नई दिल्ली: दिल्ली सरकार के मंत्रिमंडल की रविवार को एक महत्वपूर्ण बैठक हुई. इस बैठक में 10,000 बस मार्शल्स की बहाली की सिफारिश की गई. दिल्ली सरकार का कहना है कि अब यह प्रस्ताव मंजूरी के लिए दिल्ली के उपराज्यपाल को भेजा जाएगा. दिल्ली सरकार ने इस विषय में बताया कि रविवार को मंत्रिमंडल की बैठक दिल्ली सचिवालय में हुई. दिल्ली सरकार के मंत्रिमंडल की बैठक में मुख्यमंत्री आतिशी को एक रिपोर्ट सौंपी गई. इस रिपोर्ट में तत्काल प्रभाव से बसों में मार्शल्स बहाल करने की सिफारिश की गई है.
दिल्ली सरकार का कहना है कि 10,000 मार्शल्स बसों में फिर लगाए जाएंगे. एलजी को मंत्रिमंडल का यह प्रस्ताव भेजा जाएगा. दिल्ली सरकार का कहना है कि उनके इस कदम से दिल्ली में 10,000 बस मार्शल्स को उनका रोजगार मिल सकेगा. इससे पहले मुख्यमंत्री आतिशी ने कहा था कि दिल्ली सरकार ने 10,000 मार्शल्स की नियुक्ति को मंजूरी दे दी है. प्रदूषण के खिलाफ युद्ध में अगले 4 महीने तक बस मार्शल भी अहम भूमिका निभाएंगे.
मैं बस मार्शलों को आश्वस्त करती हूं कि आने वाले कुछ दिनों में ही बस मार्शलों की स्थायी नियुक्ति का प्रस्ताव LG के पास भेजेंगे।
— AAP (@AamAadmiParty) November 9, 2024
जब तक इन्हें स्थायी नियुक्ति नहीं मिल जाती तब तक फरवरी के महीने तक बस मार्शलों को प्रदूषण के ख़िलाफ़ मुहीम में जोड़ा जा रहा है।
सोमवार से बस मार्शलों… pic.twitter.com/UOsBoecx6m
आतिशी के मुताबिक प्रदूषण हॉटस्पॉट्स की निगरानी से लेकर ओपन बर्निंग को रोकने में बस मार्शलों की भूमिका होगी. मुख्यमंत्री का कहना है कि सोमवार से बस मार्शल्स की नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू होगी. दिल्ली सरकार बस मार्शल्स की स्थायी नियुक्ति का प्रस्ताव उपराज्यपाल को भेज रही है. दिल्ली की बसों में महिलाओं को सुरक्षा देने के लिए वर्ष 2017-18 में दिल्ली सरकार ने बस मार्शल तैनात किए थे.
मुख्यमंत्री का कहना है कि बसों में मार्शल्स की नियुक्ति से महिलाओं, बुजुर्गों व बच्चों को जो सुरक्षा मिली, उसका प्रमाण दिल्ली वालों ने देखा. मार्शलों ने बस में महिलाओं के साथ होने वाली बदतमीजी को रोका है. भाजपा को महिलाओं, बुजुर्गों व बच्चों की सुरक्षा की परवाह नहीं है. गरीब घरों के 10,000 युवाओं को मार्शल का काम मिला, लेकिन भाजपा को यह पसंद नहीं आया. भाजपा ने षड्यंत्र रचकर अपने अफसरों के माध्यम से अप्रैल 2023 से इन बस मार्शल्स की तनख्वाह रोक दी थी.
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