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ऑनलाइन शॉपिंग के दीवाने हुए हैदराबादी, अप्रैल में तोड़ दिया फूड ऑर्डर का रेकॉर्ड

कोरोना का प्रकोप काफी हद तक कंट्रोल में है. बाजारों में चहल-पहल भी कोरोना से पहले के दौर की तरह दिख रही है. मगर चाहे-अनचाहे कोरोना के दौरान लगे लॉकडाउन ने हैदराबादियों को ऑनलाइन शॉपिंग की जो आदत लगाई, वह वक्त के साथ बढ़ती चली गई. अब हालत यह है कि हैदराबाद के लोग छोटी से बड़ी खरीदारी के लिए ऑनलाइन शॉपिंग पर भरोसा कर रहे हैं. अप्रैल में तो हैदराबादियों ने फूड आइटम्स के लिए इतने ऑर्डर किए कि रेस्टोरेंट संचालकों को क्लाउड किचन बनानी पड़ी.

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Published : May 24, 2022, 5:00 PM IST

हैदराबाद : ऑनलाइन शॉपिंग पहले लोगों के लिए एक इनोवेशन जैसा था, जहां वह अपनी पसंद की चीजों को हिचकिचाहट और उत्सुकता के साथ देखते थे. कोरोना के दौर में हैदराबादियों के लिए ऑनलाइन शॉपिंग जरूरत बन गई. अब यह लोगों के लिए खर्च घटाने का जरिया बन गया है. दो साल में यहां के लोगों की मानसिकता ऐसी बदली है कि वह रूटीन डेली लाइफ की जरूरत के लिए ऑनलाइन ऑर्डर दे रहे हैं. जिन दुकानदारों के पास होम डिलिवरी का ऑप्शन है, उनकी डिमांड बढ़ गई है. दूध और नाश्ते से लेकर सब्जियां, फल, किराने का सामान, दवाएं, नॉनवेज फूड सभी के लिए बस एक क्लिक ही काफी है. दो वर्षों में शहर में ई-कॉमर्स ट्रांजैक्शन आसमान छू गया है.

क्या हुआ बदलाव : हैदराबाद में संडे को नॉनवेज की बिक्री बढ़ जाती है. कोरोना के दौर से पहले नॉनवेज बेचने वाले स्टॉल पर लाइन लगती थी. अब ऐसा नहीं है. ल्यूसियस, टेंडर कट और फिपोला जैसे ब्रांड लोगों की पसंद के मुताबिक, रॉ नॉन वेज मटैरियल लोगों के घर तक पहुंचा रहे हैं. ऑनलाइन ऑर्डर करने पर ऑफर की भरमार उन्हें दोतरफा फायदा दे रही है. एक तो उन्हें दुकान जाने की जहमत नहीं उठानी पड़ती है, दूसरा वह ऑफर्स के कारण प्रोडक्ट भी महंगा नहीं होता.

किराने का सामान और स्टेपल की भी ऑनलाइन शॉपिंग ज्यादा है. हैदराबाद के सौ से अधिक छोटे और बड़े सुपरमार्केट की तरफ से ग्रॉसरी घर तक पहुंचाने का विकल्प दिया जा रहा हैं. उपभोक्ता भी ऑनलाइन बिलिंग पसंद कर रहे हैं. बिग बास्केट, डंजो, रिलायंस मार्ट, अमेज़ॅन और फ्लिपकार्ट जैसे लोकप्रिय ऐप ग्राहकों के दरवाजे तक किराने का सामान पहुंचा रहे हैं. स्नैपडील, मिंत्रा और अन्य ऑनलाइन रिटेलर कपड़े और एक्सेसरीज के विकल्प हैं. कुछ ई-स्टोर्स ने तत्काल डिलीवरी भी शुरू की है.

ऑनलाइन के दौर में मनोरंजन के मायने भी बदल गए. सिनेमाघरों में बढ़े टिकट के रेट और पेट्रोल की बढ़ती कीमत ने लोगों को नए विकल्प चुनने को मजबूर किया है. सिनेमाहॉल में होने वाले खर्च को कम करने के लिए ओटीटी प्लेटफॉर्म पर मूवी देख रहे हैं. पार्कों की सैर कर रहे हैं और शाम पड़ोस के किसी मॉल में बीताकर एंटरटेनमेंट के खर्च को मैनेज कर रहे हैं. मार्केट एनालिस्ट का मानना है कि कोरोना के दौर के बाद हैदराबादी युवाओं ने इनवेस्ट के लिए स्टॉक मार्केट का रुख किया है. अब तक स्टॉक ब्रोकिंग कार्यालयों में जाकर डीमैट खाता खोलकर शेयरों का कारोबार होता था. अब ग्रो जैसे ऐप की मदद से लोग घर बैठे ही ट्रेडिंग कर रहे हैं.

लॉकडाउन ने लोगों को ऑनलाइन फूड ऑर्डर करने की कला सिखाई. अब तो हैदराबाद के लोग इसके आदी हो चुके हैं. यहां नाश्ता, लंच और डिनर के लिए ऑऩलाइन ऑर्डर देने वालों की तादाद बढ़ी है. इसका अंदाजा आप 2 अप्रैल 22 अप्रैल के बीच ऑर्डर किए गए डेटा से लगा सकते हैं कि रोजे के दौरान स्वीगी ने सिर्फ शाम के 5 से 7 बजे के बीच 4.50 लाख ऑर्डर घरों तक डिलिवर किए थे. ऑर्डर को पूरा करने के लिए होटलों ने क्लाउड किचन बनवाए.

खाना-पीना और कपड़े, सिनेमा के अलावा पढ़ाई के लिए भी ऑनलाइन प्रोडक्टस की डिमांड बढ़ी है. हाल ही में, तेलंगाना सरकार ने 80,000 नौकरियों के लिए एक अधिसूचना जारी की है. पहले ऐसी ओपनिंग के बाद हैदराबाद के अमीरपेट, दिलसुखनगर और अशोक नगर की कोचिंग भी भीड़ लगती थी. हालांकि आज भी कमोबेश यही स्थिति है, लेकिन उतनी ही संख्या में लोग घर से कोचिंग ले रहे हैं . शहर के सभी प्रमुख कोचिंग सेंटर ऑनलाइन कोर्स की ऑफर कर रहे हैं. टी-सैट टीवी पर सिलेबस के हिसाब से प्रसारण हो रहा है. नौकरी के इच्छुक उम्मीदवार Amazon से कोचिंग सामग्री खरीद रहे हैं. वास्तव में, ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म ने युवाओं को नौकरी का मौका दिया है.

पढ़ें : महामारी के बीच ऑनलाइन शॉपिंग से अमेजन को मुनाफा

हैदराबाद : ऑनलाइन शॉपिंग पहले लोगों के लिए एक इनोवेशन जैसा था, जहां वह अपनी पसंद की चीजों को हिचकिचाहट और उत्सुकता के साथ देखते थे. कोरोना के दौर में हैदराबादियों के लिए ऑनलाइन शॉपिंग जरूरत बन गई. अब यह लोगों के लिए खर्च घटाने का जरिया बन गया है. दो साल में यहां के लोगों की मानसिकता ऐसी बदली है कि वह रूटीन डेली लाइफ की जरूरत के लिए ऑनलाइन ऑर्डर दे रहे हैं. जिन दुकानदारों के पास होम डिलिवरी का ऑप्शन है, उनकी डिमांड बढ़ गई है. दूध और नाश्ते से लेकर सब्जियां, फल, किराने का सामान, दवाएं, नॉनवेज फूड सभी के लिए बस एक क्लिक ही काफी है. दो वर्षों में शहर में ई-कॉमर्स ट्रांजैक्शन आसमान छू गया है.

क्या हुआ बदलाव : हैदराबाद में संडे को नॉनवेज की बिक्री बढ़ जाती है. कोरोना के दौर से पहले नॉनवेज बेचने वाले स्टॉल पर लाइन लगती थी. अब ऐसा नहीं है. ल्यूसियस, टेंडर कट और फिपोला जैसे ब्रांड लोगों की पसंद के मुताबिक, रॉ नॉन वेज मटैरियल लोगों के घर तक पहुंचा रहे हैं. ऑनलाइन ऑर्डर करने पर ऑफर की भरमार उन्हें दोतरफा फायदा दे रही है. एक तो उन्हें दुकान जाने की जहमत नहीं उठानी पड़ती है, दूसरा वह ऑफर्स के कारण प्रोडक्ट भी महंगा नहीं होता.

किराने का सामान और स्टेपल की भी ऑनलाइन शॉपिंग ज्यादा है. हैदराबाद के सौ से अधिक छोटे और बड़े सुपरमार्केट की तरफ से ग्रॉसरी घर तक पहुंचाने का विकल्प दिया जा रहा हैं. उपभोक्ता भी ऑनलाइन बिलिंग पसंद कर रहे हैं. बिग बास्केट, डंजो, रिलायंस मार्ट, अमेज़ॅन और फ्लिपकार्ट जैसे लोकप्रिय ऐप ग्राहकों के दरवाजे तक किराने का सामान पहुंचा रहे हैं. स्नैपडील, मिंत्रा और अन्य ऑनलाइन रिटेलर कपड़े और एक्सेसरीज के विकल्प हैं. कुछ ई-स्टोर्स ने तत्काल डिलीवरी भी शुरू की है.

ऑनलाइन के दौर में मनोरंजन के मायने भी बदल गए. सिनेमाघरों में बढ़े टिकट के रेट और पेट्रोल की बढ़ती कीमत ने लोगों को नए विकल्प चुनने को मजबूर किया है. सिनेमाहॉल में होने वाले खर्च को कम करने के लिए ओटीटी प्लेटफॉर्म पर मूवी देख रहे हैं. पार्कों की सैर कर रहे हैं और शाम पड़ोस के किसी मॉल में बीताकर एंटरटेनमेंट के खर्च को मैनेज कर रहे हैं. मार्केट एनालिस्ट का मानना है कि कोरोना के दौर के बाद हैदराबादी युवाओं ने इनवेस्ट के लिए स्टॉक मार्केट का रुख किया है. अब तक स्टॉक ब्रोकिंग कार्यालयों में जाकर डीमैट खाता खोलकर शेयरों का कारोबार होता था. अब ग्रो जैसे ऐप की मदद से लोग घर बैठे ही ट्रेडिंग कर रहे हैं.

लॉकडाउन ने लोगों को ऑनलाइन फूड ऑर्डर करने की कला सिखाई. अब तो हैदराबाद के लोग इसके आदी हो चुके हैं. यहां नाश्ता, लंच और डिनर के लिए ऑऩलाइन ऑर्डर देने वालों की तादाद बढ़ी है. इसका अंदाजा आप 2 अप्रैल 22 अप्रैल के बीच ऑर्डर किए गए डेटा से लगा सकते हैं कि रोजे के दौरान स्वीगी ने सिर्फ शाम के 5 से 7 बजे के बीच 4.50 लाख ऑर्डर घरों तक डिलिवर किए थे. ऑर्डर को पूरा करने के लिए होटलों ने क्लाउड किचन बनवाए.

खाना-पीना और कपड़े, सिनेमा के अलावा पढ़ाई के लिए भी ऑनलाइन प्रोडक्टस की डिमांड बढ़ी है. हाल ही में, तेलंगाना सरकार ने 80,000 नौकरियों के लिए एक अधिसूचना जारी की है. पहले ऐसी ओपनिंग के बाद हैदराबाद के अमीरपेट, दिलसुखनगर और अशोक नगर की कोचिंग भी भीड़ लगती थी. हालांकि आज भी कमोबेश यही स्थिति है, लेकिन उतनी ही संख्या में लोग घर से कोचिंग ले रहे हैं . शहर के सभी प्रमुख कोचिंग सेंटर ऑनलाइन कोर्स की ऑफर कर रहे हैं. टी-सैट टीवी पर सिलेबस के हिसाब से प्रसारण हो रहा है. नौकरी के इच्छुक उम्मीदवार Amazon से कोचिंग सामग्री खरीद रहे हैं. वास्तव में, ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म ने युवाओं को नौकरी का मौका दिया है.

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