पटना : बिहार की राजधानी पटना स्थित ज्ञान भवन में बिहार बिजनेस कनेक्ट 2023 का आयोजन किया गया है. इसमें देश-विदेश के कई सारे उद्योगपति हिस्सा ले रहे हैं और हजारों करोड़ का निवेश प्रस्तावित है. उद्योग विभाग ने पूरी तैयारी कर रखी है. समिट में लगभग 800 कंपनियां हिस्सा ले रही है. उद्योग विभाग के अपर मुख्य सचिव संदीप पौंडरिक ने बताया कि बिहार बिजनेस कनेक्ट 2023 में 800 कंपनियां हिस्सा लेने के लिए पहुंची हैं और 16 देश के प्रतिनिधि भी आए हुए रहे हैं.
"हमें उम्मीद है कि 35000 करोड़ का एमओयू बिहार सरकार के साथ साइन होगा. हजारों लोगों को रोजगार मिलने की संभावना है. सीएम नीतीश कुमार उद्योगपतियों से बातचीत कर उनकी समस्याओं का भी समाधान करेंगे." - संदीप पौंडरिक, अपर मुख्य सचिव, उद्योग विभाग
250 करोड़ का निवेश करेगा ओसवाल ग्रुप : बिहार में बिजनेस कनेक्ट 2023 आयोजन किया जा रहा है. कई उद्योगपतियों को आमंत्रित किया गया है. ओसवाल ग्रुप की ओर से भी प्रतिनिधि बैठक में शामिल हुए हैं. बिहार सरकार के प्रस्ताव को ओसवाल ग्रुप ने सकारात्मक रूप में लिया है और एमओयू साइन किए हैं. ओसवाल ग्रुप की ओर से वाइस चेयरमैन कमल ओसवाल ने बिजनेस कनेक्ट में हिस्सा लिया. इस दौरान कमल ओसवाल ने कहा कि बिहार के लोग मेहनती होते हैं. यहां उद्योग लगाया जाए तो फायदा होगा. हमें गारमेंट को लेकर बांग्लादेश को देखना चाहिए.
"हम 250 करोड़ का निवेश करना चाहते हैं. 2000 हजार से ज्यादा लोगों को रोजगार मिलेगा. बिहार में इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में हुए डेवलपमेंट को लेकर भी ओसवाल ग्रुप उत्साहित है. आने वाले 1 साल के दौरान ग्रुप बिहार में फैक्ट्री स्थापित कर लेगी." - कमल ओसवाल, चेयरमैन, ओसवाल ग्रुप
कोमल इंडस्ट्रीज ने किया 105 करोड़ का एमओयू : बिजनेस समिट में गुजरात से कोमल इंडस्ट्रीज ने भी हिस्सा लिया है. कोमल इंडस्ट्रीज की ओर से भी बिहार सरकार के साथ एमओयू साइन किए गए हैं और जल्द ही फैक्ट्री शुरू करने की उम्मीद जताई गई है. इंडस्ट्री के अध्यक्ष ने बिहार सरकार को भरोसा दिलाया है कि वह भी बिहार के अंदर उद्योग लगाएंगे. कोमल ग्रुप के अध्यक्ष सुरेश बगरेचा ने बिहार सरकार के साथ एमओयू साइन किया है. कोमल प्राइवेट लिमिटेड के साथ 105 करोड़ का एमओयू साइन किया गया है.
"हम बिहार में टेक्सटाइल इंडस्ट्री लगाने के लिए इच्छुक है नायलॉन और सूती उद्योग के लिए बिहार माकुल जगह है. हमारी कंपनी ने फिलहाल 105 करोड़ इन्वेस्टमेंट की योजना बना रखी है और जल्द ही इसे हम धरातल पर लाने के लिए प्रतिबद्ध हैं."- राकेश श्रीवास्तव, प्रेसिडेंट, कोमल ग्रुप
रूपा इंडस्ट्रीज फैक्ट्री लगाने की इच्छुक: बिहार इन्वेस्टर्स मीट में कुछ उद्योगपतियों ने तो एमओयू साइन किए हैं, लेकिन कुछ उद्योगपति संभावनाओं की तलाश कर रहे हैं. रूपा इंडस्ट्रीज भी फिलहाल बिहार में संभावनाओं को टटोल रही है. टेक्सटाइल उद्योग को बढ़ावा देने के लिए बिहार सरकार ने टेक्सटाइल नीति लागू की है. बिहार बिजनेस कनेक्ट 2023 में हिस्सा लेने के लिए टेक्सटाइल उद्योग से जुड़ी कई कंपनियां पहुंची है. रूपा इंडस्ट्रीज के प्रतिनिधि भी बिहार बिजनेस कनेक्ट में शामिल हुए हैं.
निवेश के लिए सुरक्षा पहली प्राथमिकता : रूपा इंडस्ट्रीज बिहार में उद्योगों के लिए संभावनाएं तो देख रही है, लेकिन सरकार से पॉजिटिव एटीट्यूड की उम्मीद भी उन्हें है. रूपा कम्पनी के एमडी रमेश अग्रवाल का ने ईटीवी भारत से खास बातचीत के दौरान कहा कि हम बिहार में उद्योग लगाना चाहते हैं. बिहार एक कंज्यूमर स्टेट है. राज्य के अंदर कच्चे माल और सस्ते श्रम की उपलब्धता है और आने वाले दिनों में हम यहां उद्योग लगाने के लिए विचार कर रहे हैं. बिहार में रूपा का बड़ा मार्केट. ये हमारे लिए अच्छा अवसर है.
"मैं अपने एसोसिएशन के सदस्यों से इन्वेस्ट करने कि अपील करुंगा. बिहार में उद्योग के क्षेत्र में अपार संभावनाएं हैं. बोर्ड आफ डायरेक्टर की मीटिंग में हम लोग फैसला लेने के बाद बिहार में उद्योग लगाने को लेकर पहल करेंगे. सरकार ने टेक्सटाइल नीति लागू तो की है, लेकिन सिर्फ नीति की बदौलत उद्योग आगे नहीं बढ़ता. सरकार को उद्योगपतियों के साथ कदम से कदम मिलाकर चलने की जरूरत है. इसके अलावा सुरक्षा मेरी सबसे बड़ी प्राथमिकता है."- रमेश अग्रवाल, एमडी, रूपा इंडस्ट्रीज
2G एथनेल के लिए 800 करोड़ का एमओयू : बिहार में औद्योगिक निवेश लाने के लिए बिहार बिजनेस समिट का आयोजन चल रहा है. आयोजन के पहले दिन दूसरे सत्र में फूड प्रोसेसिंग के सेक्टर में स्प्रे इंजीनियरिंग डिवाइस लिमिटेड ने बिहार में 2G एथेनॉल में निवेश के लिए बिहार सरकार के साथ 800 करोड़ के एमओयू पर साइन किया. एमओयू के बाद कंपनी के बिजनेस डेवलपमेंट टीम लीडर अवधेश प्रसाद सिन्हा ने बताया कि उनका बिजनेस पर्यावरण संरक्षण से जुड़ा हुआ है.
"अभी के समय दिल्ली के इलाके में पराली जलाने से प्रदूषण बढ़ा हुआ है और वह इसी का सॉल्यूशन दे रहे हैं. किसानों को पैसे देकर उनसे पराली खरीद देंगे और उसका इथेनॉल बनाएंगे. चाहे गन्ने का वेस्ट हो या अन्य खाद्य उत्पादों के वेस्ट हो. उससे वह एथेनॉल बनाएंगे. इससे प्रदूषण भी कम होगा और किसानों को पराली का भी पैसा मिलेगा, तो उनकी आमदनी बढ़ेगी. इसके अलावा सरकार ने तय किया है कि 20% एथेनॉल उत्पादन जो अभी 12% भी नहीं हो रहा है, वह डेफशीट मेकअप होगा और इसका वेस्टेज बायो कंपोस्ट होगा."- अवधेश प्रसाद सिन्हा, बिजनेस डेवलेपमेंट टीम लीडर, स्प्रे इंजीनियरिंग डिवाइस लिमिटेड
पराली से बनेगा एथेनॉल, किसानों को होगा फायदा : अवधेश प्रसाद सिन्हा ने कहा कि लेकिन अब करार हो गया है और उम्मीद है कि सरकार भी पूरा सहयोग करेगी. सरकार को उन्होंने समझने की कोशिश की है कि जहां लगभग डेढ़ सौ करोड़ में इथेनॉल प्रोजेक्ट लग जाता है वहां वह 800 करोड़ में एथेनॉल प्रोजेक्ट लगा रहे हैं. इससे 5000 लोगों को सीधे रोजगार मिलेगा. 2G एथेनॉल में खाद्य पदार्थों के वेस्टेज से एथेनॉल बनता है. इससे किसानों की आमदनी बढ़ेगी और पर्यावरण के अनुकूल भी कार्य होगा. पराली के लिए किसानों को पैसे दिये जाएंगे.
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