पटना: बिहार में बड़ी संख्या में लैब टेक्नीशियनों की नियुक्ति (Recruitment of Lab Technicians in Bihar) की गई है. स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने कहा है कि प्रदेश में चिकित्सा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले लैब टेक्नीशियन की नियुक्ति हुई है. प्रदेश में लगभग 23 वर्षों बाद लैब टेक्नीशियनों के पदों को भरा गया है. बिहार कर्मचारी चयन आयोग (Bihar Staff Selection Commission) द्वारा अनुशंसित 1160 लैब टेक्नीशियनों की पोस्टिंग प्रदेश के विभिन्न स्वास्थ्य संस्थानों में की गई है. इससे सरकारी अस्पतालों में मरीजों की जांच में आसानी होगी और आर्थिक बोझ से भी राहत मिलेगी.
ये भी पढ़ें- स्वास्थ्य मंत्री ने किया ऐलान- बिहार में 3270 आयुष चिकित्सक जल्द होंगे नियुक्त
बड़ी संख्या में लैब टेक्नीशियनों की हुई नियुक्ति: स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने बताया कि इसके पहले प्रदेश में 1999 में एकीकृत बिहार के समय 183 लैब टेक्नीशियन की नियुक्ति की गई थी. लैब टेक्नीशियन की कमी के कारण प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में मरीजों को विभिन्न प्रकार की जांच कराने में काफी दिक्कतें आती थी. राज्य के स्वास्थ्य संस्थानों को लैब टेक्नीशियन मिलने से सरकारी अस्पतालों में आने वाले मरीजों को अब अस्पताल के अंदर ही विभिन्न प्रकार की जांच की सुविधा उपलब्ध होगी.
गरीब मरीजों को जांच कराने में होगी सहूलियत: 'इससे आमजन के साथ-साथ गरीब और आर्थिक रूप से अक्षम मरीजों को काफी सहूलियत होगी. सरकारी अस्पतालों में पहले से ही मुफ्त जांच की सुविधा उपलब्ध है और अब लैब में जांच उपलब्ध होने से मरीजों के उपचार की गुणवत्ता में भी असर होगा. मरीजों को सही समय पर उनकी रिपोर्ट भी उपलब्ध होगी और प्राइवेट संस्थानों में महंगा रेट देकर जांच कराने से भी छुटकारा मिलेगा.' - मंगल पांडे, स्वास्थ्य मंत्री
1160 लैब टेक्नीशियनों की पोस्टिंग: स्वास्थ मंत्री मंगल पांडे ने कहा कि लैब टेक्नीशियन अस्पताल के पैथोलॉजी लैब में ड्यूटी पर रहते हैं. ये शरीर के आवश्यक पदार्थ जैसे कि फ्लूड, टिशू, ब्लड, यूरिन इन्फेक्शन और बैक्टीरियल इनफेक्शन समेत विभिन्न प्रकार के सैंपल की जांच करते हैं. उन्होंने कहा कि विभाग हमेशा से संसाधनों के अलावा मानव बल की पूर्ति के लिए तत्पर रहता है. आने वाले समय में स्वास्थ्य विभाग चिकित्सकों के अलावा लैब टेक्नीशियन, सीएचओ, एएनएम और जीएनएम की नियुक्ति भी आवश्यकता अनुसार करेगी, जिससे एक बेहतर चिकित्सीय माहौल प्रदेश में लोगों को मिलेगा.
ये भी पढ़ें- विधानसभा में स्वास्थ्य मंत्री ने माना, 'बिहार में 49 प्रतिशत डॉक्टरों की कमी'
विश्वसनीय खबरों को देखने के लिए डाउनलोड करें ETV BHARAT APP