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बिहार के 8 जिलों के 100 गांव बनेंगे 'क्लाइमेट स्मार्ट'

पटना, नालंदा, मुंगेर, भागलपुर, कटिहार, पूर्णिया, दरभंगा एवं समस्तीपुर के किसानों को होगा लाभ. 8 जिलों में 100 गांवों के दस हजार किसानों को लाभ दिलाने का लक्ष्य.

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Published : Jun 28, 2019, 11:00 AM IST

Updated : Jun 28, 2019, 11:13 AM IST

डिजाइन फोटो.

पटना: बिहार में लगभग हर साल मानसून की दगाबाजी और जलवायु परिवर्तन को देखते हुए सरकार, बिहार के 100 गांवों को 'क्लाइमेट स्मार्ट' बनाने जा रही है, जिसका उद्देश्य मौसम के अनुरूप खेती को बढ़ावा देना तथा उत्पादकता बढ़ाना है. इसके लिए किसानों को प्रशिक्षित करने की योजना भी बनाई गई है.
कृषि विभाग के एक अधिकारी ने गुरुवार को बताया कि पहले चरण में राज्य के आठ जिलों - पटना, नालंदा, मुंगेर, भागलपुर, कटिहार, पूर्णिया, दरभंगा एवं समस्तीपुर के कुल 100 गांवों के 10 हजार किसानों को इस परियोजना में शामिल करने की योजना बनाई गई है.

'बीजों की किस्में की जाएंगी विकसित'
इस परियोजना के तहत चयनित गांवों में गेहूं, मक्का, धान, दाल, तेलहन और सब्जी के अधिक उत्पादन वाली बीजों की किस्में विकसित की जाएंगी, जिससे किसान ज्यादा उत्पादन कर सकें.

prem kumar
बैठक में मंत्री प्रेम कुमार.

चार कॉरिडोर के माध्यम से होगा 100 गांवों का चयन
बिहार के कृषि मंत्री प्रेम कुमार ने बताया कि इसके लिए चार कॉरिडोर बनाए गए हैं और सभी कॉरिडोर्स में 25 गांवों का चयन किया गया है. इसके साथ ही चार एजेंसियों का चयन कर लिया गया है, जिसमें राजेंद्र केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय, पूसा, बिहार कृषि विश्वविद्यालय और सबौर भी शामिल हैं.

  • सोना व्यापारियों ने सरकार को दी चेतावनी, बोले- ऐसे हालात रहे तो करना पड़ेगा पलायनhttps://t.co/Gd7G7zK1ne

    — Etv Bihar (@etvbharatbihar) June 28, 2019 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

'ज्यादा उत्पादन और आमदनी बढ़ाना लक्ष्य'
उन्होंने बताया कि सरकार का मानना है कि राज्य के आधे हिस्से प्रतिवर्ष सूखे की चपेट में आ जाते हैं, जबकि आधे हिस्से बाढ़ की चपेट में रहते हैं, ऐसे में हर साल प्राकृतिक आपदा झेलने वाले इस राज्य के किसानों को लाभ नहीं मिल पाता. इस योजना से किसान ज्यादा उत्पादन करेंगे तथा उनकी आमदनी भी बढ़ेगी.

उन्नत तकनीकों का होगा उपयोग
उन्होंने कहा, 'इस योजना का लक्ष्य मौसम के अनुरूप खेती कराना, उत्पादन एवं उत्पादकता को बढ़ाना, किसानों को इसके लिए प्रशिक्षित करना, किसानों का समूह निर्माण करना और फसल प्रत्यक्षण की उन्नत तकनीकों का उपयोग करना है.'

पटना: बिहार में लगभग हर साल मानसून की दगाबाजी और जलवायु परिवर्तन को देखते हुए सरकार, बिहार के 100 गांवों को 'क्लाइमेट स्मार्ट' बनाने जा रही है, जिसका उद्देश्य मौसम के अनुरूप खेती को बढ़ावा देना तथा उत्पादकता बढ़ाना है. इसके लिए किसानों को प्रशिक्षित करने की योजना भी बनाई गई है.
कृषि विभाग के एक अधिकारी ने गुरुवार को बताया कि पहले चरण में राज्य के आठ जिलों - पटना, नालंदा, मुंगेर, भागलपुर, कटिहार, पूर्णिया, दरभंगा एवं समस्तीपुर के कुल 100 गांवों के 10 हजार किसानों को इस परियोजना में शामिल करने की योजना बनाई गई है.

'बीजों की किस्में की जाएंगी विकसित'
इस परियोजना के तहत चयनित गांवों में गेहूं, मक्का, धान, दाल, तेलहन और सब्जी के अधिक उत्पादन वाली बीजों की किस्में विकसित की जाएंगी, जिससे किसान ज्यादा उत्पादन कर सकें.

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बैठक में मंत्री प्रेम कुमार.

चार कॉरिडोर के माध्यम से होगा 100 गांवों का चयन
बिहार के कृषि मंत्री प्रेम कुमार ने बताया कि इसके लिए चार कॉरिडोर बनाए गए हैं और सभी कॉरिडोर्स में 25 गांवों का चयन किया गया है. इसके साथ ही चार एजेंसियों का चयन कर लिया गया है, जिसमें राजेंद्र केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय, पूसा, बिहार कृषि विश्वविद्यालय और सबौर भी शामिल हैं.

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'ज्यादा उत्पादन और आमदनी बढ़ाना लक्ष्य'
उन्होंने बताया कि सरकार का मानना है कि राज्य के आधे हिस्से प्रतिवर्ष सूखे की चपेट में आ जाते हैं, जबकि आधे हिस्से बाढ़ की चपेट में रहते हैं, ऐसे में हर साल प्राकृतिक आपदा झेलने वाले इस राज्य के किसानों को लाभ नहीं मिल पाता. इस योजना से किसान ज्यादा उत्पादन करेंगे तथा उनकी आमदनी भी बढ़ेगी.

उन्नत तकनीकों का होगा उपयोग
उन्होंने कहा, 'इस योजना का लक्ष्य मौसम के अनुरूप खेती कराना, उत्पादन एवं उत्पादकता को बढ़ाना, किसानों को इसके लिए प्रशिक्षित करना, किसानों का समूह निर्माण करना और फसल प्रत्यक्षण की उन्नत तकनीकों का उपयोग करना है.'

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Last Updated : Jun 28, 2019, 11:13 AM IST
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