दरभंगा: सूबे के सीएम नीतीश कुमार की सात निश्चय योजना में बंदरबांट का मामला सामने आया है. जिले के बहादुरपुर प्रखंड में यह योजना कमीशनखोरी की भेंट चढ़ गई है. यहां सीएम की महत्वाकांक्षी 'सात निश्चय योजना' जन प्रतिनिधियों, अधिकारियों और कर्मियों की अवैध कमाई का जरिया बन चुकी है. योजना से जुड़ी वार्ड पार्षद ने खुद कमीशनखोरी की पोल खोली है.
पांच माह से अधूरा पड़ा है काम
जानकारी के अनुसार बहादुर प्रखंड के पिड़री पंचायत में 11 लाख 23 हजार रुपये की राशि से पक्की नाली, गली और 'हर घर नल जल योजना' स्वीकृत हुई थी. इसमें नौ लाख से ज्यादा की राशि निकाल ली गई. उसके बाद भी पांच माह से काम अधूरा है. काम कराने वाली वार्ड पार्षद ने कहा आधा पैसा तो सिर्फ कमीशन देने में ही चला गया. ग्रामीणों ने इस संबंध में डीएम को लिखित शिकायत दी है. बीडीओ ने मामले की जांच कर कार्रवाई की बात कही है.
डीएम से शिकायत के बाद भी नहीं हुई कार्रवाई
ग्रामीण शंकर पासवान ने बताया कि गांव में पक्की नाली, गली और हर घर नल जल योजना में जमकर अनियमितता हुई है. उन्होंने बताया कि जिस गुणवत्ता की ढलाई होनी थी. वह नहीं हुई है. इसके साथ ही नल में भी घटिया किस्म का पाइप लगाई गया. इसके बावजूद पांच महीने से काम बंद पड़ा है. इस संबंध में डीएम से लिखित शिकायत की गई थी लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है.
भुगतान का चेक काटने के पहले बंट गया कमीशन
वार्ड आठ की पार्षद लखी देवी ने बताया कि योजना के लिए 11 लाख 23 हजार रूपये का बजट पास हुआ था. उन्होंने बताया कि भुगतान का चेक काटने के पहले ही मुखिया ने आठ प्रतिशत, जेई ने पांच प्रतिशत और एई ने एक प्रतिशत कमीशन ले लिया. उन्होंने बताया कि करीब साढ़े सात लाख का काम कराया है. जिसके काम मे लगाए गए पैसों की रसीद उसके पास है. अब पैसा नहीं है इसलिए काम रुका हुआ है. जब पैसा आएगा तब काम होगा.
शिकायत आने पर होगी कार्रवाई
बहादुरपुर के बीडीओ प्रदीप कुमार झा ने बताया कि सात निश्चय योजना की राशि पंचायत राज विभाग से सीधे पंचायत में आती है. इसका काम वार्ड सदस्य और सचिव मिलकर कराते हैं. उनके पास इस अनियमितता की कोई लिखित शिकायत नहीं आई है. अगर शिकायत आती है तो वे मामले की जांच कर कार्रवाई करेंगे.