पटनाः धनतेरस के शुभ मुहूर्त को लेकर लोगों में हमेशा उत्सुकता बनी रहती है. धनतेरस हमेशा हिंदू पंचांग के अनुसार कार्तिक मास की कृष्ण त्रयोदशी को मनाया (Dhanteras Celebration on Kartik KrishnaTrayodashi) जाता है. इस बार यह तिथि अंग्रेजी के महीने के अनुसार 22 अक्टूबर को है. पंचांग के अनुसार, 22 अक्टूबर को त्रयोदशी तिथि दिन में 4:33 के बाद शुरू होगी, जो कि अगले दिन 23 अक्टूबर की शाम 5:26 तक रहेगी. इसके अलावा भी इस दौरान कई तरह के शुभ योग बन रहे हैं.
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धनतेरस का शुभ मुहूर्तः इस बार यह तिथि अंग्रेजी के महीने के अनुसार 22 अक्टूबर को है. पंचांग के अनुसार, 22 अक्टूबर को त्रयोदशी तिथि दिन में 4:33 के बाद शुरू होगी. इस दिन सोने या चांदी के आभूषण या सामान खरीदना शुभ माना जाता है. साथ ही इस दिन दीप दान भी किया जाता है. जब त्रयोदशी शुरू होगी तब प्रदोष काल भी आरंभ होगा. कहा जाता है कि शनि यमराज के भाई हैं. इसलिए प्रदोष काल में शनि प्रदोष व्रत के साथ त्रयोदशी दोनों का संयोग एक साथ पड़ने की वजह से इस बार अद्भुत संयोग देखने को मिल रहा है. 22 अक्टूबर को धनतेरस की पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 07 बजकर 01 मिनट से शुरू होगा, जो कि रात 08 बजकर 17 मिनट तक रहेगा. इस दिन पूजन की अवधि लगभग सवा घंटे की है. मान्यता है कि शुभ मुहूर्त लक्ष्मी पूजन करने से सुख-समृद्धि व खुशहाली की प्राप्ति होती है.
इस बार है सर्वाथ सिद्धि योगः ज्योतिषाचार्यों का कहना है कि इस बार धनतेरस के दिन सर्वार्थ सिद्धि योग, जय योग, त्रिपुष्कर योग भी मिल रहे हैं. यानी सभी के लिए यह धनतेरस काफी शुभ रहने वाला है. 1:30 दिन में 4:33 तक त्रिपुष्कर योग रहेगा. ऐसा योग 66 वर्ष बाद बन रहा है. इस योग में किए गए कार्यों में सफलता हासिल होने के साथ तीन गुना फल प्राप्त होने की मान्यता है. त्रयोदशी तिथि 23 अक्टूबर की शाम 5:26 बजे तक रहेगी. इस दिन भगवान धन्वंतरी और मृत्यु के देवता यमराज की पूजा होती है.
धनतेरस के दिन क्या करना चाहिएः धनतेरस के दिन अपनी क्षमता के अनुसार सोना या चांदी के सामान खरीदनी चाहिए. ऐसा करना शुभ माना जाता है. मान्यता है कि इस दिन धन संपत्ति की प्राप्ति के लिए घर के पूजा स्थल पर धन के देवता कुबेर को दीपदान करना चाहिए और घर के मुख्य द्वार पर मृत्यु के देवता यमराज को दीप दान करना चाहिए.
दीपदान कब करें ? प्रदोषकाल का समय 4:35 से 5:26 बजे तक है. इस समय मीन लग्न में दीपदान करने से मन स्थिर और क्लेष दूर होंगे. वहीं, मेष लग्न में शाम 5:26 बजे से 7:03 बजे तक दीपदान करने से आय में बढ़ोतरी होगी. कुल मिलाकर आप शाम 4:35 से 7:03 बजे तक दीपदान कर सकते हैं.
भगवान धन्वंतरी की मनाई जाती है जयंतीः धनतेरस के दिन लोग धन-धान्य की प्राप्ति के लिए इस दिन बताए गए नियमों के अनुसार पूजा और खरीदारी करते हैं. इस दिन भगवान धन्वंतरी की पूजा होती है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार समुद्र मंथन के दौरान कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी के दिन भगवान धनवंतरी हाथो में अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे. ऐसी मान्यता है कि भगवान धन्वंतरी भगवान विष्णु के अंशावतार हैं. भगवान विष्णु ने चिकित्सा विज्ञान के विस्तार और प्रसार के लिए ही धन्वंतरी के रूप में धरती पर अवतार लिया था. इसी कारण भगवान धन्वंतरी के इस संसार में अवतार लेने के उपलक्ष्य पर धनतेरस मनाया जाता है.