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DMCH में महिला ने दिया जुड़वां बच्चियों को जन्म, आपस में पेट से जुड़ी हैं दोनों

बच्चियों के पिता ने कहा कि अल्ट्रासाउंड में यह तो पता था कि जुड़वां बच्चे हैं, लेकिन दोनों आपस में जुड़े हैं इसकी जानकारी नहीं हो सकी थी. अब हम काफी परेशान हैं. समझ नहीं आ रहा है कि आखिर क्या करें.

पस में पेट से जुड़ी दोनो जुड़वां बच्चियां
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Published : Aug 13, 2019, 7:30 PM IST

दरभंगा: डीएमसीएच के गायनिक वार्ड में एक महिला ने पेट से जुड़ी दो बच्चियों को जन्म दिया. बच्ची को देखने अस्पताल में भीड़ लग गई. नगर थाना क्षेत्र के रत्नोपट्टी निवासी विकास मल्लिक ने अपनी पत्नी को डीएमसीएच में भर्ती कराया. यहां महिला ने जुड़वां बच्चियों को जन्म दिया.

DMCH में महिला ने दिया जुड़वां बच्चियों को जन्म

परिजन काफी परेशान
बच्चियों के जन्म के बाद से परिजन काफी परेशान हैं. बच्चियों के पिता ने कहा कि अल्ट्रासाउंड में यह तो पता था कि जुड़वां बच्चे हैं, लेकिन दोनों आपस में जुड़े हैं इसकी जानकारी नहीं हो सकी थी. उन्होंने कहा कि ऑपरेशन के बाद ही पता चला कि दोनों बच्चियां आपस में जुड़ी हैं. अब हम काफी परेशान हैं. समझ नहीं आ रहा है कि आखिर क्या करें.

'बच्चियों की अच्छी देखभाल जरुरी'
अस्पताल की डॉक्टर राजश्री ने बताया कि जुड़वां बच्चियों के कारण काफी सावधानी से ऑपरेशन किया. दोनों बच्चियां जुड़ी हैं इसलिए उन्हें निकालने में काफी परेशानी हुई. उन्होंने कहा कि बच्चियों की अच्छी तरह से देखभाल की जानी चाहिए. तभी किसी बड़े अस्पताल में इनका सफल ऑपरेशन करके अलग किया जा सकता है.

'अस्पताल प्रबंधन कर रहा बच्चियों की निगरानी'
वहीं, डीएमसीएच के उपाधीक्षक डॉ मणि भूषण शर्मा ने कहा कि दोनों फीमेल बेबी है और आपस में जुड़ीं है. लेकिन हाथ पैर और सर अलग है, सिर्फ छाती से लेकर पेट तक सटे हैं. हमने शिशु विभाग के डॉक्टर को बुलाकर चेकअप करवाया है. अस्पताल प्रबंधन लगातार बच्चियों की निगरानी कर रहा है.

दरभंगा: डीएमसीएच के गायनिक वार्ड में एक महिला ने पेट से जुड़ी दो बच्चियों को जन्म दिया. बच्ची को देखने अस्पताल में भीड़ लग गई. नगर थाना क्षेत्र के रत्नोपट्टी निवासी विकास मल्लिक ने अपनी पत्नी को डीएमसीएच में भर्ती कराया. यहां महिला ने जुड़वां बच्चियों को जन्म दिया.

DMCH में महिला ने दिया जुड़वां बच्चियों को जन्म

परिजन काफी परेशान
बच्चियों के जन्म के बाद से परिजन काफी परेशान हैं. बच्चियों के पिता ने कहा कि अल्ट्रासाउंड में यह तो पता था कि जुड़वां बच्चे हैं, लेकिन दोनों आपस में जुड़े हैं इसकी जानकारी नहीं हो सकी थी. उन्होंने कहा कि ऑपरेशन के बाद ही पता चला कि दोनों बच्चियां आपस में जुड़ी हैं. अब हम काफी परेशान हैं. समझ नहीं आ रहा है कि आखिर क्या करें.

'बच्चियों की अच्छी देखभाल जरुरी'
अस्पताल की डॉक्टर राजश्री ने बताया कि जुड़वां बच्चियों के कारण काफी सावधानी से ऑपरेशन किया. दोनों बच्चियां जुड़ी हैं इसलिए उन्हें निकालने में काफी परेशानी हुई. उन्होंने कहा कि बच्चियों की अच्छी तरह से देखभाल की जानी चाहिए. तभी किसी बड़े अस्पताल में इनका सफल ऑपरेशन करके अलग किया जा सकता है.

'अस्पताल प्रबंधन कर रहा बच्चियों की निगरानी'
वहीं, डीएमसीएच के उपाधीक्षक डॉ मणि भूषण शर्मा ने कहा कि दोनों फीमेल बेबी है और आपस में जुड़ीं है. लेकिन हाथ पैर और सर अलग है, सिर्फ छाती से लेकर पेट तक सटे हैं. हमने शिशु विभाग के डॉक्टर को बुलाकर चेकअप करवाया है. अस्पताल प्रबंधन लगातार बच्चियों की निगरानी कर रहा है.

Intro:डीएमसीएच के गायनिक वार्ड में एक महिला में जुड़े हुए बच्ची को जन्म दिया है। जिसके बाद उस बच्ची को देखने के लिए अस्पताल में भीड़ लगी हुई। वही बच्ची के जन्म के बाद उसके परिजन को समझ मे नही आ रहा है कि आखिर वे करे तो क्या करे, क्योकि ये लोग आर्थिक रूप से मजबूत नही है। ताकि बाहर जाकर बच्चे का ऑपरेशन से अलग करा सके।




Body:दरअसल नगर थाना क्षेत्र के रत्नोंपट्टी निवासी विकास मल्लिक अपनी पत्नी आरती देवी को प्रसव कराने के लिए डीएमसीएच के स्त्री रोग विभाग में सोमवार को 8 बजे सुबह में भर्ती कराया। जहां डॉक्टर ने जुड़वे बच्चे होने के 10 बजे आरती देवी को ऑपरेशन कर बच्चे को निकाला। जन्म के बाद डॉक्टर ने देखा कि बच्ची छाती पेट तक एक दूसरे से सटे हुए है। जिसके बाद इस बात की जानकारी आरती देवी के परिजन को दिया गया। वही बच्ची के पिता विकास मल्लिक ने कहा कि कल 10 बजे ऑपरेशन करके बच्चा हुआ और नर्स ने आकर कहा कि दोनों बच्चा सटा हुआ है। हालांकि उन्होंने कहा कि अल्ट्रासाउंड में यह तो पता था कि बच्चा जुड़वां है लेकिन सटा हुआ है यह पता नहीं चल पाया था। वही उन्होंने कहा कि ऑपरेशन के बाद ही पता चला कि बच्चा दोनों सटा हुआ है। साथ ही उन्होंने कहा कि हम लोग काफी परेशान है समझ में नहीं आ रहा है कि आखिर करे तो क्या करें।


Conclusion:वही डॉ राजश्री ने बताया कि हम लोगों को मालूम था कि बच्चा जुड़वा है, जिसको लेकर हम लोग सतर्कता पूर्वक ऑपरेशन किया। तो देखा कि दोनों बच्चे जुड़े हुए हैं बच्चे को निकालने में काफी परेशानी हुई। क्योंकि दोनों बच्चे की छाती से पेट का जुड़ा हुआ था। साथ ही उन्होंने कहा कि अगर बच्चे की अच्छी तरह से देखभाल की जाए तो, बच्ची को बाहर ले जाकर सफल ऑपरेशन करके अलग किया जा सकता है।


वहीं डीएमसीएच के उपाधीक्षक डॉ मणि भूषण शर्मा ने कहा कि कल 10 बजे आरती नामक एक मरीज आई थी। जिसका ऑपरेशन करके बच्चा हुआ है, दोनों फीमेल बेबी है और दोनों बच्चा बची जुड़ी हुई है। लेकिन हाथ पैर सर अलग है, सिर्फ छाती से लेकर पेट तक सटा हुआ है। जिसको लेकर हमने शिशु विभाग के डॉक्टर को बुलाकर देखभाल करवा रहै हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि हमने शिशु विभाग के चिकित्सक को निर्देश दिया है कि बच्ची का अल्ट्रासाउंड करा कर देख ले कि कोई भइटल ऑर्गेन अलग अलग है कि नहीं। वहीं उन्होंने कहा कि एक बच्ची मां का दूध पी रही है, लेकिन एक बच्ची थोडी सी कमजोर है। जिसको लेकर हमने निर्देश दिया है कि बच्ची को शिशु विभाग में रखकर स्पेशल केयर किया जाये। ताकि बाहर जाकर दोनों बच्चे का सफल ऑपरेशन करके अलग अलग किया जा सके।

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विकास मल्लिक, बच्ची का पिता
डॉ राजश्री, चिकित्सक स्त्री रोग विभाग
डॉ मणि भूषण शर्मा, उपाधीक्षक डीएमसीएच
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