भागलपुर: भागलपुर में केंद्रीय विश्वविद्यालय (Central University in Bhagalpur) स्थापना को लेकर फिर उम्मीद जगी है. एक केंद्रीय टीम ने इस संबंध में स्थल निरीक्षण के लिए कहलगांव के विक्रमशिला महाविहार से सटे परशुरामचक व एकडारा पंचायत में चिह्नित जमीन का निरीक्षण किया. केंद्रीय टीम ने चयनित स्थलों के भौगोलिक स्थिति और यातायात सुगमता को लेकर का अवलोकन किया. चयनित स्थल से गंगा की दूरी और बहाव के बारे में भी स्थानीय लोगों से चर्चा की. इससे यहां केंद्रीय विद्यालय को लेकर एक बार फिर उम्मीद जगी है.
टीम के सदस्यों को ग्रामीणों से जानकारी मिली के प्रस्तावित भूखंड के बाढ़ से प्रभावित होने की संभावना बनी रहती है. ऐसे में टीम के सदस्यों ने विकल्प के तौर पर विक्रमशिला महाविहार से सटे अंतीचक पंचायत के मलकपुर गांव के निकट भी एक बड़े भूखंड को देखा. संभवत: यह सेंट्रल टीम को पसंद भी आया है. वहीं, इस टीम ने बियाडा द्वारा अधिग्रहित जमीन का भी अवलोकन किया. सेंट्रल टीम ने अवलोकन करने के बाद कहलगांव सीओ को मंगलवार तक अंकित पंचायत के मलकपुर मौजा और बियाडा जमीन का रिपोर्ट देने के लिए कहा गया.
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गौरतलब हो कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भागलपुर में चुनावी दौरे के दौरान केंद्रीय विश्वविद्यालय स्थापित करने की घोषणा की थी. भारत सरकार ने बिहार सरकार से विश्वविद्यालय स्थापना को लेकर जमीन की मांग की थी. इसके बाद जिला प्रशासन ने कहलगांव में विक्रमशिला केंद्रीय विश्वविद्यालय स्थापित करने को लेकर परशुरामचक और एकडारा पंचायत में 200 एकड़ जमीन चिह्नित कर भारत सरकार को भेजा है. उसी जमीन का केंद्रीय टीम ने आज दूसरी बार स्थल निरीक्षण किया. सेंट्रल टीम ने विक्रमशिला महाविहार से सटे बीजक पंचायत के मलकपुर मौजा की जमीन को सबसे उपयुक्त माना है. जबकि दूसरे नंबर पर बियाडा की जमीन को रखा है. दोनों जमीन बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में शामिल नहीं हैं. इसलिए केंद्रीय टीम को ये जमीनें पसंद आई हैं.
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टीम में सेंट्रल यूनिवर्सिटी साउथ बिहार के वाइस चांसलर केएन सिंह, यूजीसी के संयुक्त सचिव जितेंद्र कुमार त्रिपाठी, शिक्षा मंत्रालय के निदेशक सुभाष चंद्र शारु, शिक्षा मंत्रालय के अवर सचिव पीके सिंह तथा सीपीडब्ल्यू के चीफ इंजीनियर यूएन विवेक शामिल थे. टीम के साथ कहलगांव के अनुमंडल पदाधिकारी मधुकांत, भूमि सुधार उप समाहर्ता तथा अंचलाधिकारी भी मौजूद थे, जो टीम के सदस्यों को अद्यतन स्थिति से वाकिफ करा रहे थे.
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