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दरभंगा एयरपोर्ट के नामकरण पर जनहित याचिका दायर, हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार से मांगा जवाब

दरभंगा एयरपोर्ट (Darbhanga Airport) के नामकरण को लेकर पटना हाईकोर्ट एक जनहित याचिका दायर की गयी है. राज दरभंगा इतिहास संरक्षण एवं संवर्धन समिति द्वारा दायर याचिका को पटना हाईकोर्ट ने स्वीकार करते हुए केंद्र सरकार जवाब मांगा है.

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Published : Aug 6, 2021, 7:35 PM IST

दरभंगा: दरभंगा एयरपोर्ट (Darbhanga Airport) का नाम कवि कोकिल विद्यापति (Vidyapati) के नाम पर किए जाने के बिहार सरकार के प्रस्ताव के खिलाफ पटना हाईकोर्ट (Patna High Court) में एक जनहित याचिका दायर की गई है. याचिकाकर्ताओं ने बताया कि हाईकोर्ट ने याचिका को स्वीकार करते हुए केंद्र सरकार से 4 महीने के भीतर जवाब मांगा है. यह याचिका दरभंगा की एक स्वयंसेवी संस्था राज दरभंगा इतिहास संरक्षण एवं संवर्धन समिति (Raj Darbhanga History Preservation and Promotion Committee) के सदस्य संजय कुमार राय ने दायर की है. उनकी इस जनहित याचिका का दरभंगा राज परिवार ने भी समर्थन किया है.

ये भी पढ़ें : Darbhanga Parcel Blast: 20 अगस्त तक जेल में रहेंगे चारों आतंकी, NIA कोर्ट में हुई पेशी

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राज दरभंगा इतिहास संरक्षण एवं संवर्धन समिति के संरक्षक रंगनाथ ठाकुर ने कहा कि दरभंगा राज ने 1962 में भारत-चीन युद्ध के समय सामरिक महत्व को देखते हुए 89 एकड़ में बना अपना एयरपोर्ट भारत सरकार को सौंप दिया था. सरकार से राज परिवार को एक पैसा भी मुआवजा नहीं मिला था. इसके बावजूद जब 2020 में दरभंगा एयरपोर्ट पर सेवा शुरू हुई है. सरकार इस एयरपोर्ट का नाम विद्यापति के नाम पर करने जा रही है और इस संबंध में राज परिवार के सदस्यों से राय तक नहीं ली गई.

उन्होंने कहा कि यह न्यायोचित नहीं है. उन्होंने कहा इसी के खिलाफ समिति के एक सदस्य संजय कुमार राय ने पटना हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की है. उन्होंने कहा कि इस याचिका में एयरपोर्ट के 3 नाम सुझाए गए हैं. ये हैं- दरभंगा एयरपोर्ट, महाराजाधिराज कामेश्वर सिंह दरभंगा एयरपोर्ट और महाराजाधिराज कामेश्वर सिंह विद्यापति एयरपोर्ट.

उन्होंने कहा कि इस याचिका को स्वीकार करते हुए पटना हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार से इन नामों पर विचार करने को कहा है. इस संबंध में 4 महीने के भीतर सरकार से जवाब मांगा है. रंगनाथ ठाकुर ने कहा कि उनकी संस्था इस लड़ाई को आगे तक ले जाएगी और जरुरत पड़ी तो वे सुप्रीम कोर्ट तक जाएंगे.

हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें विद्यापति के नाम पर कोई एतराज नहीं है. विद्यापति न सिर्फ मिथिला बल्कि पूरे देश के लिए आदरणीय हैं लेकिन न्याय यही कहता है कि जो व्यक्ति दानदाता है उसका नाम उससे जुड़ी संस्था में होना चाहिए या उसका नामकरण करने के पहले उस परिवार से सलाह-मशविरा किया जाना चाहिए.

वहीं, दूसरी तरफ राज परिवार के सदस्य और महाराजा कामेश्वर सिंह के पौत्र कपिलेश्वर सिंह ने भी इस जनहित याचिका का समर्थन किया है. उन्होंने याचिकाकर्ता संजय कुमार राय को धन्यवाद दिया और कहा कि महाराजा रामेश्वर सिंह ने कूचबिहार, पूर्णिया, सहरसा और दरभंगा एयरपोर्ट की स्थापना की थी. उन्होंने कहा कि दरभंगा राज ने दरभंगा एविएशन कंपनी (Darbhanga Aviation Company) की स्थापना की थी और इस कंपनी के कई जहाज भारत सरकार (Indian Government) को दान में दे दिए गए थे. दरभंगा एयरपोर्ट का नामकरण महाराजा कामेश्वर सिंह के नाम पर होना चाहिए.

बता दें कि दरभंगा एयरपोर्ट की स्थापना 1930 के दशक में दरभंगा महाराज रामेश्वर सिंह ने की थी. उस समय यहां से कलकत्ता तक आम लोगों के लिए भी फ्लाइट चलती थी जिसका लाभ तब के व्यापारी उठाया करते थे. इस एयरपोर्ट पर कई देशों के राजा-महाराज, राष्ट्राध्यक्ष, देश के बड़े नेता और बड़े ब्रिटिश अधिकारी उतर चुके हैं. 1962 में भारत-चीन युद्ध के समय दरभंगा राज ने 89 एकड़ में बने इस एयरपोर्ट को भारत सरकार को सौंप दिया था. इस पर भारतीय वायु सेना ने दरभंगा एयर फोर्स स्टेशन का निर्माण कराया.

इस एयरपोर्ट पर दोबारा 8 नवंबर 2020 को हवाई सेवा की शुरुआत हुई. इसके तहत फिलहाल स्पाइसजेट और इंडिगो की एक दर्जन भर से ज्यादा फ्लाइट्स देश के कई महानगरों के लिए उड़ान भरती हैं. बिहार सरकार ने हाल ही में विधानसभा से एक प्रस्ताव पारित कराया है जिसके तहत इस एयरपोर्ट का नाम बदलकर कवि कोकिल विद्यापति एयरपोर्ट (Kavi Kokil Vidyapati Airport) करने का प्रस्ताव है. इस प्रस्ताव को बिहार सरकार ने केंद्र सरकार को भेज दिया है. फिलहाल यह प्रस्ताव विचाराधीन है.

दरभंगा: दरभंगा एयरपोर्ट (Darbhanga Airport) का नाम कवि कोकिल विद्यापति (Vidyapati) के नाम पर किए जाने के बिहार सरकार के प्रस्ताव के खिलाफ पटना हाईकोर्ट (Patna High Court) में एक जनहित याचिका दायर की गई है. याचिकाकर्ताओं ने बताया कि हाईकोर्ट ने याचिका को स्वीकार करते हुए केंद्र सरकार से 4 महीने के भीतर जवाब मांगा है. यह याचिका दरभंगा की एक स्वयंसेवी संस्था राज दरभंगा इतिहास संरक्षण एवं संवर्धन समिति (Raj Darbhanga History Preservation and Promotion Committee) के सदस्य संजय कुमार राय ने दायर की है. उनकी इस जनहित याचिका का दरभंगा राज परिवार ने भी समर्थन किया है.

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राज दरभंगा इतिहास संरक्षण एवं संवर्धन समिति के संरक्षक रंगनाथ ठाकुर ने कहा कि दरभंगा राज ने 1962 में भारत-चीन युद्ध के समय सामरिक महत्व को देखते हुए 89 एकड़ में बना अपना एयरपोर्ट भारत सरकार को सौंप दिया था. सरकार से राज परिवार को एक पैसा भी मुआवजा नहीं मिला था. इसके बावजूद जब 2020 में दरभंगा एयरपोर्ट पर सेवा शुरू हुई है. सरकार इस एयरपोर्ट का नाम विद्यापति के नाम पर करने जा रही है और इस संबंध में राज परिवार के सदस्यों से राय तक नहीं ली गई.

उन्होंने कहा कि यह न्यायोचित नहीं है. उन्होंने कहा इसी के खिलाफ समिति के एक सदस्य संजय कुमार राय ने पटना हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की है. उन्होंने कहा कि इस याचिका में एयरपोर्ट के 3 नाम सुझाए गए हैं. ये हैं- दरभंगा एयरपोर्ट, महाराजाधिराज कामेश्वर सिंह दरभंगा एयरपोर्ट और महाराजाधिराज कामेश्वर सिंह विद्यापति एयरपोर्ट.

उन्होंने कहा कि इस याचिका को स्वीकार करते हुए पटना हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार से इन नामों पर विचार करने को कहा है. इस संबंध में 4 महीने के भीतर सरकार से जवाब मांगा है. रंगनाथ ठाकुर ने कहा कि उनकी संस्था इस लड़ाई को आगे तक ले जाएगी और जरुरत पड़ी तो वे सुप्रीम कोर्ट तक जाएंगे.

हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें विद्यापति के नाम पर कोई एतराज नहीं है. विद्यापति न सिर्फ मिथिला बल्कि पूरे देश के लिए आदरणीय हैं लेकिन न्याय यही कहता है कि जो व्यक्ति दानदाता है उसका नाम उससे जुड़ी संस्था में होना चाहिए या उसका नामकरण करने के पहले उस परिवार से सलाह-मशविरा किया जाना चाहिए.

वहीं, दूसरी तरफ राज परिवार के सदस्य और महाराजा कामेश्वर सिंह के पौत्र कपिलेश्वर सिंह ने भी इस जनहित याचिका का समर्थन किया है. उन्होंने याचिकाकर्ता संजय कुमार राय को धन्यवाद दिया और कहा कि महाराजा रामेश्वर सिंह ने कूचबिहार, पूर्णिया, सहरसा और दरभंगा एयरपोर्ट की स्थापना की थी. उन्होंने कहा कि दरभंगा राज ने दरभंगा एविएशन कंपनी (Darbhanga Aviation Company) की स्थापना की थी और इस कंपनी के कई जहाज भारत सरकार (Indian Government) को दान में दे दिए गए थे. दरभंगा एयरपोर्ट का नामकरण महाराजा कामेश्वर सिंह के नाम पर होना चाहिए.

बता दें कि दरभंगा एयरपोर्ट की स्थापना 1930 के दशक में दरभंगा महाराज रामेश्वर सिंह ने की थी. उस समय यहां से कलकत्ता तक आम लोगों के लिए भी फ्लाइट चलती थी जिसका लाभ तब के व्यापारी उठाया करते थे. इस एयरपोर्ट पर कई देशों के राजा-महाराज, राष्ट्राध्यक्ष, देश के बड़े नेता और बड़े ब्रिटिश अधिकारी उतर चुके हैं. 1962 में भारत-चीन युद्ध के समय दरभंगा राज ने 89 एकड़ में बने इस एयरपोर्ट को भारत सरकार को सौंप दिया था. इस पर भारतीय वायु सेना ने दरभंगा एयर फोर्स स्टेशन का निर्माण कराया.

इस एयरपोर्ट पर दोबारा 8 नवंबर 2020 को हवाई सेवा की शुरुआत हुई. इसके तहत फिलहाल स्पाइसजेट और इंडिगो की एक दर्जन भर से ज्यादा फ्लाइट्स देश के कई महानगरों के लिए उड़ान भरती हैं. बिहार सरकार ने हाल ही में विधानसभा से एक प्रस्ताव पारित कराया है जिसके तहत इस एयरपोर्ट का नाम बदलकर कवि कोकिल विद्यापति एयरपोर्ट (Kavi Kokil Vidyapati Airport) करने का प्रस्ताव है. इस प्रस्ताव को बिहार सरकार ने केंद्र सरकार को भेज दिया है. फिलहाल यह प्रस्ताव विचाराधीन है.

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