुखार से पीड़ित कोई बच्चा जानकारी में आये उसका सूचना अस्पताल को दे। यहा एक वार्ड में दो बेड सुरक्षित रखा गया है। इमरजेंसी वार्ड जर्जर हालत में है छत के प्लास्टर गिर रहे हैं। जिलाधिकारी को इस बारे अवगत किया गया था। उन्ही के आदेश पर इस मे जल्द ही मरम्मत का कार्य होगा।




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