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इस बाजार समिति से हर दिन होता है 1 से 2 करोड़ का कारोबार, फिर भी व्यापारी हैं परेशान

शुरुआती दौर में इस बाजार समिति में काफी चहल-पहल थी. प्रतिदिन हजारों लोगों का आना जाना लगा रहता था. वर्तमान स्थिति में बाजार समिति का हाल बेहाल है. चारों तरफ गंदगी का अंबार लगा हुआ है. लोगों का आना जाना भी अब कम हो गया है.

बाजार समिति की दयनीय हालत
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Published : Jun 11, 2019, 3:09 PM IST

नालंदा: सरकार की ओर से बिहार शरीफ के रामचंद्रपुर में कृषि उत्पादन बाजार समिति का निर्माण कराया गया था. दिसंबर 1988 में बिहार शरीफ बाजार समिति का शुभारंभ हुआ. उम्मीद जताई गई कि किसानों को काफी सहूलियत मिलेगी लेकिन आज यह बाजार समिति खुद पर आंसू बहाने को विवश है.

बाजार समिति की स्थिति जर्जर
बाजार समिति प्रांगण का चहारदिवारी पूरी तरह से टूट चुका है. सड़क की हालत पूरी तरह से जर्जर है. चारों ओर फैली गंदगी और नाले से लोग परेशान हैं. इतना ही नहीं, प्रशासनिक लापरवाही के कारण आज बाजार समिति प्रांगण का एक बड़ा भूभाग अतिक्रमण का शिकार हो चुका है.

बाजार समिति की दयनीय हालत

60 एकड़ जमीन में फैला है बाजार समिति
आपको बता दें कि बिहार शरीफ बाजार समिति रामचंद्रपुर में स्थापित किया गया था. करीब 60 एकड़ जमीन में बाजार समिति का निर्माण कराया गया था ताकि देश के कोने-कोने से आये फल और सब्जियों को एकत्रित कर जिले के बाजारों में पहुंचाया जा सके.

किसान और व्यापारियों को हो रही परेशानी
बाजार समिति में करीब 1 से 2 करोड़ का कारोबार प्रतिदिन होता है. लगभग 100 ट्रक समान प्रतिदिन यहां आता है. देश के कोने-कोने से व्यापारी यहां पहुंचते हैं. जिले के किसान भी अपने उत्पादित सामान को यहां बेचने का काम करते हैं. लेकिन बाजार समिति की जर्जर हालत के कारण किसान और व्यापारियों को यहां काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है.

जल्द होगा बाजार समिति का विकास
बिहार के कृषि मंत्री प्रेम कुमार ने कहा कि बिहार में 54 कृषि उत्पादन बाजार समिति है जिसमें 23 कृषि उत्पादन बाजार समिति के विकास के लिए प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान की गई है. इसमें चहारदिवारी, सड़क, नाला, जल सुविधा के लिए व्यवस्था की गई है. जल्द ही कृषि उत्पादन समिति को बेहतर बनाने का काम किया जाएगा.

नालंदा: सरकार की ओर से बिहार शरीफ के रामचंद्रपुर में कृषि उत्पादन बाजार समिति का निर्माण कराया गया था. दिसंबर 1988 में बिहार शरीफ बाजार समिति का शुभारंभ हुआ. उम्मीद जताई गई कि किसानों को काफी सहूलियत मिलेगी लेकिन आज यह बाजार समिति खुद पर आंसू बहाने को विवश है.

बाजार समिति की स्थिति जर्जर
बाजार समिति प्रांगण का चहारदिवारी पूरी तरह से टूट चुका है. सड़क की हालत पूरी तरह से जर्जर है. चारों ओर फैली गंदगी और नाले से लोग परेशान हैं. इतना ही नहीं, प्रशासनिक लापरवाही के कारण आज बाजार समिति प्रांगण का एक बड़ा भूभाग अतिक्रमण का शिकार हो चुका है.

बाजार समिति की दयनीय हालत

60 एकड़ जमीन में फैला है बाजार समिति
आपको बता दें कि बिहार शरीफ बाजार समिति रामचंद्रपुर में स्थापित किया गया था. करीब 60 एकड़ जमीन में बाजार समिति का निर्माण कराया गया था ताकि देश के कोने-कोने से आये फल और सब्जियों को एकत्रित कर जिले के बाजारों में पहुंचाया जा सके.

किसान और व्यापारियों को हो रही परेशानी
बाजार समिति में करीब 1 से 2 करोड़ का कारोबार प्रतिदिन होता है. लगभग 100 ट्रक समान प्रतिदिन यहां आता है. देश के कोने-कोने से व्यापारी यहां पहुंचते हैं. जिले के किसान भी अपने उत्पादित सामान को यहां बेचने का काम करते हैं. लेकिन बाजार समिति की जर्जर हालत के कारण किसान और व्यापारियों को यहां काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है.

जल्द होगा बाजार समिति का विकास
बिहार के कृषि मंत्री प्रेम कुमार ने कहा कि बिहार में 54 कृषि उत्पादन बाजार समिति है जिसमें 23 कृषि उत्पादन बाजार समिति के विकास के लिए प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान की गई है. इसमें चहारदिवारी, सड़क, नाला, जल सुविधा के लिए व्यवस्था की गई है. जल्द ही कृषि उत्पादन समिति को बेहतर बनाने का काम किया जाएगा.

Intro:नालंदा। कृषि उत्पादन के लिए सरकार द्वारा बाजार समिति का निर्माण कराया गया था ताकि किसानों को अपने द्वारा उत्पादित की गई वस्तुओं को एक जगह एकत्रित कर उसे बाजार पहुंचाने की सुविधा मिल सके । सरकार द्वारा बिहार शरीफ के रामचंद्रपुर में कृषि उत्पादन बाजार समिति का निर्माण कराया गया। दिसंबर 1988 में बिहार शरीफ बाजार समिति का शुभारंभ हुआ । उम्मीद जताई गई कि किसानों को काफी सहूलियत मिलेगी । लेकिन आज यह बाजार समिति खुद पर आंसू बहाने को विवश है। बाजार समिति प्रांगण का चहारदिवारी पूरा टूटा हुआ है। सड़क की हालत पूरी तरह से जर्जर है। बजवजाता नाली और गंदगी से लोग परेशान रहते हैं । इतना ही नहीं प्रशासनिक लापरवाही के कारण आज बाजार समिति प्रांगण का एक बड़ा भूभाग अतिक्रमण का भी शिकार हो चुका है जिसके कारण आज यह बाजार समिति अपने उद्देश्यों से भटकता नजर आ रहा है।


Body:बिहार शरीफ बाजार समिति रामचंद्रपुर में स्थापित किया गया था करीब 60 एकड़ भू-भाग में बाजार समिति का निर्माण कराया गया था ताकि किसानों को अपने द्वारा उत्पादित किए गए कृषि सामग्रियों को बेचा जा सके, वहीं देश के कोने-कोने से आने वाले फल एवं सब्जियों को एक जगह एकत्र कर जिले के बाजारों में पहुंचाया जा सकता है। शुरुआती दौर से ही इस बाजार समिति में काफी चहल-पहल देखी गई और बड़ी संख्या में किसान एवं व्यापारी यहां पहुंचने लगे जिसके बाद यहां प्रतिदिन हजारों लोगों का आना जाना होने लगा। आज स्थिति यह है कि इस कृषि उत्पादन बाजार समिति में करीब 1 से 2 करोड का कारोबार प्रतिदिन होता है। करीब 100 ट्रक समान प्रतिदिन यहां आता है। देश के कोने-कोने से व्यापारी यहां पहुंचते हैं और अपने सामानों को यह भेजने का काम करते हैं । वही जिले के किसान भी अपने उत्पादित सामान को यहां बेचने का काम करते हैं जिसके बाद यहां के सामान देश के कोने-कोने के लिए भेजा जाता है। लेकिन किसान एवं व्यापारियों को यहां काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है पूरे बाजार समिति में गंदगी का अंबार लगा हुआ है कभी भी हाथ साफ सफाई नहीं हो पाता है। इतना ही नहीं यहां की सड़कें पूरी तरह से टूट फूट चुकी है। चहारदिवारी पूरी तरह से टूट गया है जिसके कारण पूरा बाजार समिति प्रांगण असुरक्षित हो चुका है। इसी प्रकार बाजार समिति के एक बड़े भूभाग को प्रशासनिक लापरवाही के कारण अतिक्रमण कर लिया गया है । बड़े-बड़े मकान का निर्माण बाजार समिति के प्रांगण में कर दिया गया वहीं कई झुग्गी झोपड़ी भी बाजार समिति में गया है जो की गैर निबंधित है बावजूद इसके अब तक नहीं की जा सकी है।


Conclusion:हालांकि बिहार के कृषि मंत्री प्रेम कुमार ने कहा कि बिहार में 54 कृषि उत्पादन बाजार समिति है जिसमें 23 कृषि उत्पादन बाजार समिति के विकास के लिए प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान कर दिया गया है। इसमें चहारदिवारी, सड़क, नाली, जल सुविधा के लिए व्यवस्था की गई है । जल्द ही इस दिशा में निविदा निकाला जाएगा और कृषि उत्पादन समिति को बेहतर बनाने का काम किया जाएगा।
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