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पीएचडी प्रवेश परीक्षा में गड़बड़ी का मामला, छात्रों ने लगाई न्याय की गुहार

पटना विश्वविद्यालय के पीएचडी प्रवेश परीक्षा में हुई गड़बड़ी मामले को संज्ञान में लेते हुये पीयू ने एक कमिटी का गठन किया है. जल्द ही समस्या का समाधान किया जाएगा.

शिक्षा मंत्री से गुहार लगाता छात्र
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Published : Jun 3, 2019, 8:00 PM IST

पटना: उच्च शिक्षा मे गुणवत्ता का दावा करने वाले पटना विश्वविद्यालय में एक लापरवाही का मामला सामने आया है. मामला 8 महीने पूर्व लिये गये पीएचडी प्रवेश परीक्षा में पांच प्रश्न गलत पाये जाने का है. नतीजा सैकड़ों छात्र नामांकन से वंचित रह गये.

पीएचडी प्रवेश परीक्षा में गड़बड़ी
पटना विश्वविद्यालय में करीब आठ महीने पूर्व पीएचडी की प्रवेश परीक्षा दो पालियों में आयोजित की गई थी. प्रथम पाली की परीक्षा में पूछे गये पचास प्रश्नों में से पांच प्रश्न गलत पाये गये थे. इसका खुलासा तब हुआ जब विश्वविद्यालय के सायंस कॉलेज के मैथ्स के दो छात्रों ने आरटीआई से मांग की.

जानकारी देते छात्र

छात्रों ने शिक्षा मंत्री और राज्यभवन से लगाई गुहार
आरटीआई से प्राप्त सभी प्रश्नों और आंसर सीट का जब मिलान किया गया तो इसमें पांच प्रश्नों के उत्तर गलत पाए गए. जिसको लेकर छात्रों ने पीयू प्रशासन से आवेदन कर कारवाई करने की मांग की है. हालांकि अभीतक छात्रों को इस मामले में पीयू प्रशासन की ओर से कोई जवाब नहीं मिला है. मजबूरन छात्रों ने अब शिक्षा मंत्री और राज्यभवन से गुहार लगाई है.

मामले को लेकर कमेटी गठित
इस मामले पर पीयू के डीन नागेंद्र कुमार झा ने कहा है कि यह पूरा मामला परीक्षा कंट्रोल और कुलपति के बीच का है. मामले को लेकर कमेटी गठित की गई है. जल्द ही इसका निराकरण किया जायेगा.

पटना: उच्च शिक्षा मे गुणवत्ता का दावा करने वाले पटना विश्वविद्यालय में एक लापरवाही का मामला सामने आया है. मामला 8 महीने पूर्व लिये गये पीएचडी प्रवेश परीक्षा में पांच प्रश्न गलत पाये जाने का है. नतीजा सैकड़ों छात्र नामांकन से वंचित रह गये.

पीएचडी प्रवेश परीक्षा में गड़बड़ी
पटना विश्वविद्यालय में करीब आठ महीने पूर्व पीएचडी की प्रवेश परीक्षा दो पालियों में आयोजित की गई थी. प्रथम पाली की परीक्षा में पूछे गये पचास प्रश्नों में से पांच प्रश्न गलत पाये गये थे. इसका खुलासा तब हुआ जब विश्वविद्यालय के सायंस कॉलेज के मैथ्स के दो छात्रों ने आरटीआई से मांग की.

जानकारी देते छात्र

छात्रों ने शिक्षा मंत्री और राज्यभवन से लगाई गुहार
आरटीआई से प्राप्त सभी प्रश्नों और आंसर सीट का जब मिलान किया गया तो इसमें पांच प्रश्नों के उत्तर गलत पाए गए. जिसको लेकर छात्रों ने पीयू प्रशासन से आवेदन कर कारवाई करने की मांग की है. हालांकि अभीतक छात्रों को इस मामले में पीयू प्रशासन की ओर से कोई जवाब नहीं मिला है. मजबूरन छात्रों ने अब शिक्षा मंत्री और राज्यभवन से गुहार लगाई है.

मामले को लेकर कमेटी गठित
इस मामले पर पीयू के डीन नागेंद्र कुमार झा ने कहा है कि यह पूरा मामला परीक्षा कंट्रोल और कुलपति के बीच का है. मामले को लेकर कमेटी गठित की गई है. जल्द ही इसका निराकरण किया जायेगा.

Intro:उच्च शिक्षा मे गुणवत्ता का दावा करने वाले पटना विश्वविद्यालय मे एक लापरवाही का मामला प्रकाश में आया है,
मामला आठ महीने पूर्व लिये गये पीएचडी प्रवेश परीक्षा में प्रथम पत्र में पांच प्रश्न गलत पाये जाने का है,नतीजतन सैकडों छात्र नामांकन लेने से वंचित हो गये एक रिपोर्ट:--


Body:पटना विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित करीब आठ माह पूर्व प्रीपीएचडी की प्रवेश परीक्षा दो पालियों मे आयोजित कि गई थी,प्रथम पाली कि परीक्षा मे पूछे गये पचास प्रशनों मे पांच प्रश्न गलत पाये गये,इसका खुलासा तब हुआ जब विश्वविद्यालय के सायंस कॉलेज के मैथ के दो छात्रो ने एक चंदन कुमार पाठक और दुसरा मनीष ने आरटीआई से मांग की,आरटीआई से प्राप्त सभी प्रशनों और आंसर सीट की मिलान कि गई जिसमे पांच प्रशनों का गलत होना सही पाया गया, जिसको लेकर छात्रो ने पीयू प्रशासन से मांग की दुबारा इसकी ब्यवस्था की जाए,क्योकि गलत प्रश्नों के कारण कई छात्रो का नामांकन नहीं हो पाया है,नतीजतन सैकडों छात्रो का भविष्य अंधकार मे देखते हुए सूचना के अधिकार से अपने आवेदन पर हो रहे कारवाई की मांग की,पीयू प्रशासन ने अपनी नाकामी छुपाने को लेकर टाल मटोल कि निति अपनाने मे लगी है,छात्रो द्वारा पूछे जाने पर जबाब मिलता है कि कारवाई प्रक्रिया मे है,मजबूरन छात्रो ने शिक्षा मंत्री और राज्यभवन से गुहार लगाई है


Conclusion:बहरहाल पीयू प्रशासन अपनी नाकामी छूपाने को लेकर पिछले आठ माह से छात्रो के सवाल का कोई ठोस जबाब नहीं दे पा रहा है,वही सैकडो छात्रो को नामांकन से वंचित होने पर आंदोलन का रूख अख्तियार करने मे जुटे है
हलांकी इस पुरे मामले मे पीयू के डीन नागेंद्र कुमार झा ने कहा की यह पुरा मामला परीक्षा कंट्रोल और कुलपती के बीच का है,इस मामले मे कमिटी गठित कि गई है जल्द ही इसका निराकरण हो जायेगा,लेकिन डीन ने यह भी बताया की प्रवेश परीक्षा के बाद दुबारा रिजल्ट प्रकाशित करने का कोई नियम नही है,
बहरहाल अब सवाल यह भी की जब परीक्षा मे पूछे गये प्रश्न अगर गलत पाये जाए और उसका सटीक विश्लेषण के बावजूद प्रशासन अपनी नाकामी छुपाने को लेकर छात्रो को कोर्ट जाने का रास्ता बताना न्यायसंगत नही है,जरूरत है सैकडों छात्रो के हीत को देखते हुए विकल्प तलाश किया जाए ताकी पीएचडी करने वाले छात्रो को मिल सके

बाईट-मनीष कुमार, पिडित छात्र ,प्रीपीएचडी
बाईट-नागेंद्र कुमार झा,डीन पीयू
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