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बोधगया में नवनिर्मित कोरियन बुद्धिस्ट टेम्पल का हुआ उद्घाटन, मजबूत होंगे कोरिया-भारत संबंध

बोधगया के मस्तीपुर गांव (Mastipur Village of Bodh Gaya) स्थित नवनिर्मित कोरियन बुद्धिस्ट टेम्पल का उद्घाटन (Korean Buddhist Temple Inauguration) किया गया. भारत के इस पहले बौद्ध मठ का निर्माण कोरिया की संस्कृति और परंपरा के अनुसार किया गया है. उद्घाटन समारोह में कोरिया के राजदूत चांग जे-बोक मुख्य अतिथि थे. पढ़ें पूरी खबर.

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Published : May 22, 2022, 10:52 PM IST

गया: भगवान बुद्ध की पावन ज्ञान भूमि बोधगया के मस्तीपुर गांव स्थित नवनिर्मित कोरियन बुद्धिस्ट टेम्पल का विधिवत उद्घाटन (Korean Buddhist Temple inaugurated in Bodh Gaya) किया गया. कोरिया की संस्कृति और परंपरा के अनुसार निर्मित भारत के इस पहले बौद्ध मठ के उद्घाटन में वहां के भारत में कोरिया के राजदूत चांग जे-बोक (Korea Ambassador Chang Jae Bok) बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए. उद्घाटन समारोह कोरिया की संस्कृति और परंपराओं के अनुसार बौद्ध धर्मगुरुओं द्वारा धार्मिक मंत्रोच्चारण के साथ संपन्न हुआ.

ये भी पढ़ें: बोधगया में तोप के गोले और हथियार के खोखे से बना शांति स्तूप देता है अमन-चैन का संदेश

कोरिया-भारत के डिप्लोमेटिक रिलेशन का 50वां साल: समारोह में कोरिया के अलावे भारत, श्रीलंका, बंगला देश, तिब्बत, जापान, थाईलैंड सहित कई देशों के बौद्ध भिक्षु और श्रद्धालु उपस्थित रहे. उद्घाटन समारोह को लेकर कोरियाई राजदूत के साथ कोरिया से 150 श्रद्धालुओं का शिष्टमंडल भी कार्यक्रम में शामिल हुआ. मंदिर के उद्घाटन के दौरान श्रद्धालुओं द्वारा फूलों की बारिश की गई. मालूम हो कि कोरिया-भारत के बीच डिप्लोमेटिक रिलेशनशिप का यहां 50वां साल चल रहा है.

देखें वीडियो

'कोरिया से इंडिया आने वाले बौद्ध श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ेगी. कोरियाई परंपरा के अनुसार इस मंदिर का निर्माण किया गया है. इससे कोरिया से भारत आने वाले बौद्ध श्रद्धालुओं की संख्या दिनोंदिन बढ़ेगी. साथ ही कोरिया-भारत देश की संस्कृति और सभ्यता को जानने का भी मौका मिलेगा. फरवरी 2019 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कोरिया गए थे. जहां उन्होंने शांति प्रतीक के रूप में बोधिवृक्ष के पौधे को दिया था. इस तरह के कार्यक्रम से कोरिया-भारत के संबंध और मजबूत होंगे.'-चांग जे-बोक, भारत में कोरिया के राजदूत.

77 करोड़ रुपये की लागत से टेंपल का निर्माण: वहीं कोरिया बुद्धिस्ट टेंपल के भिक्षु प्रभारी भंते धम्मादीपा ने कहा कि कोरियाई स्थापत्य कला के अनुसार इस भव्य मंदिर का निर्माण लगभग 77 करोड़ रुपये की लागत से किया गया है. मंदिर के अंदर भगवान बुद्ध की 300 किलो वजन की ब्रांज की मूर्ति स्थापित की गई है. भारत व कोरिया देश के राजनयिक संबंध के 50 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष में इस मंदिर का निर्माण किया गया है, जो बड़े ही गौरव की बात है.

इस मंदिर के बन जाने से कोरिया देश के बौद्ध धर्मावलंबी भारत आएंगे और भारतीय बौद्ध परंपरा का भी अध्ययन करेंगे. उन्होंने कहा कि भारत देश से ही पूरी दुनिया में बौद्ध धर्म का प्रचार प्रसार हुआ था, ऐसे में पूरे विश्व से बौद्ध धर्मावलंबी बोधगया आते हैं. आज के कार्यक्रम में भी विश्व के कई देशों के बौद्ध धर्मगुरु, लामा व श्रद्धालु शामिल हो रहे हैं. निश्चित रूप से यह खुशी की बात है.

ये भी पढ़ें: वैशाली में बुद्धिस्ट सम्यक दर्शन संग्रहालय दिसंबर तक बनकर होगा पूरा, CM के सवाल पर मिला ये आश्वासन

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गया: भगवान बुद्ध की पावन ज्ञान भूमि बोधगया के मस्तीपुर गांव स्थित नवनिर्मित कोरियन बुद्धिस्ट टेम्पल का विधिवत उद्घाटन (Korean Buddhist Temple inaugurated in Bodh Gaya) किया गया. कोरिया की संस्कृति और परंपरा के अनुसार निर्मित भारत के इस पहले बौद्ध मठ के उद्घाटन में वहां के भारत में कोरिया के राजदूत चांग जे-बोक (Korea Ambassador Chang Jae Bok) बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए. उद्घाटन समारोह कोरिया की संस्कृति और परंपराओं के अनुसार बौद्ध धर्मगुरुओं द्वारा धार्मिक मंत्रोच्चारण के साथ संपन्न हुआ.

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कोरिया-भारत के डिप्लोमेटिक रिलेशन का 50वां साल: समारोह में कोरिया के अलावे भारत, श्रीलंका, बंगला देश, तिब्बत, जापान, थाईलैंड सहित कई देशों के बौद्ध भिक्षु और श्रद्धालु उपस्थित रहे. उद्घाटन समारोह को लेकर कोरियाई राजदूत के साथ कोरिया से 150 श्रद्धालुओं का शिष्टमंडल भी कार्यक्रम में शामिल हुआ. मंदिर के उद्घाटन के दौरान श्रद्धालुओं द्वारा फूलों की बारिश की गई. मालूम हो कि कोरिया-भारत के बीच डिप्लोमेटिक रिलेशनशिप का यहां 50वां साल चल रहा है.

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'कोरिया से इंडिया आने वाले बौद्ध श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ेगी. कोरियाई परंपरा के अनुसार इस मंदिर का निर्माण किया गया है. इससे कोरिया से भारत आने वाले बौद्ध श्रद्धालुओं की संख्या दिनोंदिन बढ़ेगी. साथ ही कोरिया-भारत देश की संस्कृति और सभ्यता को जानने का भी मौका मिलेगा. फरवरी 2019 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कोरिया गए थे. जहां उन्होंने शांति प्रतीक के रूप में बोधिवृक्ष के पौधे को दिया था. इस तरह के कार्यक्रम से कोरिया-भारत के संबंध और मजबूत होंगे.'-चांग जे-बोक, भारत में कोरिया के राजदूत.

77 करोड़ रुपये की लागत से टेंपल का निर्माण: वहीं कोरिया बुद्धिस्ट टेंपल के भिक्षु प्रभारी भंते धम्मादीपा ने कहा कि कोरियाई स्थापत्य कला के अनुसार इस भव्य मंदिर का निर्माण लगभग 77 करोड़ रुपये की लागत से किया गया है. मंदिर के अंदर भगवान बुद्ध की 300 किलो वजन की ब्रांज की मूर्ति स्थापित की गई है. भारत व कोरिया देश के राजनयिक संबंध के 50 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष में इस मंदिर का निर्माण किया गया है, जो बड़े ही गौरव की बात है.

इस मंदिर के बन जाने से कोरिया देश के बौद्ध धर्मावलंबी भारत आएंगे और भारतीय बौद्ध परंपरा का भी अध्ययन करेंगे. उन्होंने कहा कि भारत देश से ही पूरी दुनिया में बौद्ध धर्म का प्रचार प्रसार हुआ था, ऐसे में पूरे विश्व से बौद्ध धर्मावलंबी बोधगया आते हैं. आज के कार्यक्रम में भी विश्व के कई देशों के बौद्ध धर्मगुरु, लामा व श्रद्धालु शामिल हो रहे हैं. निश्चित रूप से यह खुशी की बात है.

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