मथुरा : उत्तर प्रदेश के मथुरा जनपद मुख्यालय से 60 किलोमीटर दूर शेरगढ़ कस्बे में के फालेन गांव में सदियों से चली आ रही परंपरा आज भी कायम है. यहां होलिका दहन के अवसर पर धधकते अंगारों के बीच से पंडा नंगे पांव निकलता है. इस बार विधि-विधान से मोनू पंडा अंगारों के बीच से निकला. इस नजारे को देखने के लिए हजारों की संख्या में श्रद्धालु पालम गांव पहुंचे. इस गांव में आस-पास के 5 गांव की लोग सम्मिलित रूप से होलिका दहन का कार्यक्रम रखा जाता है. इस अवसर पर प्रशासन ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किया था.
प्रहलाद कुंड में होता है स्नान
40 दिन की कठोर तपस्या करने के बाद अंगारों के बीच से निकलने वाला व्यक्ति होलिका दहन के दिन गांव के प्राचीन पहलाद कुंड में स्नान करता है. मोनू पंडा ने पिछली दो सालों की तरह ही इस बार भी इस परंपरा को निभाया. इस अवसर पर शुभ लग्न और मुहूर्त देखने के बाद मोनू पंडा की बहन ने दूध की धार से रास्ता बनाया. इसके बाद इसी रास्ते पर चलकर मोनू पंडा होलिका की अंगारों के बीच से निकला. बता दें कि पंडा परिवार सदियों से इस परंपरा को निभाता आ रहा है. मोनू पंडा से पहले उनके पिता सुनील कुमार पंडा इस परंपरा को निभाते थे.
फालेन गांव में रखी जाती है विशाल होलिका
फालेन गांव में एक विशाल होलिका दहन का कार्यक्रम रखा जाता है. इस कार्यक्रम में 5 गांवों के लोग सम्मिलित होते हैं. इस विशाल होली की ऊंचाई 20 फीट और चौड़ाई 15 फीट होती है. सभी गांव की महिलाएं दोपहर बाद इसकी पूजन करने के लिए आती है. आज सुबह 4 बजे शुभ मुहूर्त में अंगारों के बीच से मोनू पंडा निकला.
इस कार्यक्रम के बारे में छाता के उप जिलाधिकारी हनुमान प्रसाद ने बताया फालेन गांव में यह कार्यक्रम सकुशल संपन्न हुआ. जिला प्रशासन ने इस मौके पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए थे. हर साल पंडा परिवार का एक सदस्य अंगारों के बीच से निकलता है. कई सालों से यह कार्यक्रम होता चला आ रहा है.