जयपुर : भगवान शिव का प्रिय सावन माह आज से शुरू हो गया है. इस बार आयुष्मान योग में सावन महीने का आगाज हो रहा है. इसके साथ ही इस महीने में कई अन्य संयोग भी बन रहा रहे हैं, जो शुभ फल देने वाले हैं. सावन में भगवान शिव की उपासना विशेष फल देने वाली मानी जाती है.
ज्योतिषाचार्य आचार्य पंडित विमल पारीक बताते हैं कि सावन के महीने में भगवान भोलेनाथ का जल और दूध से अभिषेक किया जाता है. इसके साथ ही व्रत रखने से भी भोलेनाथ प्रसन्न होते हैं. वे बताते हैं कि इस बार सावन में चार सोमवार होंगे. उनमें कई विशेष संयोग बन रहे हैं. जिससे भगवान शिव की आराधना विशेष फल देने वाली है. वे बताते हैं कि भगवान भोलेनाथ ने प्राणियों की रक्षा के लिए विष ग्रहण किया था.
यदि किसी जातक की कुंडली में विष योग हो तो उसे सावन में भगवान शिव की उपासना करनी चाहिए. भगवान भोलेनाथ को बिल्व पत्र, बिल्व फल या बिल्व फल का दूध अर्पित करने और अभिषेक करने से विष योग का प्रभाव खत्म होता है. जीवन में मनवांछित सफलता मिलती है. विद्यार्थियों को पढ़ाई और करियर निर्माण के लिए खास तौर पर भगवान भोलेनाथ की आराधना करनी चाहिए.
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ओम नमः शिवाय मंत्र का अधिकाधिक जाप विद्यार्थियों को करना चाहिए. व्यापारियों को व्यापार में तरक्की के लिए शक्कर मिश्रित दूध या गन्ने के रस से भगवान शिव का अभिषेक करना चाहिए. इससे धन की देवी लक्ष्मी की विशेष कृपा प्राप्त होती है और व्यापार में सफलता मिलती है. इसके अलावा सावन माह में जल और दूध से अभिषेक करने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं और मनोवांछित फल देते हैं.
दूध और हरी सब्जियों का खाने में कम करें प्रयोग
पंडित विमल पारीक बताते हैं कि सावन के महीने में दूध और हरी सब्जियों का खाने-पीने में कम से कम उपयोग करना चाहिए. इसका वैज्ञानिक कारण भी है. इन दिनों बारिश के कारण हरे चारे में छोटे-छोटे जीवाणु पनप जाते हैं. यही हरा चारा दुधारू पशु खाते हैं. ऐसे में उनका दूध पीने से स्वास्थ्य संबंधी कई परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है. इसी तरह हरी पत्तेदार सब्जियों में भी सूक्ष्म जीवाणु होते हैं. इसलिए सावन में हरी पत्तेदार सब्जियों का भी कम से कम प्रयोग करने की सलाह दी जाती है.