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'वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट' प्रोजेक्ट: मखाना उत्पादन में दरभंगा को मिलेगा प्रधानमंत्री अवार्ड

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Published : Apr 19, 2022, 9:00 PM IST

बिहार का दरभंगा मखाना उत्पादन को लेकर विश्व विख्यात है. यहां साल में करीब 4000 टन मखाना का उत्पादन हो रहा है. राज्य सरकार के समेकित प्रयासों का सुफल है कि केंद्र सरकार के 'वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट' (One District One Product) के तहत मखाना के उत्पादन एवं विकास के लिए दरभंगा जिले को प्रधानमंत्री अवार्ड के लिए चुना गया है. पढ़ें पूरी खबर..

दरभंगा जिले को प्रधानमंत्री अवार्ड
दरभंगा जिले को प्रधानमंत्री अवार्ड

दरभंगा: बिहार का दरभंगा जिला मखाना उत्पादन (Makhana Production in Darbhanga) के लिए देश-विदेश में चर्चित रहा है. दरभंगा जिले में 875 तालाबों में हर साल करीब 4000 टन मखाना का उत्पादन हो रहा है. जिले में मखाना के उत्पादन एवं प्रसंस्करण से करीब 1.25 लाख परिवार जुड़े हैं. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) का सपना है कि बिहार का कोई-न-कोई उत्पाद देश-दुनिया की हर थाली में पहुंचे.

ये भी पढ़ें- विदेश की नौकरी छोड़ सात समुंदर पार पहुंचाते हैं मखाने का अपना ब्रांड, स्टार्टअप से इस तरह बदली किस्मत

15 सालों में पांच गुणा बढ़ा मखाना का उत्पादन: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के इस सपने को साकार करने में मिथिला का स्वास्थ्यवर्धक मखाना सबसे बड़ी भूमिका निभाने की क्षमता रखता है. मिथिला में मखाना की खेती को बढ़ावा देने और देश-विदेश में इसकी ब्रांडिंग और बिक्री बढ़ाने के मुख्यमंत्री के निर्देश पर बिहार सरकार द्वारा कई स्तरों पर निरंतर प्रयास किये जा रहे हैं. एक आकलन के मुताबिक बिहार में मखाना के कुल उत्पादन में 2006 से 2021 के बीच पांच गुना से अधिक की वृद्धि हो चुकी है.

किसानों को मिलता है सहायता अनुदान: बिहार के जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा कहते हैं कि सरकार द्वारा शुरू की गई 'मखाना विकास योजना' के तहत मखाना के उच्च प्रजाति के बीज को अपनाने पर लागत मूल्य का 75 प्रतिशत (अधिकतम 72,750 रुपये प्रति हेक्टेयर) सहायता अनुदान प्रदान किया जाता है. उच्च प्रजाति का बीज अपनाने से मखाना की उत्पादकता 16 क्विंटल प्रति हेक्टेयर से बढ़ कर 28 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक हो सकती है. उच्च प्रजाति के बीज 'स्वर्ण वैदेही' को मखाना अनुसंधान केंद्र दरभंगा, जबकि 'सबौर मखाना-1' को भोला पासवान शास्त्री कृषि महाविद्यालय पूर्णिया में तैयार किया जा रहा है.

मखाना उत्पादक किसानों से मिले थे नीतीश: बता दें कि नीतीश कुमार पिछले साल कुशेश्वर स्थान (दरभंगा) के बाढ़ प्रभावित इलाकों में बोट से जाकर लोगों से मिले थे. जिले के विकास कार्यों की समीक्षा के दौरान उन्होंने जलजमाव वाले गड्ढों में मखाना की बेहतर ढंग से खेती और उत्पादन हेतु प्रशिक्षण की व्यवस्था करने के निर्देश दिये थे. इसके बाद उन्होंने फिर से कई मखाना उत्पादक किसानों से भी मिले थे, जिन्होंने मखाना की खेती और उत्पादन का प्रशिक्षण प्राप्त कर एक नई शुरूआत की है. उन्होंने बताया कि इस समय अकेले दरभंगा जिले में 875 तालाबों में हर साल करीब 4000 टन मखाना का उत्पादन हो रहा है. जिले में मखाना के उत्पादन एवं प्रसंस्करण से करीब 1.25 लाख परिवार जुड़े हैं.

5000 महिलाओं व 250 किसानों को मिली ट्रेनिंग: दरभंगा जिले में जीविका द्वारा करीब 5000 महिलाओं को, जबकि कृषि विज्ञान केंद्र द्वारा 250 किसानों को मखाना प्रसंस्करण की ट्रेनिंग दी गई है. जिले में 100 उत्पादकों को मखाना के उत्पादन और प्रोसेसिंग से लेकर बेहतर मार्केटिंग तक की ट्रेनिंग दी गई है और उन्हें किसानों का समूह बनाने के लिए प्रेरित किया गया है.

उन्होंने बताया कि 30 कंपनियों को आधुनिक तकनीक अपना कर मखाना के बेहतर प्रसंस्करण एवं पैकेजिंग की ट्रेनिंग प्रदान की गई है. कोरोना काल में बाहर से लौटे श्रमिकों को बिहार में ही रोजगार उपलब्ध कराने के माननीय मुख्यमंत्री के निर्देश पर जिले में 550 श्रमिकों को प्रशिक्षण देकर मखाना उद्योग में लगाया गया है. उन्होंने बताया कि राज्य सरकार के समेकित प्रयासों का सुफल है कि केंद्र सरकार के 'वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट' के तहत मखाना के उत्पादन एवं विकास के लिए दरभंगा जिले को प्रधानमंत्री अवार्ड (Darbhanga will get Prime Minister Award in Makhana Production) के लिए चुना गया है. यह अवार्ड 21 अप्रैल को नई दिल्ली में दिया जाएगा.

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दरभंगा: बिहार का दरभंगा जिला मखाना उत्पादन (Makhana Production in Darbhanga) के लिए देश-विदेश में चर्चित रहा है. दरभंगा जिले में 875 तालाबों में हर साल करीब 4000 टन मखाना का उत्पादन हो रहा है. जिले में मखाना के उत्पादन एवं प्रसंस्करण से करीब 1.25 लाख परिवार जुड़े हैं. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) का सपना है कि बिहार का कोई-न-कोई उत्पाद देश-दुनिया की हर थाली में पहुंचे.

ये भी पढ़ें- विदेश की नौकरी छोड़ सात समुंदर पार पहुंचाते हैं मखाने का अपना ब्रांड, स्टार्टअप से इस तरह बदली किस्मत

15 सालों में पांच गुणा बढ़ा मखाना का उत्पादन: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के इस सपने को साकार करने में मिथिला का स्वास्थ्यवर्धक मखाना सबसे बड़ी भूमिका निभाने की क्षमता रखता है. मिथिला में मखाना की खेती को बढ़ावा देने और देश-विदेश में इसकी ब्रांडिंग और बिक्री बढ़ाने के मुख्यमंत्री के निर्देश पर बिहार सरकार द्वारा कई स्तरों पर निरंतर प्रयास किये जा रहे हैं. एक आकलन के मुताबिक बिहार में मखाना के कुल उत्पादन में 2006 से 2021 के बीच पांच गुना से अधिक की वृद्धि हो चुकी है.

किसानों को मिलता है सहायता अनुदान: बिहार के जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा कहते हैं कि सरकार द्वारा शुरू की गई 'मखाना विकास योजना' के तहत मखाना के उच्च प्रजाति के बीज को अपनाने पर लागत मूल्य का 75 प्रतिशत (अधिकतम 72,750 रुपये प्रति हेक्टेयर) सहायता अनुदान प्रदान किया जाता है. उच्च प्रजाति का बीज अपनाने से मखाना की उत्पादकता 16 क्विंटल प्रति हेक्टेयर से बढ़ कर 28 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक हो सकती है. उच्च प्रजाति के बीज 'स्वर्ण वैदेही' को मखाना अनुसंधान केंद्र दरभंगा, जबकि 'सबौर मखाना-1' को भोला पासवान शास्त्री कृषि महाविद्यालय पूर्णिया में तैयार किया जा रहा है.

मखाना उत्पादक किसानों से मिले थे नीतीश: बता दें कि नीतीश कुमार पिछले साल कुशेश्वर स्थान (दरभंगा) के बाढ़ प्रभावित इलाकों में बोट से जाकर लोगों से मिले थे. जिले के विकास कार्यों की समीक्षा के दौरान उन्होंने जलजमाव वाले गड्ढों में मखाना की बेहतर ढंग से खेती और उत्पादन हेतु प्रशिक्षण की व्यवस्था करने के निर्देश दिये थे. इसके बाद उन्होंने फिर से कई मखाना उत्पादक किसानों से भी मिले थे, जिन्होंने मखाना की खेती और उत्पादन का प्रशिक्षण प्राप्त कर एक नई शुरूआत की है. उन्होंने बताया कि इस समय अकेले दरभंगा जिले में 875 तालाबों में हर साल करीब 4000 टन मखाना का उत्पादन हो रहा है. जिले में मखाना के उत्पादन एवं प्रसंस्करण से करीब 1.25 लाख परिवार जुड़े हैं.

5000 महिलाओं व 250 किसानों को मिली ट्रेनिंग: दरभंगा जिले में जीविका द्वारा करीब 5000 महिलाओं को, जबकि कृषि विज्ञान केंद्र द्वारा 250 किसानों को मखाना प्रसंस्करण की ट्रेनिंग दी गई है. जिले में 100 उत्पादकों को मखाना के उत्पादन और प्रोसेसिंग से लेकर बेहतर मार्केटिंग तक की ट्रेनिंग दी गई है और उन्हें किसानों का समूह बनाने के लिए प्रेरित किया गया है.

उन्होंने बताया कि 30 कंपनियों को आधुनिक तकनीक अपना कर मखाना के बेहतर प्रसंस्करण एवं पैकेजिंग की ट्रेनिंग प्रदान की गई है. कोरोना काल में बाहर से लौटे श्रमिकों को बिहार में ही रोजगार उपलब्ध कराने के माननीय मुख्यमंत्री के निर्देश पर जिले में 550 श्रमिकों को प्रशिक्षण देकर मखाना उद्योग में लगाया गया है. उन्होंने बताया कि राज्य सरकार के समेकित प्रयासों का सुफल है कि केंद्र सरकार के 'वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट' के तहत मखाना के उत्पादन एवं विकास के लिए दरभंगा जिले को प्रधानमंत्री अवार्ड (Darbhanga will get Prime Minister Award in Makhana Production) के लिए चुना गया है. यह अवार्ड 21 अप्रैल को नई दिल्ली में दिया जाएगा.

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