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शिक्षकों का पेट भूखा रहेगा तो शिक्षा कैसे दे सकते हैं : मांझी

मांझी ने कहा कि नियोजित शिक्षकों पर उच्चतम न्यायालय का फैसला शिक्षकों को मानसिक रूप से परेशान करेगा. जिससे बच्चों की पढ़ाई-लिखाई पर असर पड़ेगा.

जीतन राम मांझी
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Published : May 11, 2019, 8:15 AM IST

अरवल : जब शिक्षक भूखा रहेंगे, उनके दिमाग में कई तरह की बातें होंगी फिर वह कैसे ठीक ढंग से पढ़ा सकते हैं. नियोजित शिक्षक के समान काम समान वेतन को लेकर सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर हम प्रमुख जीतन राम मांझी ने यह प्रतिक्रिया दी.

बच्चों की पढ़ाई-लिखाई पर पड़ेगा असर-मांझी
करपी में आयोजित चुनावी सभा को संबोधित करने के बाद पत्रकारों से बात करते हुए पूर्व सीएम ने कहा कि माननीय उच्चतम न्यायालय के फैसलों का तो हम सभी लोग आदर करते हैं, परंतु यह फैसला शिक्षकों को मानसिक रूप से परेशान करेगा. जिससे बच्चों की पढ़ाई-लिखाई पर असर पड़ेगा.

जीतन राम मांझी

'मामले पर पुनर्विचार किया जाए'
जीतन राम मांझी ने कहा कि शिक्षकों के लिए मेरे मुख्यमंत्री रहते ही यह फैसला लिया गया था कि एक ही काम करने वाले शिक्षकों को अलग-अलग वेतन क्यों मिलता है. पर बात में बेरहम वर्तमान सरकार कोर्ट चली गयी. उन्होंने मांग की कि न्यायपीठ द्वारा जो फैसला दिया गया है उसपर पुनर्विचार किया जाए.

अरवल : जब शिक्षक भूखा रहेंगे, उनके दिमाग में कई तरह की बातें होंगी फिर वह कैसे ठीक ढंग से पढ़ा सकते हैं. नियोजित शिक्षक के समान काम समान वेतन को लेकर सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर हम प्रमुख जीतन राम मांझी ने यह प्रतिक्रिया दी.

बच्चों की पढ़ाई-लिखाई पर पड़ेगा असर-मांझी
करपी में आयोजित चुनावी सभा को संबोधित करने के बाद पत्रकारों से बात करते हुए पूर्व सीएम ने कहा कि माननीय उच्चतम न्यायालय के फैसलों का तो हम सभी लोग आदर करते हैं, परंतु यह फैसला शिक्षकों को मानसिक रूप से परेशान करेगा. जिससे बच्चों की पढ़ाई-लिखाई पर असर पड़ेगा.

जीतन राम मांझी

'मामले पर पुनर्विचार किया जाए'
जीतन राम मांझी ने कहा कि शिक्षकों के लिए मेरे मुख्यमंत्री रहते ही यह फैसला लिया गया था कि एक ही काम करने वाले शिक्षकों को अलग-अलग वेतन क्यों मिलता है. पर बात में बेरहम वर्तमान सरकार कोर्ट चली गयी. उन्होंने मांग की कि न्यायपीठ द्वारा जो फैसला दिया गया है उसपर पुनर्विचार किया जाए.

Intro:अरवल के करपी में आयोजित आयोजित चुनावी सभा को संबोधित करने के बाद पत्रकारों के द्वारा सवाल पूछे जाने पर पूर्व सीएम ने कहा कि माननीय उच्चतम न्यायालय के फैसलों का तो हम सभी लोग आदर करते हैं, परंतु शिक्षक समान काम के बदले समान वेतन पर आज जो फैसला शिक्षकों के लिए आया है। वह उन्हें मानसिक रूप से परेशान करेगा। जिससे बच्चों के पढ़ाई लिखाई पर असर पड़ेगा। उन्होंने कहा कि शिक्षकों के लिए मेरे मुख्यमंत्री रहते ही यह फैसला लाया गया था कि एक ही काम करने वाले शिक्षकों को अलग-अलग वेतन क्यों मिलता है।


Body:अरवल के करपी में आयोजित चुनावी सभा के बाद पत्रकारों को पूर्व सीएम ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के द्वारा आज जो निर्णय लिया गया है। उस पर पुनर्विचार होना चाहिए। हालांकि पूर्व सीएम ने माननीय उच्च न्यायालय के द्वारा दिए गए फैसले पर खंडन नहीं करने की बात कही।लेकिन इन्होंने मांग की की इस पर जो भी न्याय पीठ के द्वारा यह फैसला दिया गया है उन्हें पुनर्विचार करनी चाहिए।


Conclusion:करपी में आयोजित महागठबंधन के उम्मीदवार के पक्ष में चुनाव प्रचार करने पहुंचे बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने शिक्षकों के द्वारा माननीय उच्चतम न्यायालय आदेश को पुनर्विचार करने की मांग सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीशों से की है। जिनके द्वारा यह फैसला सुनाया गया है। हालांकि पूर्व सीएम ने उन पर किसी भी प्रतिक्रिया देने से इनकार किया।
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