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नवजातों के लिए वरदान साबित हो रहा SNCU

गोपालगंज के SNCU में नवजातों का इलाज काफी बेहतर ढंग से किया जा रहा है. साल 2017 में इसे बनाया गया था, जो सभी सुविधाओं से लैस है.

नवजातों के लिए वरदान साबित हो रहा है SNCU
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Published : Jun 6, 2019, 7:47 PM IST

गोपालगंज: सरकारी अस्पतालों में मिलने वाली सुविधा की अगर बात की जाए तो मन में कई सवाल उठने लगते हैं. लोगों के मन में सकारात्मक कम नकारात्मक सोच अधिक आने लगती है. लेकिन इस सोच को गलत साबित करता है एसएनसीयू.

नवजातों के इलाज के लिए विशेष सुविधा
गोपालगंज में नवजातों के लिए बने एसएनसीयू की सुविधा किसी प्राइवेट नर्सिंग होम से कम नहीं है. इस इकाई में डॉक्टर से लेकर एएनएम तक बच्चों का विशेष ध्यान देते हैं. यह अस्पताल 24 घंटे बच्चों के लिए खुला रहता है. यहां जीएनएम, एएनएम के साथ डॉक्टर भी 24 घंटे अपने ड्यूटी पर तैनात रहते हैं.

पेश है रिपोर्ट

सभी सुविधाओं से लैस है SNCU
वर्ष 2017 में बना ये एसएनसीयू उन सभी सुविधाएं से लैस है जिससे नवजातों का इलाज बेहतर तरीके से हो सके. यहां के चिकित्सक, नवजात शिशुओं का बेहतर इलाज कर उन्हें जीवनदान दे रहे हैं. बता दें कि इस यूनिट को बनाने में करीब एक करोड़ रुपये खर्च हुए हैं.

24 घंटे रहती है डॉक्टरों की तैनाती
इस यूनिट में नवजातों के लिए 15 सीटें हैं. यहां 24 घंटे विशेषज्ञ, डॉक्टर और नर्स तैनात रहते हैं. एसएनसीयू में जन्म लेने के साथ ही सांस लेने में परेशानी, जॉन्डिस, दूध नहीं पीना, निर्धारित वजन से कम वजन, 9 माह के पहले जन्म और अविकसित शिशुओं का गंभीर स्थिति में इलाज किया जाता है.

बच्चों का नि:शुल्क होता है इलाज
सदर अस्पताल में नवजात शिशु का इलाज शुरू होने से जन्म मृत्यु दर में भी कमी आई है. प्राइवेट नर्सिंग होम से बेहतर सुविधा सदर अस्पताल में मिलने लगी है, वह भी बिल्कुल फ्री. यहां नवजात को भर्ती कराने के बाद उनके अभिभावक को बाहर रखा जाता है.

क्या है सुविधा ?
फोटो थेरेपी- 3
वॉर्मर- 13
एएनएम- 5
जीएनएम- 5
डॉक्टर- 2
आईसीयू
वेंटिलेटर
ऑक्सिजन

नवजातों का होता है बेहतर इलाज
इस संदर्भ में यूनिट इंचार्ज ज्योति प्रकाश ने बताया कि यहां जो भी बच्चे इलाज के लिए आते हैं, उन्हें बेहतर ट्रीटमेंट दिया जाता है. चिकित्सा पदाधिकारी और एएनएम अपने काम को बखूबी निभाते हैं.

गोपालगंज: सरकारी अस्पतालों में मिलने वाली सुविधा की अगर बात की जाए तो मन में कई सवाल उठने लगते हैं. लोगों के मन में सकारात्मक कम नकारात्मक सोच अधिक आने लगती है. लेकिन इस सोच को गलत साबित करता है एसएनसीयू.

नवजातों के इलाज के लिए विशेष सुविधा
गोपालगंज में नवजातों के लिए बने एसएनसीयू की सुविधा किसी प्राइवेट नर्सिंग होम से कम नहीं है. इस इकाई में डॉक्टर से लेकर एएनएम तक बच्चों का विशेष ध्यान देते हैं. यह अस्पताल 24 घंटे बच्चों के लिए खुला रहता है. यहां जीएनएम, एएनएम के साथ डॉक्टर भी 24 घंटे अपने ड्यूटी पर तैनात रहते हैं.

पेश है रिपोर्ट

सभी सुविधाओं से लैस है SNCU
वर्ष 2017 में बना ये एसएनसीयू उन सभी सुविधाएं से लैस है जिससे नवजातों का इलाज बेहतर तरीके से हो सके. यहां के चिकित्सक, नवजात शिशुओं का बेहतर इलाज कर उन्हें जीवनदान दे रहे हैं. बता दें कि इस यूनिट को बनाने में करीब एक करोड़ रुपये खर्च हुए हैं.

24 घंटे रहती है डॉक्टरों की तैनाती
इस यूनिट में नवजातों के लिए 15 सीटें हैं. यहां 24 घंटे विशेषज्ञ, डॉक्टर और नर्स तैनात रहते हैं. एसएनसीयू में जन्म लेने के साथ ही सांस लेने में परेशानी, जॉन्डिस, दूध नहीं पीना, निर्धारित वजन से कम वजन, 9 माह के पहले जन्म और अविकसित शिशुओं का गंभीर स्थिति में इलाज किया जाता है.

बच्चों का नि:शुल्क होता है इलाज
सदर अस्पताल में नवजात शिशु का इलाज शुरू होने से जन्म मृत्यु दर में भी कमी आई है. प्राइवेट नर्सिंग होम से बेहतर सुविधा सदर अस्पताल में मिलने लगी है, वह भी बिल्कुल फ्री. यहां नवजात को भर्ती कराने के बाद उनके अभिभावक को बाहर रखा जाता है.

क्या है सुविधा ?
फोटो थेरेपी- 3
वॉर्मर- 13
एएनएम- 5
जीएनएम- 5
डॉक्टर- 2
आईसीयू
वेंटिलेटर
ऑक्सिजन

नवजातों का होता है बेहतर इलाज
इस संदर्भ में यूनिट इंचार्ज ज्योति प्रकाश ने बताया कि यहां जो भी बच्चे इलाज के लिए आते हैं, उन्हें बेहतर ट्रीटमेंट दिया जाता है. चिकित्सा पदाधिकारी और एएनएम अपने काम को बखूबी निभाते हैं.

Intro:कहते है अगर अस्पताल में मिलने वाले सरकार सुविधा की बात की जाए तो मन मे कई तरह के सवाल उत्पन्न होने लगते है लोगो के मन मे सकारात्मकता कम नकारात्मकता अधिक आने लगती है। लेकिन इस बीच मे अगर बात करे नवजात बच्चो के लिए बने एसएनसीयू(नवजात शिशु इकाई) की तो यहां मिलने वाली सुविधा किसी प्राइवेट नर्सिंग होम से कम नही है। निजी नर्सिंग होम के तर्ज पर ही इस इकाई में डॉक्टर से लेकर एएनएम तक बच्चो को विशेष ध्यान देने में पीछे नही हटते। 24 घण्टा यह इकाई बच्चो के लिए खुला रहता है। साथ ही जीएनएम एएनएम के साथ डॉक्टर भी 24 घण्टे अपने ड्यूटी पर तैनात रहते है।वर्ष 2017 में बना एसएनसीयू में वो सभी सुविधाएं लैस है जिससे नवजातों की इलाज में कोई कमी ना हो। जीरो से 28 दिन के बच्चों के लिए बना एसएनसीयू नवजातों के विशेष देखभाल कारगर साबित हो रहा है। या यूं कहें कि यहां कारगर कर्मियों द्वारा नजात् शिशुओ को संपूर्ण इलाज कर उनको जीवनदान दे रहा है। इस यूनिट को बनाने में करीब एक करोड़ रुपये खर्च हुई है।
इस यूनिट में नवजातों के लिए एक साथ 15 सीट है। जिससे एक साथ इलाज करने की सुविधा है।24 घंटे विशेषज्ञ डॉक्टर और नर्स तैनात रहते हैं। एसएनसीयू में डॉक्टर आरके आर्य व डॉ नौशाद आलम की तैनाती है। एसएनसीयू में जन्म लेने के साथ ही स्वांस, जॉन्डिस,दूध नहीं पीने, निर्धारित वजन से कम,9 माह के पहले जन्म, अविकसित शिशुओं का गंभीर स्थिति में इलाज किया जाता है। सदर अस्पताल में नवजात शिशु का इलाज इलाज शुरू होने से जन्म मृत्यु दर में भी कमी आई है। अब नवजात शिशुओं के इलाज के टेंशन खत्म हो गई है। पैसों के लिए प्राइवेट नर्सिंग होम से बेहतर सुविधा सदर अस्पताल में मिलने लगी है। वह भी बिल्कुल फ्री। सदर अस्पताल में संचालित एसएनसीयू सिर्फ अस्पताल में जन्मे बच्चो को ही ये सुविधा नही दी जाती बल्कि सभी सरकारी व निजी शिशु रोग विशेषज्ञों द्वारा भी गंभीर बीमारी से जूझ रहे बच्चों को यहां रेफर किए गए बच्चो को भी इलाज किया जाता है। यहां नवजात को भर्ती कराने के बाद उनके अभिभावक को बाहर रखा जाता है। इस यूनिट में इलाजरत नवजातों के आंकड़ो पर गौर करे तो 1 मई 218 से लेकर 1मई 2019 तक कुल नवजातों का इलाज 1464 हुआ वही 786 नवजातों को डिस्चार्ज किया गया। अपने मर्जी से नवजातों को परिजन द्वारा ले जाने के मामले कुल 127 रहे जबकि 112 नवजातों की मौत हुई है।

क्या है सुविधा

फोटो थेरैपी 3
वारमर 13
एएनएम 5
जीएनएम 5
डॉक्टर। 2
आईसीयू,
वेंटीलेटर,
ऑक्सीजन
वही इस संदर्भ में यूनिट इंचार्ज ज्योति प्रकाश से वार्ता की गई तो उन्होंने बताया कि जो भी बच्चे यहां इलाज के लिए आते है उन्हें बेहतर व ससमय देखभाल व ट्रीटमेंट किया जाता है चिकित्सा पदाधिकारी या एएनएम अपने कार्य का बखूबी निर्वाहन करते है


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