दरभंगा: कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय परिसर में चौथे मधुबनी लिटरेचर फेस्टिवल (Madhubani Literature Festival) का रविवार को आगाज हुआ. इसका उद्घाटन भारत में श्रीलंका के उच्चायुक्त मिलिंद मोयागोडा, कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय (Kameshwar Singh Darbhanga Sanskrit University) के कुलपति प्रो. शशिनाथ झा और दरभंगा नगर के विधायक संजय सरावगी ने संयुक्त रूप से किया. इस अवसर पर माता सीता के जीवन से संबंधित प्रदर्शनी लगाई गई और भाव नृत्य की प्रस्तुति की गई.
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भारत में श्रीलंका के उच्चायुक्त मिलिंद मोयागोडा ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि श्रीलंका और भारत के बीच बिहार और मिथिला एक महत्वपूर्ण पुल का काम करते हैं. भगवान बुद्ध और माता सीता दोनों देशों के लोगों के लिए साझे आराध्य हैं. उन्होंने कहा कि इस साझी संस्कृति के संरक्षण और दूसरी तरफ सांस्कृतिक, सामाजिक और शैक्षिक आदान-प्रदान से बढ़ावा देने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि दोनों देशों की सरकार रामायण और बुद्ध सर्किट के माध्यम से इसे बढ़ावा दे रही हैं.
मधुबनी लिटरेचर फेस्टिवल की फाउंडर प्रेसिडेंट सविता झा खान ने कहा कि इस फेस्टिवल का उद्देश्य सांस्कृतिक, सामाजिक, बौद्धिक, साहित्यिक और शैक्षणिक वातावरण को बढ़ावा देना है. उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम में देश-विदेश के कई नामी-गिरामी साहित्यकार, विद्वान और कलाकार भाग ले रहे हैं. उन्होंने कहा कि कार्यक्रम की थीम माता सीता पर है. इस अवसर पर सीता पर पेंटिंग, नृत्य और संगोष्ठी के कई कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे.
बता दें कि मधुबनी लिटरेचर फेस्टिवल संस्कृत विश्वविद्यालय के परिसर में 4 दिनों तक चलेगा. इस फेस्टिवल में भारत समेत अमेरिका, मलेशिया इंडोनेशिया, श्रीलंका, भूटान और नेपाल के कलाकार भाग ले रहे हैं.
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