दरभंगा: बिहार के दरभंगा जिलाधिकारी राजीव रोशन (Darbhanga DM Rajeev Roshan) ने कोरोना से बचाव को लेकर ऑनलाइन समीक्षा बैठक (Online Review Meeting in Darbhanga) की. इसमें जिलाधिकारी ने निर्देश देते हुए कहा कि सभी प्रखण्डों में कोरोना से बचाव के उपाय का लगातार माइकिंग कराकर प्रचार-प्रसार कर लोगों को जागरूक किया जाए और इसके लिए प्रखंड स्तर पर उपलब्ध सभी संसाधनों का प्रयोग किया जाए.
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मिली जानकारी के अनुसार दरभंगा जिलाधिकारी राजीव रोशन की अध्यक्षता में स्वास्थ्य विभाग के सिविल सर्जन, जिला स्तरीय पदाधिकारी, सभी प्रखण्ड विकास पदाधिकारी, सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी एवं बाल विकास परियोजना पदाधिकारी को लेकर ऑनलाइन समीक्षा बैठक आयोजित की गई. जिलाधिकारी ने प्रखंड विकास पदाधिकारी को नवनिर्वाचित पंचायत जनप्रतिनिधियों के साथ वर्चुअल मीटिंग कर गांव-गांव में जागरुकता फैलाने का निर्देश दिया.
साथ ही अगर उनके क्षेत्र में कोई संक्रमित हुआ है, तो वे उसकी जाच कराएं. उन्होंने सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी को नियमित रूप से टेस्टिंग करने का निर्देश दिया. शहरी क्षेत्र में टेस्टिंग की संख्या बढ़ाने का निर्देश दिया.
'यदि किसी का रैपिड एंटीजन टेस्ट पॉजिटिव आता है तो, पुनः आरटीपीसीआर कराने की जरूरत नहीं है. यदि रिपोर्ट निगेटिव आता है. और, कोरोना के लक्षण हैं तो आरटीपीसीआर जांच कराई जा सकती है.' - राजीव रोशन, दरभंगा जिलाधिकारी
उन्होंने चिकित्सकों को प्रतिदिन पॉजिटिव मरीज से टेलीफोन के माध्यम से 7 दिनों तक उनका हाल-चाल लेते रहने का निर्देश दिया. तथा, वैकल्पिक दिवस में चिकित्सक उनके घर जाकर देखेंगे. उन्होंने कहा कि ऐसा देखा जा रहा है कि अभी भी अधिकत्तर लोग मास्क का प्रयोग नहीं कर रहे हैं. जबकि, इस महामारी से बचने का सर्वोत्तम उपाय एन-95 मास्क का प्रयोग या सर्जिकल मास्क के साथ कपड़े का मास्क का प्रयोग अनिवार्य है.
उन्होंने कहा कि दुकानदार भी कुछ मास्क रखें, ताकि, कोई ग्राहक बिना मास्क के पहुंचे तो उन्हें मास्क उपलब्ध करावें. जिलाधिकारी ने कहा कि जिला स्तर पर सुबह 9 बजे से रात्रि 9 बजे तक कोरोना जांच की व्यवस्था की गई है. उन्होंने कहा कि सभी प्रखंडों के कोविड केयर सेन्टर को दुरूस्त कर लिया जाए. जिले में, 926 बी. टाइप का भरा हुआ ऑक्सीजन सिलेंडर उपलब्ध है. यदि किसी प्रखंड में कमी है, तो मांग कर लें. साथ ही ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर को दुरुस्त करवा लिया जाए. टीकाकरण की कार्य-योजना बनाकर उपलब्ध कराये जा रहे टीके का तुरंत उपयोग किया जाए.
इसके साथ उन्होंने ये भी कहा कि निजी अस्पतालों को भी कोविड केयर सेन्टर के रूप में चिन्हित किया गया है. अनुमण्डल स्तर पर टीम बना ली जाए. जो, यह जांच करेगी की निजी अस्पतालों में इलाज सरकार द्वारा निर्धारित मानक दर पर किया जा रहा है कि नहीं. सभी अपनी-अपनी व्यवस्था का ड्राई-रन कर देख लें. तथा, प्रतिवेदन उपलब्ध करायें. पॉजिटिव मरीजों को ससमय एम्बुलेन्स मिले, इसकी व्यवस्था प्रखण्ड स्तर पर रखी जाए. यदि कहीं एम्बुलेंस की कमी है, तो भाड़े पर रख ली जाए.
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