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दरभंगा: अनिश्चितकालीन हड़ताल पर गई आंगनबाड़ी सेविकाएं, सरकार पर लगाया अनदेखी का आरोप - बिहार आंगनबाड़ी कर्मचारी संघ

आंगनबाड़ी सेविका/सहायिकाओं ने बिहार सरकार के प्रति खासी नाराजगी देखने को मिल रही है. उन्होंने सरकार के खिलाफ माोर्चा खोल रखा है और अनिश्चितकालीन हड़ताल का ऐलान किया है.

दरभंगा
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Published : Sep 17, 2020, 12:53 PM IST

दरभंगा(केवटी): जिले में बिहार राज्य आंगनबाड़ी सेविका सहायिका संयुक्त संघर्ष समिति के बैनर तले आंगनबाड़ी सेविका और सहायिकाओं को लेकर प्रखंड और जिला स्तर पर प्रदर्शन किया गया. सीआईटीयू से संबद्ध अखिल भारतीय आंबाड़ी सेविका/सहायिका फेडरेशन के आह्वान पर बीते 31 अगस्त से 6 सितंबर तक आंगनबाड़ी के सभी कामकाज ठप हैं. सेविकाएं हड़ताल पर चली गई है. इस हड़ताल पर जब सरकार की ओर से कोई नोटिस नहीं लिया गया तो सेविकाओं ने इस आंदोलन को अनिश्चितकालीन के लिए बढ़ा दिया है.

प्रखंड क्षेत्र के करीब 300 आंगनबाड़ी केंद्र 31 अगस्त से अब तक बंद हैं. यह बन्दी बिहार राज्य आंगनबाड़ी संयुक्त संघर्ष समिति के निर्देश पर किया गया है. बिहार आंगनबाड़ी कर्मचारी संघ केवटी की प्रखंड अध्यक्ष संगीता देवी ने इसकी लिखित सूचना बाल विकास परियोजना पदाधिकारी राखी कुमारी को दे दी है. प्रखंड अध्यक्ष ने बताया कि 17 सूत्री मांगों को लेकर बिहार राज्य आंगनबाड़ी संयुक्त संघर्ष समिति वर्षों से मांग कर रही है. लेकिन बिहार सरकार बातों को अनसुना करती आ रही है.

बाल विकास परियोजना
बाल विकास परियोजना

अनिश्चिताकालीन हड़ताल की घोषणा
सेविकाओं की मानें तो कोविड-19 वैश्विक महामारी से लड़ने के लिए राज्य सरकार की ओर से किए जा रहे सभी कार्यों को प्रदेश के लगभग 2 लाख सेविका-सहायिकाओं ने जान जोखिम में डालकर निभाया. वे पूरी निष्ठा के साथ सरकार के कदम से कदम मिलाकर चली और अभूतपूर्व योगदान दिया. अपने अल्प मानदेय में से 1 दिन की राशि लगभग 3 करोड़ रुपये मुख्यमंत्री राहत कोष में जमा कर राज्यहित और मानवता की मिसाल दी. बावजूद सरकार उनके प्रति उदासीन है. इनके अतिरिक्त मानदेय की राशि वृद्धि की मांग वर्षो से लंबित है. ऐसी स्थिति में उन्होंने अनिश्चितकालीन हड़ताल की बात कही.

दरभंगा(केवटी): जिले में बिहार राज्य आंगनबाड़ी सेविका सहायिका संयुक्त संघर्ष समिति के बैनर तले आंगनबाड़ी सेविका और सहायिकाओं को लेकर प्रखंड और जिला स्तर पर प्रदर्शन किया गया. सीआईटीयू से संबद्ध अखिल भारतीय आंबाड़ी सेविका/सहायिका फेडरेशन के आह्वान पर बीते 31 अगस्त से 6 सितंबर तक आंगनबाड़ी के सभी कामकाज ठप हैं. सेविकाएं हड़ताल पर चली गई है. इस हड़ताल पर जब सरकार की ओर से कोई नोटिस नहीं लिया गया तो सेविकाओं ने इस आंदोलन को अनिश्चितकालीन के लिए बढ़ा दिया है.

प्रखंड क्षेत्र के करीब 300 आंगनबाड़ी केंद्र 31 अगस्त से अब तक बंद हैं. यह बन्दी बिहार राज्य आंगनबाड़ी संयुक्त संघर्ष समिति के निर्देश पर किया गया है. बिहार आंगनबाड़ी कर्मचारी संघ केवटी की प्रखंड अध्यक्ष संगीता देवी ने इसकी लिखित सूचना बाल विकास परियोजना पदाधिकारी राखी कुमारी को दे दी है. प्रखंड अध्यक्ष ने बताया कि 17 सूत्री मांगों को लेकर बिहार राज्य आंगनबाड़ी संयुक्त संघर्ष समिति वर्षों से मांग कर रही है. लेकिन बिहार सरकार बातों को अनसुना करती आ रही है.

बाल विकास परियोजना
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अनिश्चिताकालीन हड़ताल की घोषणा
सेविकाओं की मानें तो कोविड-19 वैश्विक महामारी से लड़ने के लिए राज्य सरकार की ओर से किए जा रहे सभी कार्यों को प्रदेश के लगभग 2 लाख सेविका-सहायिकाओं ने जान जोखिम में डालकर निभाया. वे पूरी निष्ठा के साथ सरकार के कदम से कदम मिलाकर चली और अभूतपूर्व योगदान दिया. अपने अल्प मानदेय में से 1 दिन की राशि लगभग 3 करोड़ रुपये मुख्यमंत्री राहत कोष में जमा कर राज्यहित और मानवता की मिसाल दी. बावजूद सरकार उनके प्रति उदासीन है. इनके अतिरिक्त मानदेय की राशि वृद्धि की मांग वर्षो से लंबित है. ऐसी स्थिति में उन्होंने अनिश्चितकालीन हड़ताल की बात कही.

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