गया: बोधगया महाबोधि मंदिर (Bodhgaya Mahabodhi Temple) से थोड़ी दूरी पर स्थित बीटीएमसी के पास नीरा काउंटर लगाए जाने का विरोध (Buddhist monks opposing Neera center) शुरू हो गया है. बोधगया में बौद्ध भिक्षुओं ने इसका विरोध किया है. इंटरनेशनल बुद्धिष्ट काउंसिल के भंते प्रज्ञादीप की अगुवाई में बीटीएमसी पहुंचकर वहां पर लगाए गए नीरा केंद्र के स्टॉल का बौद्ध भिक्षुओं ने विरोध जताया.
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सीएम ने 16 अप्रैल को किया था उद्घाटन: इस नीरा केंद्र का इसी महीने 16 अप्रैल को ही उद्घाटन हुआ था. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा इसका उद्घाटन किया गया था. अब इसका विरोध होना शुरू हो गया है. इंटरनेशनल बुद्धिस्ट काउंसिल के भंते प्रज्ञादीप ने कहा है कि जिस स्थल पर नीरा का काउंटर लगाया गया है, वह अंतर्राष्ट्रीय स्थल है. महाबोधि मंदिर में हजारों पर्यटक आते हैं. ऐसे में इस स्थल पर काउंटर लगाकर ताड़ के पेड़ के छायाचित्र के साथ नीरा काउंटर लगाया है, जिससे बोधगया की छवि धूमिल हो रही है.
उन्होंने कहा कि नीरा केंद्र का स्टाल लगाए जाने से बेहतर संदेश नहीं जा रहा है. भंते प्रज्ञा दीप का कहना है कि इस जगह पर सिर्फ मुख्यमंत्री द्वारा उद्घाटन को लेकर उस दिन के लिए ही कहा गया था लेकिन अब तक इस जगह से नीरा केंद्र को हटाया नहीं गया है. गया के जिला पदाधिकारी से मांग की गयी है कि अविलंब इस जगह से नीरा केंद्र का काउंटर हटाया जाये. इससे गलत संदेश जा रहा है.
ताड़ के पेड़ से बनता है नीरा: गौरतलब हो कि नीरा ताड़ के पेड़ से बनाया जाता है. सूर्य की रोशनी से पहले ताड़ के पेड़ से जो द्रव्य उतारा जाता है, उसे नीरा कहा जाता है. वहीं सूर्य की रोशनी के बाद इसे ताड़ी माना जाता है, जो कि अल्कोहलिक हो जाता है. जानकारी हो कि बिहार में शराबबंदी के बाद ताड़ी को भी देसी दारू की श्रेणी में रखा गया है.
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