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रोजेदारों के लिए बनाए गए अल्पसंख्यक क्वॉरेंटाइन सेंटर में नहीं मिल रही सुविधाएं - चाकन्द हाई स्कूल

डीएम अभिषेक सिंह ने ही प्रवासी रोजेदार श्रमिकों को अलग से अल्पसंख्यक क्वॉरेंटाइन सेंटर में रखने का निर्देश दिया था. चाकन्द हाई स्कूल में बने सेंटर के रोजेदारों की शिकायत है कि यहां सेहरी और इफ्तार के लिए कोई व्यवस्था नहीं है.

Minority Quarantine Center
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Published : May 14, 2020, 9:11 PM IST

गया: अल्पसंख्यक समुदाय के श्रमिकों के लिए रमजान महीने में अलग क्वॉरेंटाइन सेंटर बनाए गए हैं, ताकि रोजेदारों को कोई परेशानी न हो. डीएम अभिषेक सिंह ने ही प्रवासी रोजेदार श्रमिकों को अलग से अल्पसंख्यक क्वॉरेंटाइन सेंटर में रखने का निर्देश दिया था. जिला शिक्षा पदाधिकारी को इस अल्पसंख्यक सेंटर का प्रभारी भी बनाया गया.जिले में दो अल्पसंख्यक सेंटर बनाया गया है. लेकिन आरोप है कि इस सेंटर में रोजेदारों को इफ्तार के लिए दो खजूर भी नसीब नहीं हो रहे हैं.

रोजेदारों की शिकायत
ईटीवी भारत ने चाकन्द हाई स्कूल में बने क्वॉरेंटाइन सेंटर का जायजा लिया. यहां 29 रोजेदार है लेकिन इनकी शिकायत है कि इन्हें खाने के लिए कुछ नहीं मिल रहा है. यहां तक कि रोजा खोलने के लिए दो खजूर भी नसीब नहीं हो रहे हैं. एक श्रमिक ने बताया कि हम मुंबई से आए हैं. पिछले आठ दिनों से सेंटर में रह रहे हैं, यहां 29 रोजेदार है लेकिन सेहरी और इफ्तार के लिए कोई व्यवस्था नहीं है. कभीं घर से मंगवाकर रोजा खोलते है या कभी कभी पानी पीकर ही रोजा खोलना पड़ता है. एक समय का खाना भी अच्छा नहीं मिलता है.

Minority Quarantine Center
चाकन्द हाई स्कूल में बना अल्पसंख्यक क्वॉरेंटाइन सेंटर
स्थानीय प्रशासन की कारस्तानीअल्पसंख्यक क्वॉरेंटाइन सेंटर के प्रभारी जिला शिक्षा पदाधिकारी मुस्तफा हुसैन अंसारी ने इन आरोपों को खारिज कर दिया. उन्होंने कहा कि सभी रोजेदारों को सेहरी करने के लिए दूध और बिस्किट मिलता और इफ्तार के लिए कई तरह के फल, चने की सब्जी और पकौड़ी मिलती है. यहां सारी सुविधाएं उपलब्ध है. हालांकि सेंटर के प्रभारी की दलीलों को जिला प्रशासन के कर्मचारी ही नकार रहे हैं. सेंटर पर कार्यरत कर्मचारी ने बताया रोजेदारो को अलग से कुछ नहीं मिलता. रोजाना जो भोजन बनता है, वहीं उन्हें दिया जाता है. ये हंगामा करते हैं, लेकिन कोई नहीं सुनता. क्वॉरेंटाइन सेंटर में स्थानीय मुखिया की ओर से सेहरी और इफ्तार के लिए सामग्री उपलब्ध कराई जाती है.

गया: अल्पसंख्यक समुदाय के श्रमिकों के लिए रमजान महीने में अलग क्वॉरेंटाइन सेंटर बनाए गए हैं, ताकि रोजेदारों को कोई परेशानी न हो. डीएम अभिषेक सिंह ने ही प्रवासी रोजेदार श्रमिकों को अलग से अल्पसंख्यक क्वॉरेंटाइन सेंटर में रखने का निर्देश दिया था. जिला शिक्षा पदाधिकारी को इस अल्पसंख्यक सेंटर का प्रभारी भी बनाया गया.जिले में दो अल्पसंख्यक सेंटर बनाया गया है. लेकिन आरोप है कि इस सेंटर में रोजेदारों को इफ्तार के लिए दो खजूर भी नसीब नहीं हो रहे हैं.

रोजेदारों की शिकायत
ईटीवी भारत ने चाकन्द हाई स्कूल में बने क्वॉरेंटाइन सेंटर का जायजा लिया. यहां 29 रोजेदार है लेकिन इनकी शिकायत है कि इन्हें खाने के लिए कुछ नहीं मिल रहा है. यहां तक कि रोजा खोलने के लिए दो खजूर भी नसीब नहीं हो रहे हैं. एक श्रमिक ने बताया कि हम मुंबई से आए हैं. पिछले आठ दिनों से सेंटर में रह रहे हैं, यहां 29 रोजेदार है लेकिन सेहरी और इफ्तार के लिए कोई व्यवस्था नहीं है. कभीं घर से मंगवाकर रोजा खोलते है या कभी कभी पानी पीकर ही रोजा खोलना पड़ता है. एक समय का खाना भी अच्छा नहीं मिलता है.

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चाकन्द हाई स्कूल में बना अल्पसंख्यक क्वॉरेंटाइन सेंटर
स्थानीय प्रशासन की कारस्तानीअल्पसंख्यक क्वॉरेंटाइन सेंटर के प्रभारी जिला शिक्षा पदाधिकारी मुस्तफा हुसैन अंसारी ने इन आरोपों को खारिज कर दिया. उन्होंने कहा कि सभी रोजेदारों को सेहरी करने के लिए दूध और बिस्किट मिलता और इफ्तार के लिए कई तरह के फल, चने की सब्जी और पकौड़ी मिलती है. यहां सारी सुविधाएं उपलब्ध है. हालांकि सेंटर के प्रभारी की दलीलों को जिला प्रशासन के कर्मचारी ही नकार रहे हैं. सेंटर पर कार्यरत कर्मचारी ने बताया रोजेदारो को अलग से कुछ नहीं मिलता. रोजाना जो भोजन बनता है, वहीं उन्हें दिया जाता है. ये हंगामा करते हैं, लेकिन कोई नहीं सुनता. क्वॉरेंटाइन सेंटर में स्थानीय मुखिया की ओर से सेहरी और इफ्तार के लिए सामग्री उपलब्ध कराई जाती है.
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