खगड़िया: सात नदियों से घिरे खगड़िया जिला में कटाव वर्तमान में सबसे बड़ी समस्या बन गई है. नदी से हो रहे कटाव के कारण हजारों की संख्या में लोग विस्थापित हैं. खगड़िया में कई ऐसे गाँव है जो तीन से सात बार कटाव के शिकार हो चुके हैं.
पुनर्वास का आस में कटाव पीड़ित
आजादी के बाद सरकार आती गई, चुनाव होता गया लेकिन नेताओं के आश्वासन के सिवाय पीड़ितों को कुछ भी नसीब नहीं हुआ. जिला प्रशासन कटाव पीड़ितों के पुनर्वास को लेकर योजना तो बनाती है लेकिन यह योजना कागजों तक ही सिमट कर रह जाती है. एक बार फिर जिला प्रशासन ने कटाव पीड़ितों को पुनर्वास के लिये जमीन उपलब्ध करवाने की बात कही है. कटाव पीड़ितो में पुनर्वास को लेकर एक उम्मीद जगी है.
जिला प्रशासन मौन
हम बात कर रहे हैं चौथम प्रखंड का तेगाछी गाँव की, जहाँ लोगों की स्थिति यह है कि वह खुले आसमान के नीचे रहने पर विवश है. कई ऐसे घर है जो कटाव के शिकार हो चुके है तो कई घर कटाव के जद में है. कई लोग बाँध पर बर्षो से रह रहे है. जिला प्रशासन हो या जनप्रतिनिधि, किसी ने सुध लेने की कोशिश नहीं की. पुनर्वास की माँग को लेकर कई बार आंदोलन करने से लेकर अधिकारी तक गुहार लगाई गई लेकिन नतीजा ढाक के तीन पात.
पीड़ितों को दी जाएगी प्राथमिकता
यह समस्या महज एक गाँव का नहीं हैं. जिले में हजारों लोग घर से बेघर हो गये हैं. कोई सड़क किनारे तो कोई बाँध पर अपना आशियाना बनाये हुए है. इस संबंध में जब खगड़िया जिलाधिकारी से बात की गई तो उन्होनें कहा कि ऐसे लोगों के लिये सराकरी जमीन का चयन किया जा रहा है. कटाव पीड़ितों को पुनर्वास कराना मेरी पहली प्राथमिकता है.