ETV Bharat / briefs

ब्यूरोक्रेट्स की लापरवाही के कारण हुई मुजफ्फरपुर में मौत-एक्सपर्ट

बिहार में लगातार हो रही मौत पर विपक्ष के साथ-साथ अब विशेषज्ञ भी सरकार के कार्य प्रणाली पर सवाल उठाने लगे हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि सरकार की पॉलिसी ही सही दिशा में काम नहीं कर रही है जिसका ये नतीजा है.

ब्यूरोक्रेट्स के कारण हुई मुजफ्फरपुर में मौत-एक्सपर्ट
author img

By

Published : Jun 19, 2019, 9:29 AM IST

पटना: मुजफ्फरपुर में चमकी बुखार से बच्चों की मौत को लेकर सरकार की नीति निर्धारण करने वाले ब्यूरोक्रेट्स को विशेषज्ञों ने फेल बताया है. उन्होनें कहा कि एनजीओ पर टिके रहने का नतीजा मुजफ्फरपुर कांड है.

सरकार के कार्य प्रणाली पर सवाल
बिहार इन दिनों चमकी बुखार और हीट वेव के कारण लोगों की लगातार मौत हो रही है. सरकार बचाव कार्य में तो लगी है लेकिन मौत रुक नहीं पाई. सरकार को विपक्ष के साथ आम लोगों का भी गुस्सा झेलना पड़ रहा है. बच्चों की मौत पर कई सवाल खड़े हो रहे हैं. हर साल मई-जून के महीने में चमकी बुखार के कारण दर्जनों या फिर कहें कि सैकड़ों बच्चों की मौत हो जाती है.

क्या कहते हैं विशेषज्ञ

ये मामला अब राष्ट्र का मुद्दा
जिले में लगातार हो रही मौत को लेकर अब हर तरफ से सरकार पर सवाल उठने लगे हैं. एएन सिन्हा इंस्टीट्यूट के रिसर्च स्कॉलर डीएम दिवाकर ने सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा कि बिहार में हर साल बच्चों की मौत होती है. ऐसे में अब ये सिर्फ बिहार का ही नहीं बल्कि राष्ट्र का मुद्दा बन गया है.

patna
डॉ. रणधीर, भाषा विशेषज्ञ

'सरकार के ब्यूरोक्रेट्स सही दिशा में काम नहीं करते'
जब हर साल इतनी तादाद में बच्चों की मौत होती है तो वही भाषा के विशेषज्ञ डॉ. रणधीर बच्चों की मौत पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि मई-जून के महीनों में मुजफ्फरपुर में बच्चों की मौत सरकार का सिस्टम फेल होने के कारण हो रहा है. सरकार की पॉलिसी ही सही दिशा में काम नहीं कर रही है. सरकार के ब्यूरोक्रेट्स ही सही दिशा में काम नहीं करते. सरकार सिर्फ प्राइवेट एनजीओ पर टिक जाती है.

patna
डॉ. संजय कुमार, सामाजिक विशेषज्ञ

लोगों के बीच जागरूकता नहीं होने के कारण फैली महामारी
सामाजिक विशेषज्ञ डॉ. संजय कुमार बताते हैं कि मुजफ्फरपुर में चमकी बुखार से बच्चों की मौत 1994-95 से लगातार होते आ रही है. ये सरकार की जिम्मेदारी थी कि वो जोर-शोर से प्रचार-प्रसार करें और लोगों को सूचित करें. लेकिन सरकार ऐसा नहीं कर पाई जिसकी वजह से यह महामारी फैलती गई और मौत का तादाद बढ़ते चला गया.

पटना: मुजफ्फरपुर में चमकी बुखार से बच्चों की मौत को लेकर सरकार की नीति निर्धारण करने वाले ब्यूरोक्रेट्स को विशेषज्ञों ने फेल बताया है. उन्होनें कहा कि एनजीओ पर टिके रहने का नतीजा मुजफ्फरपुर कांड है.

सरकार के कार्य प्रणाली पर सवाल
बिहार इन दिनों चमकी बुखार और हीट वेव के कारण लोगों की लगातार मौत हो रही है. सरकार बचाव कार्य में तो लगी है लेकिन मौत रुक नहीं पाई. सरकार को विपक्ष के साथ आम लोगों का भी गुस्सा झेलना पड़ रहा है. बच्चों की मौत पर कई सवाल खड़े हो रहे हैं. हर साल मई-जून के महीने में चमकी बुखार के कारण दर्जनों या फिर कहें कि सैकड़ों बच्चों की मौत हो जाती है.

क्या कहते हैं विशेषज्ञ

ये मामला अब राष्ट्र का मुद्दा
जिले में लगातार हो रही मौत को लेकर अब हर तरफ से सरकार पर सवाल उठने लगे हैं. एएन सिन्हा इंस्टीट्यूट के रिसर्च स्कॉलर डीएम दिवाकर ने सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा कि बिहार में हर साल बच्चों की मौत होती है. ऐसे में अब ये सिर्फ बिहार का ही नहीं बल्कि राष्ट्र का मुद्दा बन गया है.

patna
डॉ. रणधीर, भाषा विशेषज्ञ

'सरकार के ब्यूरोक्रेट्स सही दिशा में काम नहीं करते'
जब हर साल इतनी तादाद में बच्चों की मौत होती है तो वही भाषा के विशेषज्ञ डॉ. रणधीर बच्चों की मौत पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि मई-जून के महीनों में मुजफ्फरपुर में बच्चों की मौत सरकार का सिस्टम फेल होने के कारण हो रहा है. सरकार की पॉलिसी ही सही दिशा में काम नहीं कर रही है. सरकार के ब्यूरोक्रेट्स ही सही दिशा में काम नहीं करते. सरकार सिर्फ प्राइवेट एनजीओ पर टिक जाती है.

patna
डॉ. संजय कुमार, सामाजिक विशेषज्ञ

लोगों के बीच जागरूकता नहीं होने के कारण फैली महामारी
सामाजिक विशेषज्ञ डॉ. संजय कुमार बताते हैं कि मुजफ्फरपुर में चमकी बुखार से बच्चों की मौत 1994-95 से लगातार होते आ रही है. ये सरकार की जिम्मेदारी थी कि वो जोर-शोर से प्रचार-प्रसार करें और लोगों को सूचित करें. लेकिन सरकार ऐसा नहीं कर पाई जिसकी वजह से यह महामारी फैलती गई और मौत का तादाद बढ़ते चला गया.

Intro:मुजफ्फरपुर में चमकी बुखार से बच्चों की मौत को लेकर सरकार की नीति निर्धारण करने वाले ब्यूरोक्रेट्स को विशेषज्ञों ने बताया फेल, कहा कि ngo पर टिके रहने का नतीजा है मुजफ्फरपुर कांड....


Body:पटना--- बिहार इन दिनों चमकी बुखार और हीट वेव के कारण लोगों की लगातार मौत हो रही है सरकार बचाव कार्य में तो लगी है लेकिन मौत रुक नहीं पाई सरकार को विपक्ष के साथ आम लोगों का भी गुस्सा झेलना पड़ रहा है बच्चों की मौत पर कई सवाल खड़े हो रहे हैं हर साल मई-जून के महीने में चमकी बुखार के कारण दर्जनों कहे या सैकड़ों बच्चों की मौत हो जाती है और जो बच्चे बच जाते हैं वह किसी काम लायक नहीं बसते हैं वो जिंदगी तो जीते हैं सिर्फ दिखावा के लिए 3 मौत को लेकर अब हर तरह से सवाल सरकार पर उठने लगे हैं विशेषज्ञों की मानें तो यह मौत पर सरकार सिर्फ खामोश बंद कर देखती है और जैसे ही यह मौसम समाप्त हो जाते हैं सरकार बच्चों की मौत भूल जाती है

एएन सिन्हा इंस्टीट्यूट के रिसर्च स्कॉलर डीएम दिवाकर ने सरकार पर सवाल उठाते हुए बताते हैं कि बिहार में हर साल बच्चों की मौत होती है मई-जून के महीने में सैकड़ों बच्चों की लगातार मौत अब बिहार का ही नहीं बल्कि राष्ट्र का मुद्दा बन गया है लेकिन जब हर साल इतनी तादाद में बच्चों की मौत होती है तो स्वास्थ्य मंत्री क्यों नहीं मुजफ्फरपुर में बच्चों की बुखार पर रिसर्च करें ताकि बच्चों की कम मौत हो सके लेकिन स्वास्थ्य विभाग का भी हरकत में नहीं आया और इस बीमारी का लाइलाज का कर बैठ जाते हैं जो समस्या का समाधान नहीं है बच्चों की मौत पर सरकार और स्वास्थ विभाग लीची के नाम पर बच्चों की मौत को लेकर सवाल खड़ा कर देती हैं लेकिन जब रिसर्च ही नहीं हुआ तो लीची पर सवाल खड़ा करना उचित नहीं होगा क्योंकि लीची सिर्फ मुजफ्फरपुर में ही नहीं होता है बल्कि और प्रांतों में भी होता है इन मौतों का सरकार जिम्मेदारी लेती और एक एक्सपर्ट टीम बनाकर वहां रिसर्च करती ताकि आने वाले समय में बच्चों की मौत ना हो सके।।

वही भाषा के विशेषज्ञ डॉ रणधीर बच्चों की मौत पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि मई-जून के महीनों में मुजफ्फरपुर में बच्चों की मौत सिस्टम फेल व के कारण हो रहा है सरकार की पॉलिसी ही सही दिशा में काम नहीं कर रही है सरकार के ब्यूरोक्रेट्स ही सही दिशा में काम नहीं करते और सरकार सिर्फ प्राइवेट एनजीओ पर टिक जाती है जिससे बच्चों की मौत रुक नहीं पाता।

सामाजिक विशेषज्ञ डॉ संजय कुमार बताते हैं कि मुजफ्फरपुर में चमकी बुखार से बच्चों की मौत 1994 95 से लगातार होते आ रही है सरकार का जो प्रचार-प्रसार का काम था वह प्रचार-प्रसार के माध्यम से लोगों को सूचित नहीं कर पाए जिसके वजह से महामारी फैलती गई और मौत का तादाद बढ़ते चला गया।

बाइट-- डीएम दिवाकर रिसर्च स्कॉलर

बाइट--- डॉक्टर रणधीर भाषा विशेषज्ञ

बाइट--- डॉ संजय कुमार सोशल वर्कर


Conclusion:बहरहाल चमकी बुखार और हीटवेव से लगातार मौतें हो रही हैं जिसको लेकर सरकार भी सचेत है लेकिन विपक्ष के साथ-साथ अब विशेषज्ञ भी सरकार के कार्य प्रणाली पर सवाल उठाने लगे हैं हर साल मई-जून के महीने में जब बच्चों की इतनी तादाद में मौत होती है तो सरकार पहले से सचेत न होकर जब घटना घटती है तब अपना काम करना शुरू कर देते हैं इससे समस्या का समाधान नहीं हो सकता अब देखते हैं इतनी बड़ी घटना से सरकार कितना सबक लेती है और आएंगे इस तरह की घटना ना हो उसको लेकर सरकार क्या करती है

ईटीवी भारत के लिए पटना से अरविंद राठौर की रिपोर्ट
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.