नई दिल्ली/पटना: 2018 से समान काम समान वेतन पर फैसले का इंतजार कर रहे 4 लाख नियोजित शिक्षकों के लिए खुशखबरी है. इस मामले में आज सुप्रीम कोर्ट फैसला सुना सकता है.
क्या है मामला?
दरअसल, 31 अक्टूबर 2017 को पटना हाईकोर्ट ने नियोजित शिक्षकों के पक्ष में फैसला सुनाते हुए बिहार सरकार को समान काम के लिए समान वेतन देने का आदेश दिया था. इसके बाद बिहार सरकार सुप्रीम कोर्ट गई थी. यहां नियोजित शिक्षकों ने भी अर्जी दाखिल कर कोर्ट से यह मांग की थी कि समान काम के लिए समान वेतन उनका अधिकार है. नियोजित शिक्षकों को उनका ये हक मिलना ही चाहिए.
बिहार सरकार नहीं है तैयार
इधर, बिहार सरकार के अनुसार नियोजित शिक्षकों को समान काम के लिए समान वेतन देना संभव नहीं है. क्योंकि इतना पैसा बिहार सरकार के पास नहीं है. हालांकि बिहार सरकार ने जितनी भी दलीलें सुप्रीम कोर्ट में दी उन पर सुप्रीम कोर्ट के जज संतुष्ट नजर नहीं आए.
मांग पर अड़े हैं शिक्षक
वहीं, शिक्षक लगातार यह मांग कर रहे हैं कि समान काम के लिए समान वेतन देने में इतना खर्च नहीं है जितना बिहार सरकार रोना रो रही है. ऐसे में सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सबको इंतजार है.