भागलपुर: जिले की सभी पंचायतों में कृषि कार्यालय खोले जाएंगे. पंचायतों में कार्यालय खुल जाने से किसान को समन्वयक और सलाहकार को ढूंढनें के लिए इधर-उधर नहीं जाना पड़ेगा. सलाहकार और समन्वयक पंचायत कृषि कार्यालय में रहेंगे.
इसको लेकर जिला कृषि अधिकारी ने सभी प्रखंड कृषि अधिकारियों को कार्यालय खोले जाने के संबंध में भवन चिन्हित करने का निर्देश जारी किया है. जिस पंचायत में कोई सरकारी भवन नहीं है. वहां निजी मकान देखकर प्रखंड कृषि अधिकारी को सूचित करने का निर्देश दिया है.
किसानों ने कृषि मंत्री को बताई थी अपनी समस्या
जिला कृषि अधिकारी कृष्णकांत झा ने ईटीवी भारत को बताया कि किसानों को कोई भी जानकारी प्राप्त करने के लिए जिला या प्रखंड के कृषि कार्यालय का चक्कर लगाना पड़ता था. जिससे उन्हें काफी कठिनाई होती थी. उन्होंने बताया कि कृषि मंत्री डॉक्टर प्रेम कुमार के क्षेत्र भ्रमण के दौरान किसानों ने उन्हें अपनी समस्याओं से अवगत कराया था. उसी के आलोक में विभाग ने सभी पंचायत में कृषि कार्यालय खोलने का निर्णय लिया और सभी जिला कृषि पंचायत अधिकारी को निर्देश जारी किया. जिसमें कहा गया कि सभी पंचायतों में पंचायत कृषि कार्यालय खोले जाएं. जिस पंचायत में सरकारी भवन हैं तो उस भवन में कार्यालय खोले जाएं. जहां पर सरकारी भवन नहीं हैं, वहां निजी भवन को चिन्हित कर कार्यालय खोले जाएं.
'अब नहीं लगाने पड़ेंगे चक्कर'
उन्होंने बताया कि कार्यालय में पांच कुर्सी, टेबल और रजिस्टर के साथ-साथ एक बोर्ड दिया गया है. रजिस्टर में कार्यालय में आने वाले किसानों के नाम उनकी समस्या पता और मोबाइल नंबर लिखा जाएगा. उनकी समस्याओं का समाधान यदि पंचायत कृषि कार्यालय से हो पाता है तो कर दिया जाएगा. नहीं तो प्रखंड स्तर, जिला स्तर या कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक के स्तर से होगा तो वहां भेजा जाएगा. उन्होंने कहा कि पंचायत कृषि कार्यालय खोलने का मुख्य उद्देश्य है. किसानों की समस्याओं का समाधान जल्द से जल्द करना. उन्हें योजनाओं के बारे में जानकारी देना. अभी उन्हें योजनाओं के बारे में जानकारी लेने में समय लग रहा था और जिले और प्रखंड कार्यालयों का काफी चक्कर लगाना पड़ता था.