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खगड़िया: बांध पर जिंदगी बिताने को मजबूर ग्रामीण, पुनर्वास की आस में जी रहे लोग

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Published : Jun 19, 2019, 2:55 PM IST

खगड़िया में लोगों के प्रत्येक वर्ष बाढ़ की विभीषिका झेलनी पड़ती है जिसके कारण कटाव भी होता है. ऐसे में लोगों को बांध पर अपनी जिंदगी बिताने पर मजबूर होना पड़ रहा है.

बांध पर जिंदगी बिताने को मजबूर ग्रामीण

खगड़िया: सात नदियों से घिरे खगड़िया जिला में कटाव वर्तमान में सबसे बड़ी समस्या बन गई है. नदी से हो रहे कटाव के कारण हजारों की संख्या में लोग विस्थापित हैं. खगड़िया में कई ऐसे गाँव है जो तीन से सात बार कटाव के शिकार हो चुके हैं.

पुनर्वास का आस में कटाव पीड़ित
आजादी के बाद सरकार आती गई, चुनाव होता गया लेकिन नेताओं के आश्वासन के सिवाय पीड़ितों को कुछ भी नसीब नहीं हुआ. जिला प्रशासन कटाव पीड़ितों के पुनर्वास को लेकर योजना तो बनाती है लेकिन यह योजना कागजों तक ही सिमट कर रह जाती है. एक बार फिर जिला प्रशासन ने कटाव पीड़ितों को पुनर्वास के लिये जमीन उपलब्ध करवाने की बात कही है. कटाव पीड़ितो में पुनर्वास को लेकर एक उम्मीद जगी है.

khagadiya
पुनर्वास की आस में जी रहे लोग

जिला प्रशासन मौन
हम बात कर रहे हैं चौथम प्रखंड का तेगाछी गाँव की, जहाँ लोगों की स्थिति यह है कि वह खुले आसमान के नीचे रहने पर विवश है. कई ऐसे घर है जो कटाव के शिकार हो चुके है तो कई घर कटाव के जद में है. कई लोग बाँध पर बर्षो से रह रहे है. जिला प्रशासन हो या जनप्रतिनिधि, किसी ने सुध लेने की कोशिश नहीं की. पुनर्वास की माँग को लेकर कई बार आंदोलन करने से लेकर अधिकारी तक गुहार लगाई गई लेकिन नतीजा ढाक के तीन पात.

पेश है रिपोर्ट

पीड़ितों को दी जाएगी प्राथमिकता
यह समस्या महज एक गाँव का नहीं हैं. जिले में हजारों लोग घर से बेघर हो गये हैं. कोई सड़क किनारे तो कोई बाँध पर अपना आशियाना बनाये हुए है. इस संबंध में जब खगड़िया जिलाधिकारी से बात की गई तो उन्होनें कहा कि ऐसे लोगों के लिये सराकरी जमीन का चयन किया जा रहा है. कटाव पीड़ितों को पुनर्वास कराना मेरी पहली प्राथमिकता है.

खगड़िया: सात नदियों से घिरे खगड़िया जिला में कटाव वर्तमान में सबसे बड़ी समस्या बन गई है. नदी से हो रहे कटाव के कारण हजारों की संख्या में लोग विस्थापित हैं. खगड़िया में कई ऐसे गाँव है जो तीन से सात बार कटाव के शिकार हो चुके हैं.

पुनर्वास का आस में कटाव पीड़ित
आजादी के बाद सरकार आती गई, चुनाव होता गया लेकिन नेताओं के आश्वासन के सिवाय पीड़ितों को कुछ भी नसीब नहीं हुआ. जिला प्रशासन कटाव पीड़ितों के पुनर्वास को लेकर योजना तो बनाती है लेकिन यह योजना कागजों तक ही सिमट कर रह जाती है. एक बार फिर जिला प्रशासन ने कटाव पीड़ितों को पुनर्वास के लिये जमीन उपलब्ध करवाने की बात कही है. कटाव पीड़ितो में पुनर्वास को लेकर एक उम्मीद जगी है.

khagadiya
पुनर्वास की आस में जी रहे लोग

जिला प्रशासन मौन
हम बात कर रहे हैं चौथम प्रखंड का तेगाछी गाँव की, जहाँ लोगों की स्थिति यह है कि वह खुले आसमान के नीचे रहने पर विवश है. कई ऐसे घर है जो कटाव के शिकार हो चुके है तो कई घर कटाव के जद में है. कई लोग बाँध पर बर्षो से रह रहे है. जिला प्रशासन हो या जनप्रतिनिधि, किसी ने सुध लेने की कोशिश नहीं की. पुनर्वास की माँग को लेकर कई बार आंदोलन करने से लेकर अधिकारी तक गुहार लगाई गई लेकिन नतीजा ढाक के तीन पात.

पेश है रिपोर्ट

पीड़ितों को दी जाएगी प्राथमिकता
यह समस्या महज एक गाँव का नहीं हैं. जिले में हजारों लोग घर से बेघर हो गये हैं. कोई सड़क किनारे तो कोई बाँध पर अपना आशियाना बनाये हुए है. इस संबंध में जब खगड़िया जिलाधिकारी से बात की गई तो उन्होनें कहा कि ऐसे लोगों के लिये सराकरी जमीन का चयन किया जा रहा है. कटाव पीड़ितों को पुनर्वास कराना मेरी पहली प्राथमिकता है.

Intro:anchar सात नदियों से घिरे खगड़िया जिला में कटाव सबसे बड़ी समस्या बन कर खड़ी है ।नदी से हो रहे कटाव के कारण हजारो की संख्या में लोग विस्थापित है।खगड़िया में कई ऐसे गाँव है जो तीन से सात बार कटाव के शिकार हो चुका है ।आजादी के बाद सरकार आती गयी चुनाव होता गया नेता के आश्वासन के सिवाय कटाव पीड़ित की अभी तक कुछ भी नसीब नही हुआ है ।जिला प्रशासन कटाव पीड़ितो के पुनर्वास को लेकर योजना तो बनाती है लेकिन यह योजना फाइल तक ही सिमट कर रह जाती है।एक बार फिर जिला प्रशासन ने कटाव पीड़ितों को पुनर्वास के लिये जमीन उपलब्ध करवाने की बात कही है।जिसको लेकर कटाव पीड़ितो में पुनर्वास को लेकर एक उम्मीद जगी है।


Body:VO1 सात नदियों से घिरे होने के कारण खगड़िया में हरेक बर्ष बाढ़ की विभीषिका झेलनी होती है जिसके कारण कटाव भी होता है ।जिससे कई गांव बाढ़ में एक बार नही सात बार कट चुका है ।और लोगो को बांध पर अपनी जिंदगी बिताने पर विवस होना पड़ रहा है ।ऐसा ही एक गाँव है चौथम प्रखंड का तेगाछी गाँव जहाँ कटाव पीड़ित की स्थिति यह है कि वह खुले आसमान के नीचे रहने पर विवस है।कई ऐसे घर है जो कटाव के शिकार हो चुके है तो कई घर कटाव के जद में है।कई लोग बाँध पर बर्षो से रह रहे है ।जिला प्रशासन हो या जनप्रतिनिधि किसी ने सुध लेने की कोशिस नही की ।रोज कामना रोज खाना यही इनकी जिंदगी का हिस्सा बन गया है ।पुनर्वास की माँग को लेकर कई बार आंदोलन करने से लेकर अधिकारी तक गुहार लगाई लेकिन कोई सुनने वाला नही है।
बाइट ---
मुनिया देवी
गिरीश कुमार
शीलो देवी सभी कटाव पीड़ित
VO2 यह समस्या महज एक गाँव का नही बल्कि जिले में हजारों की संख्या में लोग घर से बेघर हो कर सड़क किनारे तो कहि बाँध पर अपना आशियाना बनाये हुए है।ऐसे में अब सवाल उठना लाजमी है।कि पुनर्वास की फाइल बनती है तो कहाँ दब जाती है ।ऐसे सवाल है जो यह सोचने पर मजबूर कर देता है कि कौन इन गरीबो की कुंडली पर हक मार बैठा है।इस संबंध में जब खगड़िया जिलाधिकारी से बात की तो उनका साफ तौर पर कहना है कि कटाव पीड़ितों को पुनर्वास करवाना मेरी पहली प्राथमिकता है।
BYte अनिरुद प्रसाद DM खगड़िया



Conclusion:FVO बरहाल बर्षो से पुनर्वास की आस में बैठे सैकड़ो कटाव पीड़ितों को खगड़िया डीएम के आश्वसन पर फिर एक बार नजर टिकी हुई है।एक बार देखना होगा कि क्या डीएम साहेब का निर्देश को हकीकत में उतारा जाता है या आश्वासन के नाम पर धोका है ।यह तो आने वाला समय ही बताये गा।
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