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नियोजित शिक्षकों पर आज आ सकता है 'सुप्रीम' फैसला

आज के लिए जारी सूची में 1501 नंबर पर कोर्ट नंबर 6 में यह मामला लिस्टेड है. सुप्रीम कोर्ट में डबल बेंच के जज अभय मनोहर सप्रे और यू यू ललित के कोर्ट में फैसला सुनाए जाने की संभावना है.

सुप्रीम कोर्ट.
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Published : May 10, 2019, 8:42 AM IST

Updated : May 10, 2019, 8:59 AM IST

नई दिल्ली/पटना: 2018 से समान काम समान वेतन पर फैसले का इंतजार कर रहे 4 लाख नियोजित शिक्षकों के लिए खुशखबरी है. इस मामले में आज सुप्रीम कोर्ट फैसला सुना सकता है.

क्या है मामला?
दरअसल, 31 अक्टूबर 2017 को पटना हाईकोर्ट ने नियोजित शिक्षकों के पक्ष में फैसला सुनाते हुए बिहार सरकार को समान काम के लिए समान वेतन देने का आदेश दिया था. इसके बाद बिहार सरकार सुप्रीम कोर्ट गई थी. यहां नियोजित शिक्षकों ने भी अर्जी दाखिल कर कोर्ट से यह मांग की थी कि समान काम के लिए समान वेतन उनका अधिकार है. नियोजित शिक्षकों को उनका ये हक मिलना ही चाहिए.

contract teacher
कॉसेप्ट इमेज.
एक साल तक चली सुनवाईकरीब एक साल तक सुप्रीम कोर्ट में इस मामले पर सुनवाई चली. इसके बाद 3 अक्टूबर 2018 को सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया था. आज के लिए जारी सूची में 1501 नंबर पर कोर्ट नंबर 6 में यह मामला लिस्टेड है. सुप्रीम कोर्ट में डबल बेंच के जज अभय मनोहर सप्रे और यू यू ललित के कोर्ट में सुबह 10:30 बजे फैसला सुनाए जाने की संभावना है. क्योंकि यह केस कोर्ट में पहले नंबर पर ही लिस्टेड है.रूकी हुई है शिक्षकों की नियुक्तिबता दें कि इस फैसले के इंतजार में बिहार में शिक्षकों की नियुक्ति भी रूकी हुई है. बिहार में बड़ी संख्या में स्कूलों में शिक्षक नहीं हैं. समान काम समान वेतन पर फैसला नहीं आने कारण सरकार इन शिक्षकों की बहाली पर रोक लगा रखी है.

बिहार सरकार नहीं है तैयार
इधर, बिहार सरकार के अनुसार नियोजित शिक्षकों को समान काम के लिए समान वेतन देना संभव नहीं है. क्योंकि इतना पैसा बिहार सरकार के पास नहीं है. हालांकि बिहार सरकार ने जितनी भी दलीलें सुप्रीम कोर्ट में दी उन पर सुप्रीम कोर्ट के जज संतुष्ट नजर नहीं आए.

मांग पर अड़े हैं शिक्षक
वहीं, शिक्षक लगातार यह मांग कर रहे हैं कि समान काम के लिए समान वेतन देने में इतना खर्च नहीं है जितना बिहार सरकार रोना रो रही है. ऐसे में सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सबको इंतजार है.

नई दिल्ली/पटना: 2018 से समान काम समान वेतन पर फैसले का इंतजार कर रहे 4 लाख नियोजित शिक्षकों के लिए खुशखबरी है. इस मामले में आज सुप्रीम कोर्ट फैसला सुना सकता है.

क्या है मामला?
दरअसल, 31 अक्टूबर 2017 को पटना हाईकोर्ट ने नियोजित शिक्षकों के पक्ष में फैसला सुनाते हुए बिहार सरकार को समान काम के लिए समान वेतन देने का आदेश दिया था. इसके बाद बिहार सरकार सुप्रीम कोर्ट गई थी. यहां नियोजित शिक्षकों ने भी अर्जी दाखिल कर कोर्ट से यह मांग की थी कि समान काम के लिए समान वेतन उनका अधिकार है. नियोजित शिक्षकों को उनका ये हक मिलना ही चाहिए.

contract teacher
कॉसेप्ट इमेज.
एक साल तक चली सुनवाईकरीब एक साल तक सुप्रीम कोर्ट में इस मामले पर सुनवाई चली. इसके बाद 3 अक्टूबर 2018 को सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया था. आज के लिए जारी सूची में 1501 नंबर पर कोर्ट नंबर 6 में यह मामला लिस्टेड है. सुप्रीम कोर्ट में डबल बेंच के जज अभय मनोहर सप्रे और यू यू ललित के कोर्ट में सुबह 10:30 बजे फैसला सुनाए जाने की संभावना है. क्योंकि यह केस कोर्ट में पहले नंबर पर ही लिस्टेड है.रूकी हुई है शिक्षकों की नियुक्तिबता दें कि इस फैसले के इंतजार में बिहार में शिक्षकों की नियुक्ति भी रूकी हुई है. बिहार में बड़ी संख्या में स्कूलों में शिक्षक नहीं हैं. समान काम समान वेतन पर फैसला नहीं आने कारण सरकार इन शिक्षकों की बहाली पर रोक लगा रखी है.

बिहार सरकार नहीं है तैयार
इधर, बिहार सरकार के अनुसार नियोजित शिक्षकों को समान काम के लिए समान वेतन देना संभव नहीं है. क्योंकि इतना पैसा बिहार सरकार के पास नहीं है. हालांकि बिहार सरकार ने जितनी भी दलीलें सुप्रीम कोर्ट में दी उन पर सुप्रीम कोर्ट के जज संतुष्ट नजर नहीं आए.

मांग पर अड़े हैं शिक्षक
वहीं, शिक्षक लगातार यह मांग कर रहे हैं कि समान काम के लिए समान वेतन देने में इतना खर्च नहीं है जितना बिहार सरकार रोना रो रही है. ऐसे में सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सबको इंतजार है.

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नई दिल्ली/पटना: 2018 से समान काम समान वेतन पर फैसले का इंतजार कर रहे 4 लाख नियोजित शिक्षकों के लिए खुशखबरी है. इस मामले में आज सुप्रीम कोर्ट फैसला सुना सकता है.

क्या है मामला?

दरअसल, 31 अक्टूबर 2017 को पटना हाईकोर्ट ने नियोजित शिक्षकों के पक्ष में फैसला सुनाते हुए बिहार सरकार को समान काम के लिए समान वेतन देने का आदेश दिया था. इसके बाद बिहार सरकार सुप्रीम कोर्ट गई थी. यहां नियोजित शिक्षकों ने भी अर्जी दाखिल कर कोर्ट से यह मांग की थी कि समान काम के लिए समान वेतन उनका अधिकार है. नियोजित शिक्षकों को उनका ये हक मिलना ही चाहिए.

एक साल तक चली सुनवाई

करीब एक साल तक सुप्रीम कोर्ट में इस मामले पर सुनवाई चली. इसके बाद 3 अक्टूबर 2018 को सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया था. आज के लिए जारी सूची में 1501 नंबर पर कोर्ट नंबर 6 में यह मामला लिस्टेड है. सुप्रीम कोर्ट में डबल बेंच के जज अभय मनोहर सप्रे और यू यू ललित के कोर्ट में सुबह 10:30 बजे फैसला सुनाए जाने की संभावना है. क्योंकि यह केस कोर्ट में पहले नंबर पर ही लिस्टेड है.

रूकी हुई है शिक्षकों की नियुक्ति

बता दें कि इस फैसले के इंतजार में बिहार में शिक्षकों की नियुक्ति भी रूकी हुई है. बिहार में बड़ी संख्या में स्कूलों में शिक्षक नहीं हैं. समान काम समान वेतन पर फैसला नहीं आने कारण सरकार इन शिक्षकों की बहाली पर रोक लगा रखी है.


Conclusion:
Last Updated : May 10, 2019, 8:59 AM IST
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