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बोधगया में धूमधाम से मनाई जा रही भगवान बुद्ध की 2563 वीं जयंती - पर्व

शोभायात्रा में विश्व के कई देशों के धर्मगुरु, लामा और स्कूली बच्चे शामिल हुए. शोभा यात्रा में नेपाल, श्रीलंका, जापान, म्यांमार, तिब्बत, भूटान, भारत समेत विश्व के कई देशों के बौद्ध धर्मगुरु और श्रद्धालु शामिल हुए.

शोभायात्रा
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Published : May 18, 2019, 10:41 AM IST

गया: भगवान बुद्ध की 2563 वीं जयंती देशभर में धूमधाम से मनाई जा रही है. बौद्धनगरी बोधगया में इसे पवित्र पर्व के रूप में मनाया जा रहा है. इस मौके पर महाबोधि मंदिर में स्थापित बुद्ध की 80 फीट की विशाल मूर्ति से एक भव्य शोभायात्रा निकाली गई. यात्रा में शामिल हुए कई देशों के बौद्ध भक्तों ने विश्व शांति का संदेश दिया.

celebration
भगवान बुद्ध की विशाल मूर्ति
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श्रद्धालुओं का तांता

शोभायात्रा बोधगया के सड़क मार्गों से होते हुए विश्व धरोहर महाबोधि मंदिर तक पहुंची. जहां शोभायात्रा में शामिल श्रद्धालुओं ने मंदिर के गर्भगृह में विशेष रूप से पूजा अर्चना की. साथ ही पवित्र बोधिवृक्ष के नीचे ध्यान भी लगाया. इस शोभायात्रा में विश्व के कई देशों के धर्मगुरु, लामा और स्कूली बच्चे शामिल हुए. शोभा यात्रा में नेपाल, श्रीलंका, जापान, म्यांमार, तिब्बत, भूटान, भारत समेत विश्व के कई देशों के बौद्ध धर्मगुरु और श्रद्धालु शामिल हुए.

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विदेशी मेहमानों ने भी लिया हिस्सा
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महाबोधि मंदिर

त्रिविध जयंती है आज का पर्व
बौद्ध भिक्षुओं ने बताया कि इसे त्रिविध जयंती भी कहा जाता है. त्रिविध जयंती कहने का मतलब यह है कि आज ही के दिन भगवान बुद्ध का जन्म हुआ था. आज ही के दिन भगवान बुद्ध को ज्ञान की प्राप्ति हुई थी और आज ही के दिन उनका महापरिनिर्वाण यानि उनकी मृत्यु हुई थी. ऐसा संयोग केवल महापुरुषों के साथ ही होता है.

celebration
बच्चे भी शामिल

आज का दिन है पवित्र
बोधगया में शनिवार को भगवान बुद्ध के जीवनकाल पर आधारित कई घटनाओं को कार्यक्रमों के माध्यम से दिखाया जायेगा और धर्मगुरु साधना करेंगे. उन्होंने कहा कि भगवान बुद्ध के उपदेश आज भी लोगों के लिए प्रेरणादायक हैं. भगवान बुद्ध ने बोधगया में ज्ञान की प्राप्ति कर पूरी दुनिया को सत्य, अहिंसा, प्रेम, करुणा, मैत्री, भाईचारा का संदेश दिया था. आज का दिन बौद्ध धर्मावलंबियों के लिए सबसे पवित्र दिन है.

भगवान बुद्ध की 2563 वीं जयंती

गया: भगवान बुद्ध की 2563 वीं जयंती देशभर में धूमधाम से मनाई जा रही है. बौद्धनगरी बोधगया में इसे पवित्र पर्व के रूप में मनाया जा रहा है. इस मौके पर महाबोधि मंदिर में स्थापित बुद्ध की 80 फीट की विशाल मूर्ति से एक भव्य शोभायात्रा निकाली गई. यात्रा में शामिल हुए कई देशों के बौद्ध भक्तों ने विश्व शांति का संदेश दिया.

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भगवान बुद्ध की विशाल मूर्ति
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श्रद्धालुओं का तांता

शोभायात्रा बोधगया के सड़क मार्गों से होते हुए विश्व धरोहर महाबोधि मंदिर तक पहुंची. जहां शोभायात्रा में शामिल श्रद्धालुओं ने मंदिर के गर्भगृह में विशेष रूप से पूजा अर्चना की. साथ ही पवित्र बोधिवृक्ष के नीचे ध्यान भी लगाया. इस शोभायात्रा में विश्व के कई देशों के धर्मगुरु, लामा और स्कूली बच्चे शामिल हुए. शोभा यात्रा में नेपाल, श्रीलंका, जापान, म्यांमार, तिब्बत, भूटान, भारत समेत विश्व के कई देशों के बौद्ध धर्मगुरु और श्रद्धालु शामिल हुए.

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विदेशी मेहमानों ने भी लिया हिस्सा
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महाबोधि मंदिर

त्रिविध जयंती है आज का पर्व
बौद्ध भिक्षुओं ने बताया कि इसे त्रिविध जयंती भी कहा जाता है. त्रिविध जयंती कहने का मतलब यह है कि आज ही के दिन भगवान बुद्ध का जन्म हुआ था. आज ही के दिन भगवान बुद्ध को ज्ञान की प्राप्ति हुई थी और आज ही के दिन उनका महापरिनिर्वाण यानि उनकी मृत्यु हुई थी. ऐसा संयोग केवल महापुरुषों के साथ ही होता है.

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बच्चे भी शामिल

आज का दिन है पवित्र
बोधगया में शनिवार को भगवान बुद्ध के जीवनकाल पर आधारित कई घटनाओं को कार्यक्रमों के माध्यम से दिखाया जायेगा और धर्मगुरु साधना करेंगे. उन्होंने कहा कि भगवान बुद्ध के उपदेश आज भी लोगों के लिए प्रेरणादायक हैं. भगवान बुद्ध ने बोधगया में ज्ञान की प्राप्ति कर पूरी दुनिया को सत्य, अहिंसा, प्रेम, करुणा, मैत्री, भाईचारा का संदेश दिया था. आज का दिन बौद्ध धर्मावलंबियों के लिए सबसे पवित्र दिन है.

भगवान बुद्ध की 2563 वीं जयंती
Intro:BH_Gaya_Pradeep_kr_Singh_
Boudh_Jyanti_In_Bodhgaya

बोधगया में धूमधाम से मनाई गई भगवान बुद्ध की 2563 वी बुद्ध जयंती,
बोधगया की सड़कों पर निकाली गई भव्य शोभायात्रा,
शोभायात्रा में विश्व के कई देशों के धर्मगुरु, लामा, स्थानीय स्कूली बच्चे एवं गणमान्य लोग हुए शामिल।


Body:गया: भगवान बुद्ध की पावन ज्ञानभूमि बोधगया में आज भगवान बुद्ध की 2563 वी बुद्ध जयंती मनाई गई। बुद्ध जयंती को लेकर बोधगया स्थित भगवान बुद्ध की 80 फीट की विशाल मूर्ति के समीप से एक भव्य शोभायात्रा निकाली गई। यह शोभायात्रा बोधगया के विभिन्न सड़क मार्गो से होते हुए विश्व धरोहर महाबोधि मंदिर तक पहुंची। जहां शोभायात्रा में शामिल श्रद्धालुओं ने मंदिर के गर्भगृह में विशेष रूप से पूजा अर्चना की। साथ ही पवित्र बोधिवृक्ष के नीचे ध्यान लगाया। इस शोभायात्रा में विश्व के कई देशों के धर्मगुरु, लामा, स्कूली बच्चे शामिल हुए। शोभा यात्रा में नेपाल, श्रीलंका, जापान, म्यांमार, तिब्बत, भूटान, भारत सहित विश्व के कई देशों के बौद्ध धर्मगुरु एवं श्रद्धालु शामिल हुए।
कार्यक्रम में शामिल बौद्ध भिक्षुओं ने बताया कि आज भगवान बुद्ध की 2563 वी जयंती हमलोग मना रहे हैं। हम लोग भगवान बुद्ध की त्रिविध जयंती मना रहे है। त्रिविध जयंती कहने का मतलब यह है कि आज ही के दिन भगवान बुद्ध का जन्म हुआ था, आज ही के दिन भगवान बुद्ध को ज्ञान की प्राप्ति हुई थी एवं आज ही के दिन उनका महापरिनिर्वाण अर्थात उनकी मृत्यु हुई थी। ऐसा संयोग सिर्फ केवल महापुरुषों के साथ होता है। इसीलिए भगवान बुद्ध की हम लोग जयंती मना रहे हैं । आज भगवान बुद्ध के जीवनकाल पर आधारित कई घटनाओं को कार्यक्रमों के माध्यम से दिखाया जायेगा। धर्मगुरुओं द्वारा साधना की जाएगा। उन्होंने कहा कि आज भी भगवान बुद्ध के उपदेश प्रासंगिक हैं। भगवान बुद्ध ने बोधगया में ज्ञान की प्राप्ति कर पूरी दुनिया को सत्य, अहिंसा, प्रेम, करुणा, मैत्री, भाईचारा का संदेश दिया था। आज का दिन बौद्ध धर्मावलंबियों के लिए सबसे पवित्र दिन है।

बाइट- भंते चंद्रमणि, त्रिपुरा निवासी।
बाइट- भंते प्रज्ञादीप, अध्यक्ष, अखिल भारतीय बौद्ध भिक्षु संघ।
बाइट- भंते कल्याणप्रिय, बांग्लादेशी बौद्ध भिक्षु।

रिपोर्ट- प्रदीप कुमार सिंह
गया



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