ETV Bharat / briefs

गया के श्मशान घाट पर तीन दिन में 300 शवों का हुआ दाह संस्कार

गया के विष्णुपद श्मशान घाट पर इन दिनों शवों का तांता लगा हुआ है. अबतक कुल 300 से ज्यादा शवों को जलाया गया है. ये आंकड़ा आज तक श्मशान भूमि पर नही पहुंचा था. आज से तीन साल पहले गर्मी में अधिक लाशें आयी थीं लेकिन इतनी लाशें पहली बार आयी हैं.

author img

By

Published : Jun 18, 2019, 5:05 PM IST

गया के श्मशान घाट पर तीन दिनों में 300 शवों का हुआ दाह संस्कार

गया: जिले में आसमानी कहर से सरकारी आंकड़ों के अनुसार अबतक कुल 41 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है. गया के विष्णुपद के निकट श्मशान घाट पर तीन दिनों में 300 से ज्यादा शवों का दाह संस्कार किया गया है. डोमराजा और दुकानदार इतनी संख्या में शव आते देख हैरान हैं. कुल 300 शवों में से अधिकांश लोगों की मौत लू लगने से हुई है.

3 दिन में 300 शवों का दाह-संस्कार

300 से ज्यादा शवों का हुआ दाह संस्कार
गया के श्मशान घाट पर एक चिता की आग बुझती नहीं कि दूसरी चिता सज जाती है. बीते शनिवार की सुबह से ही शवों के आने का क्रम जारी है. डोमराजा के अनुसार अभी तक 300 से ज्यादा शवों का दाह संस्कार किया गया है. जहां तीन दिनों में 41 मौत होने के सरकारी आंकड़े सामने आ रहे हैं, वहीं विष्णुपद श्मशान घाट के आंकड़े चौंका देने वाले हैं.

gaya
तीन दिनों में 300 शवों का हुआ दाह संस्कार

अब लकड़ियां और कफन पड़ रहे कम
श्मशान घाट पर अधिक शव आने से दुकानदार भी हैरान हैं. दुकानदारों ने बताया कि पहले गया के थोक बाजार से आये कफन से पूर्ति हो जाती थी, लेकिन अब पटना से मंगवाना पड़ रहा है. वहीं लकड़ी व्यापारी ने बताया कि गया के विभिन्न बाजरों से लकड़ियां मंगाई जा रही हैं. पहले यहां दिन और रात मिलाकर 20 से 30 शव आते थे. अब संख्या 100 के भी पार चली गयी है. हमलोगों ने मृतक के परिजनों से पूछा तो सभी के मरने का कारण लू और गर्मी है.

गया: जिले में आसमानी कहर से सरकारी आंकड़ों के अनुसार अबतक कुल 41 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है. गया के विष्णुपद के निकट श्मशान घाट पर तीन दिनों में 300 से ज्यादा शवों का दाह संस्कार किया गया है. डोमराजा और दुकानदार इतनी संख्या में शव आते देख हैरान हैं. कुल 300 शवों में से अधिकांश लोगों की मौत लू लगने से हुई है.

3 दिन में 300 शवों का दाह-संस्कार

300 से ज्यादा शवों का हुआ दाह संस्कार
गया के श्मशान घाट पर एक चिता की आग बुझती नहीं कि दूसरी चिता सज जाती है. बीते शनिवार की सुबह से ही शवों के आने का क्रम जारी है. डोमराजा के अनुसार अभी तक 300 से ज्यादा शवों का दाह संस्कार किया गया है. जहां तीन दिनों में 41 मौत होने के सरकारी आंकड़े सामने आ रहे हैं, वहीं विष्णुपद श्मशान घाट के आंकड़े चौंका देने वाले हैं.

gaya
तीन दिनों में 300 शवों का हुआ दाह संस्कार

अब लकड़ियां और कफन पड़ रहे कम
श्मशान घाट पर अधिक शव आने से दुकानदार भी हैरान हैं. दुकानदारों ने बताया कि पहले गया के थोक बाजार से आये कफन से पूर्ति हो जाती थी, लेकिन अब पटना से मंगवाना पड़ रहा है. वहीं लकड़ी व्यापारी ने बताया कि गया के विभिन्न बाजरों से लकड़ियां मंगाई जा रही हैं. पहले यहां दिन और रात मिलाकर 20 से 30 शव आते थे. अब संख्या 100 के भी पार चली गयी है. हमलोगों ने मृतक के परिजनों से पूछा तो सभी के मरने का कारण लू और गर्मी है.

Intro:BH_Gaya_Vishnupad_Shmshan_Ghat_Died_Figure_300_Pepole_Visual1_Byte1_7204414

गया में आसमानी कहर से अब तक सरकारी आकड़ो से 41 लोगो की मौत की पुष्टि हुआ है लेकिन गया के विष्णुपद के निकट श्मशान घाट पर तीन दिनों 300 से ज्यादा शव का दाह संस्कार किया गया है। डोमराजा और दुकानदार इतनी संख्या में शव आते देख हैरान हैं। अबतक 300 शवो को जलाया गया उसमे अधिकांश लोग लू के शिकार थे।


Body:गया के श्मशान घाट पर एक चिता की आग बुझती नही है दूसरा चिता सज जाता है। बीते शनिवार के सुबह से शवो का आने का क्रम जारी है डोमराजा के अनुसार अभी तक 300 से ज्यादा शवो का दाह संस्कार किया गया है। जहां तीन दिनों में सरकारी आंकड़े का दावा 41 बताया जा रहा है वही विष्णुपद श्मशान घाट के आंकड़े चौका देने वाले हैं। अबतक श्मशान 300 शवो को जलाया गया है। इनमें ज्यादातर लू के ही शिकार थे।

गया के विष्णुपद श्मशान घाट पर इन दिनों शवो का आने के तांता लगा हुआ। सुबह तीन बजे से लेकर रात्री साढ़े 11 बजे तक शव पिछले शनिवार से आ रहे हैं। रविवार को 100 से अधिक शवो का दाह संस्कार किया गया था। श्मशान घाट पर लोगो ने बताया अब तक 300 से ज्यादा शवो को जलाया गया है। ये आंकड़ा आज तक श्मशान भूमि पर नही पहुँचा था आज से तीन साल पहले गर्मी में अधिक लाशें आये थे लेकिन इतनी लाशें पहली बार आया है। इसमें ज्यादातर लोग लू के चपेट में आकर मौत के शिकार हुए हैं।

श्मशान घाट पर अधिक शव आने से दुकानदार भी हैरान हैं। दुकानदारों ने बताया पहले गया के थोक बाजार के कफ़न से पूर्ति हो जाता था लेकिन अब पटना से मंगवाना पड़ रहा है। वही लकड़ी व्यापारी ने बताया गया के विभिन्न बाजरो से लकड़ियों को मंगवाया जा रहा है। पहले यहां पूरे दिन और रात मिलाकर 20 से 30 शव आता था अब संख्या 100 पार कर दे रहा है। हमलोग मृतक के परिजन से पूछते हैं सभी ने लू और गर्मी से मरने का कारण बताया हैं।


Conclusion:जिस श्मशान पर आए दिन अधिकतम 30 शव जलता हो वहां एक दिन में 100 से अधिक शव जले ,सभी मृतक के परिजन मरने का कारण लू लगना बताए और जिला प्रशासन अपने आकड़ो में मृतक संख्या 41 बताता हैं। सवाल ये सरकारी आकड़ो में 41 और जमीनी हकीकत में 300 बता रहा है।

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.