बेगूसराय: जिले के समाज कल्याण विभाग ने 18 साल तक के भूले-बिछड़े और अनाथ बच्चों को संरक्षण देने की पहल की है. विभाग ने इसके लिए तीन सदस्यीय टीम का गठन किया है. वहीं, इस पहल के बाद लोग विभाग की काफी प्रशंसा कर रहे हैं.
18 जिलों में कमेटी का गठन
गौरतलब है कि पिछले डेढ़ सालों से जिले में ये कमेटी भंग चल रही थी, जिसके चलते भूले-बिछड़े और अनाथ बच्चों का संरक्षण नहीं हो पा रहा था. इसको ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार के समाज कल्याण विभाग ने बेगूसराय समेत राज्य के 18 अन्य जिलों में ऐसे बच्चों के संरक्षण के लिए बाल कल्याण समिति का गठन किया है. यह समिति 1 से 18 साल तक के बच्चों का संरक्षण करेगी.
मां-बाप से मिलाने का प्रयास करेगी समिति
समिति की अध्यक्ष संगीता कुमारी ने बताया कि बच्चों की देखरेख, संरक्षण के लिए बने किशोर न्याय अधिनियम 2015, बिहार किशोर न्याय नियमावली 2017 के नियम 15 के निहित प्रावधानों के तहत समाज कल्याण विभाग के जरिए बाल कल्याण समिति का गठन किया जाता है. उन्होंने बताया कि समिति बच्चों के अधिकार और उनके हक के लिए काम करती है. इसके तहत अनाथ और मां-बाप से बिछड़े बच्चों की देखरेख की जाती है. इसके साथ ही समिति मां-बाप से बिछड़े बच्चों को वापस मिलाने का प्रयास करती है.
सरकार के उद्देश्यों को मिलेगा बल
अध्यक्ष ने बताया कि समिति के गठन से सरकार के उद्देश्यों को बल मिलेगा. साथ ही बाल संरक्षण कानून ठीक ढंग से काम कर सकेगा. उन्होंने कहा कि विभाग ने उन्हें बेगूसराय समिति के अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी सौंपी है. जिसका वह बखूबी निर्वहन करेंगी. उन्होंने बताया कि पुष्पा कुमारी और प्रीति कुमारी को सदस्य बनाया गया है. इन लोगों का कहना है कि बच्चों के संरक्षण के लिए पूरी तत्परता से काम करेंगी. वहीं, बेगूसराय जिलाधिकारी अरविंद कुमार वर्मा ने कहा कि वह बाल कल्याण समिति का पूरा सहयोग करेंगे. इस काम में जो भी समस्याएं आएंगी, उसका समाधान करने का प्रयास करेंगे.