गयाः बिहार के गया निवासी अमन नागसेन (Aman Nagsen) की चीन में हत्या के 21 दिनों के बाद आज उसका अंतिम संस्कार (Funeral) किया जाना है. अंत्येष्टी की प्रक्रिया के लिए नागसेन के शव को कसथुआ गांव लाया गया. इस दौरान शव यात्रा में सैकड़ों की संख्या में छात्र शामिल हुए.
इसे भी पढ़ें- चीन में हत्या के 21 दिन बाद बिहार पहुंचा छात्र अमन नागसेन का शव
शवयात्रा में शामिल हुए लोगों की आंखें नम हैं. वे अमन नागसेन को इंसाफ दिलाने की मांग कर रहे थे. अब से बस कुछ देर बाद ही नागसेन का अंतिम संस्कार किया जाएगा. श्मशान घाट पर उसके परिजन, ग्रामीण सहित छात्र मौजूद हैं. बता दें कि अमन का शव शव शुक्रवार की शाम पैतृक उसके पैतृक गांव पहुंचा था.
वहीं, मृतक अमन के चाचा पंकज पासवान ने सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने कहा कि चीन से शव लाने में भारत सरकार ने सिर्फ हस्ताक्षर किया है. उन्होंने कहा कि वास्तव में सरकार इसे लेकर गंभीर ही नहीं थी. शव को लाने में हमारे परिवार का ही योगदान रहा.
इसे भी पढ़ें-चीन में पढ़ने गए बिहार के छात्र की मौत, भाजपा सांसद ने की विदेश राज्य मंत्री से संज्ञान लेने की मांग
"बीते 21 दिनों में भारत सरकार का रवैया देखकर पता चल गया कि यह सरकार दलित विरोधी है. इस पूरे प्रकरण में सरकार का एक भी प्रतिनिधि उपस्थित नहीं रहा. राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किए जाने की मांग को भी नहीं माना गया. साजिश के तहत मेरे बेटे की हत्या की गई है. अगर चुनाव के वक्त ये सब कुछ होता तो नेताओं की फौज खड़ी हो जाती. हमारे बेटे को जब तक न्याय नहीं मिलेगा, तब तक हम मुहिम चलाते रहेंगे."- पंकज पासवान, मृतक नागसेन के चाचा
पंकज पासवान ने बताया कि गया जिले के परैया प्रखंड के मंगरावां पंचायत स्थित कष्टठुआ गांव में नागसेन का अंतिम संस्कार किया जा रहा है. ग्रामीणों की मदद से मोरहर नदी के तट पर गांव से कुछ दूर पर पक्की घाट बनाया गया है. उसी घाट पर नागसेन अमन का अंतिम संस्कार किया जा रहा है.
इसे भी पढ़ें- Gaya News: अमन नागसेन की मौत पर बवाल, शव को स्वदेश लाने के लिए सड़क पर उतरे छात्र
बता दें कि छात्र अमन नागसेन चीन के यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी में इंटरनेशनल बिजनेस स्टडी की पढ़ाई करने के लिए गया हुआ था. जहां 23 जुलाई को उसकी हत्या कर दी गई थी. जिसके बाद मृतक छात्र के परिजनों को 30 जुलाई को इसकी सूचना दी गई थी. इसके बाद से ही परिजन अमन के शव को स्वदेश लाने की गुहार लगा रहे थे. शव आ जाने के बाद परिजनों ने सरकार पर इस मामले को गंभीरता से नहीं लेने का आरोप लगाया है.