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जिले में AES का प्रकोप जारी, 13 बच्चे अस्पताल में कराए गए भर्ती

पूरे बिहार में एईएस का कहर जारी है. अब सीतामढ़ी में भी बीमार बच्चों की तादाद बढ़ने लगी है. इसे लेकर अस्पताल में समुचित व्यवस्था की गई है.

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Published : Jun 18, 2019, 12:56 PM IST

13 बच्चे अस्पताल में कराए गए भर्ती

सीतामढ़ी: मुजफ्फरपुर, समस्तीपुर और अन्य जिलों के बाद अब सीतामढ़ी जिला भी एईएस की चपेट में आ गया है. 24 घंटे के अंदर जिले के अलग-अलग क्षेत्रों से 13 बीमार बच्चों को निजी अस्पताल में इलाज के बाद सदर अस्पताल के एईएस वॉर्ड में भर्ती कराया गया है. जहां 6 वर्षीय फरहान की नाजुक हालत को देखते हुए उसे बेहतर चिकित्सा के लिए एसकेएमसीएच रेफर कर दिया गया है.

डॉक्टर और स्वास्थ्यकर्मी तैनात
4 अन्य बीमार बच्चों का इलाज अभी वॉर्ड में जारी है. बाकी 7 बच्चों को इलाज के बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है. अस्पताल में इस बीमारी को लेकर सभी प्रकार की तैयारियां की गई है. स्वास्थ्यकर्मियों के अनुसार प्रतिदिन तीन से चार बच्चे इस बीमारी से पीड़ित होकर इलाज के लिए पहुंच रहे हैं. इस वॉर्ड में बीमार बच्चों की इलाज के लिए 3 डॉक्टर, 5 ए ग्रेड नर्स और 4 अन्य स्वास्थ्यकर्मियों की तैनाती की गई है.

पेश है रिपोर्ट

इलाज को लेकर समुचित व्यवस्था
सिविल सर्जन रविंद्र कुमार ने बताया कि वॉर्ड में भर्ती होने वाले बच्चों के इलाज में किसी भी प्रकार की कोताही नहीं बरती जा रही है. सभी प्रकार की दवाइयां समय पर उपलब्ध कराई जा रही हैं. इसका नतीजा है कि अब तक इस जिले में इलाजरत किसी भी बच्चे की मौत नहीं हुई है. अबतक 7 बच्चे इलाज के बाद स्वस्थ होकर अपने घर लौट गए हैं. शेष 4 बच्चों का इलाज किया जा रहा है.

हाई अलर्ट पर जिले का अस्पताल
पूरे जिले के अस्पतालों को हाई अलर्ट पर रखा गया है ताकि अस्पताल में पहुंच रहे बच्चों का इलाज बेहतर ढंग से हो सके. इसके लिये सभी पीएचसी, अनुमंडल अस्पताल और रेफरल अस्पताल में भी दवा मुहैया करा दी गई है. परिजनों की मानें तो जब उनके बच्चे बीमार हुए थे तो पहले निजी अस्पताल में उनका इलाज कराया गया था लेकिन तबीयत में सुधार नहीं होने के कारण उन्हें सदर अस्पताल लाया गया है. इस अस्पताल में इलाज शुरू होने के बाद बच्चों की तबीयत में काफी सुधार है. अस्पताल में किसी प्रकार की कोई दिक्कत नहीं आ रही है.

सीतामढ़ी: मुजफ्फरपुर, समस्तीपुर और अन्य जिलों के बाद अब सीतामढ़ी जिला भी एईएस की चपेट में आ गया है. 24 घंटे के अंदर जिले के अलग-अलग क्षेत्रों से 13 बीमार बच्चों को निजी अस्पताल में इलाज के बाद सदर अस्पताल के एईएस वॉर्ड में भर्ती कराया गया है. जहां 6 वर्षीय फरहान की नाजुक हालत को देखते हुए उसे बेहतर चिकित्सा के लिए एसकेएमसीएच रेफर कर दिया गया है.

डॉक्टर और स्वास्थ्यकर्मी तैनात
4 अन्य बीमार बच्चों का इलाज अभी वॉर्ड में जारी है. बाकी 7 बच्चों को इलाज के बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है. अस्पताल में इस बीमारी को लेकर सभी प्रकार की तैयारियां की गई है. स्वास्थ्यकर्मियों के अनुसार प्रतिदिन तीन से चार बच्चे इस बीमारी से पीड़ित होकर इलाज के लिए पहुंच रहे हैं. इस वॉर्ड में बीमार बच्चों की इलाज के लिए 3 डॉक्टर, 5 ए ग्रेड नर्स और 4 अन्य स्वास्थ्यकर्मियों की तैनाती की गई है.

पेश है रिपोर्ट

इलाज को लेकर समुचित व्यवस्था
सिविल सर्जन रविंद्र कुमार ने बताया कि वॉर्ड में भर्ती होने वाले बच्चों के इलाज में किसी भी प्रकार की कोताही नहीं बरती जा रही है. सभी प्रकार की दवाइयां समय पर उपलब्ध कराई जा रही हैं. इसका नतीजा है कि अब तक इस जिले में इलाजरत किसी भी बच्चे की मौत नहीं हुई है. अबतक 7 बच्चे इलाज के बाद स्वस्थ होकर अपने घर लौट गए हैं. शेष 4 बच्चों का इलाज किया जा रहा है.

हाई अलर्ट पर जिले का अस्पताल
पूरे जिले के अस्पतालों को हाई अलर्ट पर रखा गया है ताकि अस्पताल में पहुंच रहे बच्चों का इलाज बेहतर ढंग से हो सके. इसके लिये सभी पीएचसी, अनुमंडल अस्पताल और रेफरल अस्पताल में भी दवा मुहैया करा दी गई है. परिजनों की मानें तो जब उनके बच्चे बीमार हुए थे तो पहले निजी अस्पताल में उनका इलाज कराया गया था लेकिन तबीयत में सुधार नहीं होने के कारण उन्हें सदर अस्पताल लाया गया है. इस अस्पताल में इलाज शुरू होने के बाद बच्चों की तबीयत में काफी सुधार है. अस्पताल में किसी प्रकार की कोई दिक्कत नहीं आ रही है.

Intro:जिले में ए ई एस और जेई का प्रकोप जारी 13 बच्चों को सदर अस्पताल में कराया गया भर्ती।


Body:मुजफ्फरपुर समस्तीपुर और अन्य जिलों के बाद अब सीतामढ़ी जिला भी एईएस की चपेट में आ गया है। 24 घंटे के अंदर जिले के अलग-अलग क्षेत्रों से 13 बीमार बच्चों को निजी अस्पताल में इलाज के बाद सदर अस्पताल के ए ई एस वार्ड में भर्ती कराया गया है। जहां 6 वर्षीय फरहान की नाजुक हालत को देखते हुए उसे बेहतर चिकित्सा के लिए एसकेएमसीएच भेज दिया गया है। वही चार बीमार बच्चों में 3 वर्षीय सत्यम कुमार डेढ़ साल का गौतम 4 वर्ष की शमारा और 8 साल की काजल का इलाज अभी वार्ड में जारी है। शेष 7 बच्चों में 9 माह की मनीषा 10 माह का प्रियांशु 3 साल का फरहान 3 साल की शाबिया 10 साल की हनी कुमारी 8 साल की सोनू कुमारी 3 साल की निधि कुमारी और ढाई साल की आसियाना खातून को इलाज के बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है। अस्पताल में इस बीमारी को लेकर सभी प्रकार की तैयारियां की गई है। स्वास्थ्य कर्मियों के अनुसार 2 दिनों के भीतर प्रतिदिन तीन से चार बच्चे इस बीमारी से पीड़ित होकर वार्ड में इलाज के लिए पहुंच रहे हैं। इस वार्ड में बीमार बच्चों की चिकित्सा के लिए 3 डॉक्टर 5 ए ग्रेड नर्स और चार अन्य स्वास्थ्य कर्मियों की तैनाती की गई है। सिविल सर्जन रविंद्र कुमार ने बताया कि वार्ड में भर्ती होने वाले बच्चों की चिकित्सा में किसी भी प्रकार की कोताही नहीं बरती जा रही है। सभी प्रकार की दवाइयां समय पर उपलब्ध कराई जा रही है। इसका नतीजा है कि अब तक इस जिले में इलाजरत किसी भी बच्चे की मौत नहीं हुई है। सात बच्चे इलाज के बाद स्वस्थ होकर अपने घर लौट गए हैं। शेष चार बच्चों का इलाज किया जा रहा है। पूरे जिले के अस्पतालों को हाई अलर्ट मोड में रखा गया है। ताकि अस्पताल में इस बीमारी से पीड़ित बच्चे अगर पहुंचते हैं तो उन्हें बेहतर चिकित्सा दी जा सके। इसके लिये सभी पीएचसी अनुमंडल अस्पताल रेफरल अस्पताल में भी दवा मुहैया करा दी गई है। वार्ड में भर्ती बीमार बच्चों के परिजनों ने बताया कि जब उनके बच्चे बीमार हुए थे तो पहले निजी अस्पताल में उनका इलाज कराया गया था। लेकिन तबीयत में सुधार नहीं होने के बाद उन्हें सदर अस्पताल लाया गया है। और इस अस्पताल में इलाज शुरू होने के बाद बच्चों की तबीयत में काफी सुधार है। अस्पताल में किसी प्रकार की कोई दिक्कत नहीं आ रही है। बाइट-1. बीमार बच्चों के परिजन और वार्ड में तैनात स्वास्थ्य कर्मी। बाइट-2. डॉक्टर रविंद्र कुमार। सिविल सर्जन सीतामढ़ी। पी टू सी---------- विजुअल-------------


Conclusion:पी टू सी----राहुल देव सोलंकी।सीतामढ़ी।
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