नालंदा: सरकार की ओर से बिहार शरीफ के रामचंद्रपुर में कृषि उत्पादन बाजार समिति का निर्माण कराया गया था. दिसंबर 1988 में बिहार शरीफ बाजार समिति का शुभारंभ हुआ. उम्मीद जताई गई कि किसानों को काफी सहूलियत मिलेगी लेकिन आज यह बाजार समिति खुद पर आंसू बहाने को विवश है.
बाजार समिति की स्थिति जर्जर
बाजार समिति प्रांगण का चहारदिवारी पूरी तरह से टूट चुका है. सड़क की हालत पूरी तरह से जर्जर है. चारों ओर फैली गंदगी और नाले से लोग परेशान हैं. इतना ही नहीं, प्रशासनिक लापरवाही के कारण आज बाजार समिति प्रांगण का एक बड़ा भूभाग अतिक्रमण का शिकार हो चुका है.
60 एकड़ जमीन में फैला है बाजार समिति
आपको बता दें कि बिहार शरीफ बाजार समिति रामचंद्रपुर में स्थापित किया गया था. करीब 60 एकड़ जमीन में बाजार समिति का निर्माण कराया गया था ताकि देश के कोने-कोने से आये फल और सब्जियों को एकत्रित कर जिले के बाजारों में पहुंचाया जा सके.
किसान और व्यापारियों को हो रही परेशानी
बाजार समिति में करीब 1 से 2 करोड़ का कारोबार प्रतिदिन होता है. लगभग 100 ट्रक समान प्रतिदिन यहां आता है. देश के कोने-कोने से व्यापारी यहां पहुंचते हैं. जिले के किसान भी अपने उत्पादित सामान को यहां बेचने का काम करते हैं. लेकिन बाजार समिति की जर्जर हालत के कारण किसान और व्यापारियों को यहां काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है.
जल्द होगा बाजार समिति का विकास
बिहार के कृषि मंत्री प्रेम कुमार ने कहा कि बिहार में 54 कृषि उत्पादन बाजार समिति है जिसमें 23 कृषि उत्पादन बाजार समिति के विकास के लिए प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान की गई है. इसमें चहारदिवारी, सड़क, नाला, जल सुविधा के लिए व्यवस्था की गई है. जल्द ही कृषि उत्पादन समिति को बेहतर बनाने का काम किया जाएगा.