ETV Bharat / briefs

चमकी बुखार से 5 और बच्चों की हुई मौत, अब तक 173 की गयी जान

चमकी बुखार से लगातार बच्चों की मौत हो रही है. प्रदेश के कई जिलों में इसका असर देखा जा रहा है.

author img

By

Published : Jun 21, 2019, 8:43 AM IST

Updated : Jun 21, 2019, 9:00 AM IST

muzaffarpur

मुजफ्फरपुर : उत्तर बिहार के मुजफ्फरपुर व इसके आसपास के जिलों में एईएस (चमकी बुखार) से बच्चों की लगातार मौतें हो रही है. बीते 20 दिनों में एईएस के 479 मामले सामने आ चुके है. गुरुवार देर रात तक पांच और बच्चों की मौत एसकेएमसीएच में हो गई. अब मरने वालों का आंकड़ा बढ़कर 173 हो गया है.

वहीं गुरुवार को एसकेएमसीएच व केजरीवाल अस्पताल में 18 नए मरीजों को भर्ती कराया गया. एसकेएमसीएच में 13 व केजरीवाल अस्पताल में पांच नए मरीजों को भर्ती किया गया.

सरकारी आकड़ों के अनुसार 124 मौत

24 घंटे सभी अस्पताल को हाई अलर्ट पर रखा गया है. सरकारी आंकड़ों के अनुसार एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) से मरने वाले बच्चों की संख्या बढ़ कर 124 हो गई है.

एसकेएमसीएच के अधीक्षक का बयान.

मुजफ्फरपुर में 121 मौत
मुजफ्फरपुर के सिविल सर्जन डॉ शैलेश प्रसाद ने गुरुवार देर शाम बताया कि पिछले 24 घंटे के दौरान श्रीकृष्ण मेडिकल कालेज अस्पताल और केजरीवाल अस्पताल में चमकी बुखार (एईएस) से सात अन्य बच्चों की मौत के साथ उनके जिले में मरने वाले बच्चों की संख्या अब 121 हो गयी है.

कुल 562 बच्चों को किया गया भर्ती
उन्होंने बताया कि उनके जिले में अब तक इस रोग से ग्रसित कुल 562 बच्चे भर्ती कराए गए जबकि स्वास्थ्य लाभ लेने के बाद 219 बच्चों को अस्पताल से छुट्टी दी जा चुकी है. श्रीकृष्ण मेडिकल कालेज अस्पताल में कल तक 95 और निजी केजरीवाल अस्पताल में 19 बच्चों की मौत हो गयी थी.

muzaffarpur
इलाज करते डॉक्टर

अन्य जिलों में हुई मौतें
मंगलवार को पूर्वी चंपारण जिले में एक बच्चे की और गत 16 जून को पटना मेडिकल कालेज अस्पताल में एक बच्चे तथा गत 13 जून को समस्तीपुर जिले के विभूतिपुर में एक बच्चे की मौत हो गयी थी.

कफील खान मुजफ्फरपुर में कर रहे हैं कैंप
इस बीच गोरखपुर के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ कफील खान, जिन्हें ऑक्सीजन सिलेंडर की कथित कमी के कारण एक अस्पताल में बड़ी संख्या में जापानी इंसेफेलाइटिस पीड़ित बच्चों की मौत के बाद पिछले साल निलंबित कर दिया गया था, अपनी सेवाएं देने मुजफ्फरपुर पहुंचे हैं.

जागरुकता फैलाने के लिए वीडियो जारी
इलाहाबाद उच्च न्यायालय द्वारा जमानत पर रिहा किए जाने के बाद 'सभी के लिए स्वास्थ्य' अभियान का संचालन करने वाले डॉ कफील मुजफ्फरपुर शहर के दामोदरपुर इलाके में एक शिविर लगाकर रोगी बच्चों का मुफ्त इलाज कर रहे हैं. कफील ने अपने ट्विटर अकाउंट पर भी दिमागी बुखार के लक्षणों के प्रबंधन के बारे में जागरुकता फैलाने के उद्देश्य से वीडियो जारी किया है. चमकी बुखार का एक कारण हाइपोग्लाइसीमिया (रक्त शर्करा) का स्तर बहुत कम हो जाना भी है.

muzaffarpur
अस्पताल में भर्ती बच्चे.

मौत का कारण है हाईपोग्लाइसीमिया
मुजफ्फरपुर और इसके आस-पास के इलाकों में भयंकर गर्मी और उमस की वजह से बच्चे एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम यानी कि चमकी बुखार का तेजी से शिकार हो रहे हैं. हालांकि सरकार का कहना है कि अधिकतर मौत का कारण हाईपोग्लाइसीमिया है, यानी लो ब्लड शुगर. वहीं विशेषज्ञों का कहना है कि हाईपोग्लाइसीमिया इस बुखार का ही एक भाग है.


जानिए क्या हैं इसके लक्षण :

  • एईएस पीड़ित बच्चे की अचानक तबीयत बिगड़ जाती है.
  • अचानक बच्चा कोमा में चला जाता है.
  • इस बीमारी के सामान्य लक्षण होते हैं.
  • गर्मी के दौरान इन लक्षणों को काफी गंभीरता से लेने की आवश्यकता है.
  • तेज बुखार, सिर दर्द, गर्दन में अकड़न, उल्टी होना, सुस्ती, भूख कम लगना इत्यादि इसके लक्षण होते हैं.
  • साथ ही बच्चे के मुंह में झाग निकलना और उसको झटका लगना.
  • अगर बच्चों को सास लेने में दिक्कत हो या दांत बंद हो जाए. तो तुरंत उसे अस्पताल में भर्ती कराना चाहिए.
  • चमकी बुखार से पीड़ित बच्चों में हाइपोग्लाइसीमिया यानी शुगर की कमी देखी जा रही है.

जानिए क्या हैं इसके उपचार :

  • पीड़ित इंसान के शरीर में पानी की कमी न होने दें.
  • बच्चों को सिर्फ हेल्दी फूड ही दें.
  • रात को खाना खाने के बाद मीठा जरूर दें.
  • बच्चों को थोड़ी-थोड़ी देर बार तरल पदार्थ देते रहें, ताकि उनके शरीर में पानी की कमी न हो.

इन बातों का रखें ध्यान :

  • बच्चों को गंदे पानी के संपर्क में न आने दें.
  • मच्छरों से बचाव के लिए घर के आसपास पानी न जमा होने दें.
  • तेज धूप में बच्चों को बाहर नहीं निकलने दें.
  • बच्चे में चमकी व तेज बुखार होते ही नजदीकी पीएचसी लेकर पहुंचे.
  • अपने मन से और गांव के कथित डॉक्टरों से इलाज नहीं कराएं.
  • पीएचसी, आशा सेविका को जानकारी देने पर एम्बुलेंस की सुविधा मिलेगी.
  • चमकी व तेज बुखार बीमारी है यह देवता व भूत प्रेत का लक्षण नहीं है.
  • ओझा से झाड़फूंक करवाने की जगह सरकारी अस्पताल लेकर बच्चे को आएं.

मुजफ्फरपुर : उत्तर बिहार के मुजफ्फरपुर व इसके आसपास के जिलों में एईएस (चमकी बुखार) से बच्चों की लगातार मौतें हो रही है. बीते 20 दिनों में एईएस के 479 मामले सामने आ चुके है. गुरुवार देर रात तक पांच और बच्चों की मौत एसकेएमसीएच में हो गई. अब मरने वालों का आंकड़ा बढ़कर 173 हो गया है.

वहीं गुरुवार को एसकेएमसीएच व केजरीवाल अस्पताल में 18 नए मरीजों को भर्ती कराया गया. एसकेएमसीएच में 13 व केजरीवाल अस्पताल में पांच नए मरीजों को भर्ती किया गया.

सरकारी आकड़ों के अनुसार 124 मौत

24 घंटे सभी अस्पताल को हाई अलर्ट पर रखा गया है. सरकारी आंकड़ों के अनुसार एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) से मरने वाले बच्चों की संख्या बढ़ कर 124 हो गई है.

एसकेएमसीएच के अधीक्षक का बयान.

मुजफ्फरपुर में 121 मौत
मुजफ्फरपुर के सिविल सर्जन डॉ शैलेश प्रसाद ने गुरुवार देर शाम बताया कि पिछले 24 घंटे के दौरान श्रीकृष्ण मेडिकल कालेज अस्पताल और केजरीवाल अस्पताल में चमकी बुखार (एईएस) से सात अन्य बच्चों की मौत के साथ उनके जिले में मरने वाले बच्चों की संख्या अब 121 हो गयी है.

कुल 562 बच्चों को किया गया भर्ती
उन्होंने बताया कि उनके जिले में अब तक इस रोग से ग्रसित कुल 562 बच्चे भर्ती कराए गए जबकि स्वास्थ्य लाभ लेने के बाद 219 बच्चों को अस्पताल से छुट्टी दी जा चुकी है. श्रीकृष्ण मेडिकल कालेज अस्पताल में कल तक 95 और निजी केजरीवाल अस्पताल में 19 बच्चों की मौत हो गयी थी.

muzaffarpur
इलाज करते डॉक्टर

अन्य जिलों में हुई मौतें
मंगलवार को पूर्वी चंपारण जिले में एक बच्चे की और गत 16 जून को पटना मेडिकल कालेज अस्पताल में एक बच्चे तथा गत 13 जून को समस्तीपुर जिले के विभूतिपुर में एक बच्चे की मौत हो गयी थी.

कफील खान मुजफ्फरपुर में कर रहे हैं कैंप
इस बीच गोरखपुर के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ कफील खान, जिन्हें ऑक्सीजन सिलेंडर की कथित कमी के कारण एक अस्पताल में बड़ी संख्या में जापानी इंसेफेलाइटिस पीड़ित बच्चों की मौत के बाद पिछले साल निलंबित कर दिया गया था, अपनी सेवाएं देने मुजफ्फरपुर पहुंचे हैं.

जागरुकता फैलाने के लिए वीडियो जारी
इलाहाबाद उच्च न्यायालय द्वारा जमानत पर रिहा किए जाने के बाद 'सभी के लिए स्वास्थ्य' अभियान का संचालन करने वाले डॉ कफील मुजफ्फरपुर शहर के दामोदरपुर इलाके में एक शिविर लगाकर रोगी बच्चों का मुफ्त इलाज कर रहे हैं. कफील ने अपने ट्विटर अकाउंट पर भी दिमागी बुखार के लक्षणों के प्रबंधन के बारे में जागरुकता फैलाने के उद्देश्य से वीडियो जारी किया है. चमकी बुखार का एक कारण हाइपोग्लाइसीमिया (रक्त शर्करा) का स्तर बहुत कम हो जाना भी है.

muzaffarpur
अस्पताल में भर्ती बच्चे.

मौत का कारण है हाईपोग्लाइसीमिया
मुजफ्फरपुर और इसके आस-पास के इलाकों में भयंकर गर्मी और उमस की वजह से बच्चे एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम यानी कि चमकी बुखार का तेजी से शिकार हो रहे हैं. हालांकि सरकार का कहना है कि अधिकतर मौत का कारण हाईपोग्लाइसीमिया है, यानी लो ब्लड शुगर. वहीं विशेषज्ञों का कहना है कि हाईपोग्लाइसीमिया इस बुखार का ही एक भाग है.


जानिए क्या हैं इसके लक्षण :

  • एईएस पीड़ित बच्चे की अचानक तबीयत बिगड़ जाती है.
  • अचानक बच्चा कोमा में चला जाता है.
  • इस बीमारी के सामान्य लक्षण होते हैं.
  • गर्मी के दौरान इन लक्षणों को काफी गंभीरता से लेने की आवश्यकता है.
  • तेज बुखार, सिर दर्द, गर्दन में अकड़न, उल्टी होना, सुस्ती, भूख कम लगना इत्यादि इसके लक्षण होते हैं.
  • साथ ही बच्चे के मुंह में झाग निकलना और उसको झटका लगना.
  • अगर बच्चों को सास लेने में दिक्कत हो या दांत बंद हो जाए. तो तुरंत उसे अस्पताल में भर्ती कराना चाहिए.
  • चमकी बुखार से पीड़ित बच्चों में हाइपोग्लाइसीमिया यानी शुगर की कमी देखी जा रही है.

जानिए क्या हैं इसके उपचार :

  • पीड़ित इंसान के शरीर में पानी की कमी न होने दें.
  • बच्चों को सिर्फ हेल्दी फूड ही दें.
  • रात को खाना खाने के बाद मीठा जरूर दें.
  • बच्चों को थोड़ी-थोड़ी देर बार तरल पदार्थ देते रहें, ताकि उनके शरीर में पानी की कमी न हो.

इन बातों का रखें ध्यान :

  • बच्चों को गंदे पानी के संपर्क में न आने दें.
  • मच्छरों से बचाव के लिए घर के आसपास पानी न जमा होने दें.
  • तेज धूप में बच्चों को बाहर नहीं निकलने दें.
  • बच्चे में चमकी व तेज बुखार होते ही नजदीकी पीएचसी लेकर पहुंचे.
  • अपने मन से और गांव के कथित डॉक्टरों से इलाज नहीं कराएं.
  • पीएचसी, आशा सेविका को जानकारी देने पर एम्बुलेंस की सुविधा मिलेगी.
  • चमकी व तेज बुखार बीमारी है यह देवता व भूत प्रेत का लक्षण नहीं है.
  • ओझा से झाड़फूंक करवाने की जगह सरकारी अस्पताल लेकर बच्चे को आएं.
Intro:Body:Conclusion:
Last Updated : Jun 21, 2019, 9:00 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.