गया : बिहार के गया में इन दिनों विश्व प्रसिद्ध पितृपक्ष मेला चल रहा है. वहीं इसके बीच कुछ पिंडदानी अन्य सामग्रियों के साथ शराब चढ़ा कर पितरों की मोक्ष की कामना कर रहे हैं. बिहार में शराबबंदी है, इसके बावजूद यह सब हो रहा है. बिहार में शराब नहीं मिलने की स्थिति में दूसरे राज्यों से शराब ऐसे पिंडदानी लेकर आते (Liquor Used In Pitru Paksha) हैं.
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शराब लेकर आए पिंडदानी : इसी क्रम में यूपी के कुछ पिंडदानी शराब लेकर आए और प्रेतशिला में अन्य सामग्रियों के साथ शराब चढ़ाकर भी पितरों के मोक्ष की कामना की. यूपी के कुछ पिंडदानी गाजीपुर जिले से आए हैं. वहीं से पिंडदान सामग्रियों के साथ-साथ शराब भी लेकर आए. पितरों की मुक्ति के लिए इसका भी उपयोग करते हैं.
प्रेतशिला में किया जा रहा है ऐसा : प्रेतशिला पर्वत पर गाजीपुर से आए तीर्थयात्रियों के द्वारा पिंडदान किया जा रहा है. पिंडदान के लिए लौंग, इलायची, कसैली, हल्दी और विदेशी शराब का प्रयोग किया जा रहा है. शराबबंदी वाले बिहार में प्रेतशिला पिंडवेदी पर अन्य सामग्रियों के साथ-साथ विदेशी शराब का भी उपयोग किया जा रहा है.
''मेरे माता पिता की मृत्यु कम उम्र में ही हो गई थी. उनके श्राद्ध करने के लिए गया जी पहुंचे हैं. पंडित जी जो बताए थे, इन सारी चीजों को लेकर पहुंचे हैं. सामग्री में लौंग, जाफर समेत अन्य सामग्रियों के साथ-साथ शराब भी है.''- महावीर प्रसाद जायसवाल, पिंंडदानी, गाजीपुर
''घर में परेशानी हो रही थी. माता-पिता, दादा-दादी की मौत हुई थी. उनकी आत्मा शांति के लिए गया पहुंचे हैं. लौंग, पीला सरसों, जाफर और शराब का भी उपयोग कर रहे हैं. बताया गया है कि इससे अकस्मात मृत्यु वाले पितरों को मुक्ति मिलती है.''- रामा शंकर गुप्ता, पिंंडदानी, गाजीपुर
अकस्मात मृत्यु वाली पितरों को मिलती है मुक्ति : विश्व प्रसिद्ध पितृपक्ष मेला में लाखों की संख्या में श्रद्धालु गया आकर अपने पितरों के मोक्ष की कामना को लेकर पिंडदान-तर्पण कर्मकांड को पूरा करते हैं. प्रेतशिला में वैसे पितरों का पिंडदान होता है, जिनकी अकाल मृत्यु हुई हो. प्रेतशिला में पिंडदान से पितरों को प्रेत योनि से मुक्ति मिलती है और मोक्ष की प्राप्ति होती है.