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पटनाः बेली रोड में नहीं दिख रहा भारत बंद का असर - कृषि बिल को लेकर विरोध प्रदर्शन

कृषि कानून को लेकर देशभर में भारत बंद का बिगुल फूंका गया है. वहीं, बिहार में भी इसका व्यापक असर देखने को मिल रहा है. प्रशासन ने जगह-जगह पुलिसकर्मियों को सुरक्षा के मद्देनजर तैनात किया है.

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Published : Dec 8, 2020, 3:14 PM IST

Updated : Dec 15, 2020, 4:31 PM IST

पटनाः कृषि कानूनों के विरोध में किसान संगठनों के भारत बंद का विपक्षी दल ने समर्थन किया है. सभी जगह आरजेडी, कांग्रेस, वामपंथी दल और अन्य दल विभिन्न अंदाज में कृषि बिल को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. वहीं पटना के बेली रोड में भारत बंद का कोई असर देखने को नहीं मिला. बेली रोड पर यातायात व्यवस्था सामान्य है. लोग सामान्य दिन की तरह अपने-अपने काम पर निकल रहे हैं. हालांकि प्रशासन ने जगह-जगह पुलिसकर्मियों को सुरक्षा के मद्देनजर तैनात किया है.

"अभी उतना असर नहीं दिख रहा है. फिलहाल अधिकांश दुकानें बन्द दिख रही हैं. नए कृषि कानून से किसानों को काफी दिक्कत हो रही है. हमलोग भी किसान हैं और कहीं ना कहीं इस बिल को लागू होने से कॉरपोरेट घराने को फायदा होगा, इसीलिए हमलोग उसका विरोध कर रहे हैं". - अमन कुमार, स्थानीय

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बंद दुकानें

"हमलोगों का परिवार कृषि से जुड़ा हुआ है. नया कृषि बिल किसान विरोधी है. केंद्र सरकार को इसे वापस ले लेना चाहिए." - शैलेन्द्र कुमार, स्थानीय

देखें रिपोर्ट

क्या है विवाद की असल वजह

⦁ नए कृषि बिल को लेकर मुख्य तौर पर विवाद मंडी और न्यूनतम समर्थन मूल्य को लेकर है.

⦁ किसान चाहते हैं कि मंडी की व्यवस्था कायम रहे और केंद्र सरकार लिखित में न्यूनतम समर्थन मूल्य जारी रखने का आश्वासन जारी करे.

⦁ इसके अलावा जरूरी खाद्यान्नों के भंडारण पर रोक को लेकर भी कृषि कानून का जमकर विरोध हो रहा है.

पटनाः कृषि कानूनों के विरोध में किसान संगठनों के भारत बंद का विपक्षी दल ने समर्थन किया है. सभी जगह आरजेडी, कांग्रेस, वामपंथी दल और अन्य दल विभिन्न अंदाज में कृषि बिल को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. वहीं पटना के बेली रोड में भारत बंद का कोई असर देखने को नहीं मिला. बेली रोड पर यातायात व्यवस्था सामान्य है. लोग सामान्य दिन की तरह अपने-अपने काम पर निकल रहे हैं. हालांकि प्रशासन ने जगह-जगह पुलिसकर्मियों को सुरक्षा के मद्देनजर तैनात किया है.

"अभी उतना असर नहीं दिख रहा है. फिलहाल अधिकांश दुकानें बन्द दिख रही हैं. नए कृषि कानून से किसानों को काफी दिक्कत हो रही है. हमलोग भी किसान हैं और कहीं ना कहीं इस बिल को लागू होने से कॉरपोरेट घराने को फायदा होगा, इसीलिए हमलोग उसका विरोध कर रहे हैं". - अमन कुमार, स्थानीय

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बंद दुकानें

"हमलोगों का परिवार कृषि से जुड़ा हुआ है. नया कृषि बिल किसान विरोधी है. केंद्र सरकार को इसे वापस ले लेना चाहिए." - शैलेन्द्र कुमार, स्थानीय

देखें रिपोर्ट

क्या है विवाद की असल वजह

⦁ नए कृषि बिल को लेकर मुख्य तौर पर विवाद मंडी और न्यूनतम समर्थन मूल्य को लेकर है.

⦁ किसान चाहते हैं कि मंडी की व्यवस्था कायम रहे और केंद्र सरकार लिखित में न्यूनतम समर्थन मूल्य जारी रखने का आश्वासन जारी करे.

⦁ इसके अलावा जरूरी खाद्यान्नों के भंडारण पर रोक को लेकर भी कृषि कानून का जमकर विरोध हो रहा है.

Last Updated : Dec 15, 2020, 4:31 PM IST
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