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LNMU में शिक्षकों की भारी कमी, 953 छात्रों पर महज 1 शिक्षक

एलएमएनयू के डिग्री कॉलेजों में इंटरमीडिएट की पढ़ाई भी होती है. इसका अतिरिक्त बोझ भी इन्हीं शिक्षकों पर हैं. इन शिक्षकों में से करीब दो दर्जन विवि मुख्यालय में अधिकारी का दायित्व भी निभा रहे हैं, जिसकी वजह से वे शायद ही कभी क्लास ले पाते हैं. कई कॉलेजों में हर विषय के शिक्षक भी नहीं हैं.

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Published : Jan 6, 2020, 9:17 PM IST

दरभंगा: ललित नारायण मिथिला विवि में शिक्षकों की भारी कमी की वजह से पठन-पाठन की गुणवत्ता प्रभावित हो रही है. फिलहाल विवि में औसतन 953 छात्रों पर एक शिक्षक है. यहां कुल 24 पीजी विभाग और चार जिलों दरभंगा, मधुबनी, समस्तीपुर और बेगूसराय को मिलाकर 43 अंगीभूत कॉलेज हैं. इनमें सत्र 2020-21 के लिए नामांकित छात्रों की कुल संख्या 6 लाख 82 हजार 71 है. वहीं शिक्षक महज 713 हैं.

विवि मुख्यालय में अधिकारी का दायित्व निभा रहे शिक्षक
एलएमएनयू के डिग्री कॉलेजों में इंटरमीडिएट की पढ़ाई भी होती है. इसका अतिरिक्त बोझ भी इन्हीं शिक्षकों पर हैं. इन शिक्षकों में से करीब दो दर्जन विवि मुख्यालय में अधिकारी का दायित्व भी निभा रहे हैं, जिसकी वजह से वे शायद ही कभी क्लास ले पाते हैं. कई कॉलेजों में हर विषय के शिक्षक भी नहीं हैं.

lalit narayan mithila university
विवि के रजिस्ट्रार कर्नल निशीथ कुमार राय

'शिक्षकों की बहाली राज्य सरकार की जिम्मेदारी'
इस संबंध में विवि के रजिस्ट्रार कर्नल निशीथ कुमार राय ने बताया कि विवि में अतिथि शिक्षकों की बहाली कर इस कमी की कुछ हद तक भरपाई की जा रही है. नियमित शिक्षकों की बहाली राज्य सरकार को करनी है, लेकिन रोस्टर क्लियर करने में समस्या आ रही है, जिसकी वजह से बहाली नहीं हो पाई है. उन्होंने कहा कि सरकार के पास संसाधन कम हैं इसलिए फिलहाल इंटर की पढ़ाई डिग्री कॉलेजों से अलग करना संभव नहीं दिखता है.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

35 साल पहले हुए थी शिक्षकों की बहाली
बता दें कि ललित नारायण मिथिला विवि में 35 साल पहले 2130 शिक्षकों के पद स्वीकृत और बहाली हुई थी. इनमें से 1417 शिक्षक अब तक सेवानिवृत्त हो चुके हैं. इस साल तक इनमे से और भी 100 से अधिक शिक्षक सेवानिवृत्त हो जाएंगे. इधर 35 साल में विवि में छात्रों की संख्या में करीब 300 प्रतिशत का इजाफा हुआ है.

दरभंगा: ललित नारायण मिथिला विवि में शिक्षकों की भारी कमी की वजह से पठन-पाठन की गुणवत्ता प्रभावित हो रही है. फिलहाल विवि में औसतन 953 छात्रों पर एक शिक्षक है. यहां कुल 24 पीजी विभाग और चार जिलों दरभंगा, मधुबनी, समस्तीपुर और बेगूसराय को मिलाकर 43 अंगीभूत कॉलेज हैं. इनमें सत्र 2020-21 के लिए नामांकित छात्रों की कुल संख्या 6 लाख 82 हजार 71 है. वहीं शिक्षक महज 713 हैं.

विवि मुख्यालय में अधिकारी का दायित्व निभा रहे शिक्षक
एलएमएनयू के डिग्री कॉलेजों में इंटरमीडिएट की पढ़ाई भी होती है. इसका अतिरिक्त बोझ भी इन्हीं शिक्षकों पर हैं. इन शिक्षकों में से करीब दो दर्जन विवि मुख्यालय में अधिकारी का दायित्व भी निभा रहे हैं, जिसकी वजह से वे शायद ही कभी क्लास ले पाते हैं. कई कॉलेजों में हर विषय के शिक्षक भी नहीं हैं.

lalit narayan mithila university
विवि के रजिस्ट्रार कर्नल निशीथ कुमार राय

'शिक्षकों की बहाली राज्य सरकार की जिम्मेदारी'
इस संबंध में विवि के रजिस्ट्रार कर्नल निशीथ कुमार राय ने बताया कि विवि में अतिथि शिक्षकों की बहाली कर इस कमी की कुछ हद तक भरपाई की जा रही है. नियमित शिक्षकों की बहाली राज्य सरकार को करनी है, लेकिन रोस्टर क्लियर करने में समस्या आ रही है, जिसकी वजह से बहाली नहीं हो पाई है. उन्होंने कहा कि सरकार के पास संसाधन कम हैं इसलिए फिलहाल इंटर की पढ़ाई डिग्री कॉलेजों से अलग करना संभव नहीं दिखता है.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

35 साल पहले हुए थी शिक्षकों की बहाली
बता दें कि ललित नारायण मिथिला विवि में 35 साल पहले 2130 शिक्षकों के पद स्वीकृत और बहाली हुई थी. इनमें से 1417 शिक्षक अब तक सेवानिवृत्त हो चुके हैं. इस साल तक इनमे से और भी 100 से अधिक शिक्षक सेवानिवृत्त हो जाएंगे. इधर 35 साल में विवि में छात्रों की संख्या में करीब 300 प्रतिशत का इजाफा हुआ है.

Intro:दरभंगा। ललित नारायण मिथिला विवि में शिक्षकों की भारी कमी की वजह से पठन-पाठन की गुणवत्ता प्रभावित हो रही है। फिलहाल विवि में औसतन 953 छात्रों पर एक शिक्षक है। यहां कुल 24 पीजी विभाग और चार जिलों दरभंगा, मधुबनी, समस्तीपुर व बेगूसराय को मिलाकर 43 अंगीभूत कॉलेज हैं। इनमें सत्र 2020-21 के लिए नामांकित छात्रों की कुल संख्या 6 लाख 82 हज़ार 71 है। वहीं शिक्षक महज 713 हैं। विवि के डिग्री कॉलेजों में इंटरमीडिएट की पढ़ाई भी होती है, जिसका अतिरिक्त बोझ भी इन्हीं शिक्षकों के ऊपर है। इन शिक्षकों में से करीब दो दर्जन विवि मुख्यालय में अधिकारी का दायित्व निभा रहे हैं जिसकी वजह से वे शायद ही कभी क्लास लेते हैं। कई कॉलेजों में हर विषय के शिक्षक भी नहीं हैं।


Body:इस संबंध में विवि के रजिस्ट्रार कर्नल निशीथ कुमार राय ने बताया कि विवि में अतिथि शिक्षकों की बहाली कर इस कमी की कुछ हद तक भरपाई की जा रही है। कहा कि नियमित शिक्षकों की बहाली राज्य सरकार को करनी है, लेकिन रोस्टर क्लियर करने में समस्या आ रही है जिसकी वजह से बहाली नहीं हो पाई है। उन्होंने कहा कि सरकार के पास संसाधन कम हैं इसलिए फिलहाल इंटर की पढ़ाई को डिग्री कॉलेजों से अलग करना संभव नहीं दिखता है।


Conclusion:बता दें कि ललित नारायण मिथिला विवि में 35 साल पहले 2130 शिक्षकों के पद स्वीकृत हुए थे और बहाली हुई थी। इनमें से 1417 शिक्षक अब तक सेवानिवृत्त हो चुके हैं। इस साल तक इनमे से और भी एक सौ से अधिक शिक्षक सेवानिवृत्त हो जाएंगे। इधर 35 साल में विवि में छात्रों की संख्या में करीब 300 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। इस आंकड़े से सहज ही अनुमान लगाया जा सकता है कि विवि पढ़ाई कम और परीक्षा लेने व डिग्री बांटने का केंद्र ज्यादा बन चुका है। सरकार उच्च शिक्षा की गुणवत्ता में कितना सुधार कर रही है इसका भी पता इससे चल जाता है।


बाइट 1- कर्नल निशीथ कुमार राय, रजिस्ट्रार, एलएनएमयू.

विजय कुमार श्रीवास्तव
ई टीवी भारत
दरभंगा

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