पटनाः राष्ट्रपति चुनाव (President Election 2022) के लिए एनडीए उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू को एलजेपीआर और हम के बाद अब जेडीयू (JDU support to NDA candidate Draupadi Murmu) का समर्थन भी मिलना तय है. मीडिया द्वारा एनडीए उम्मीदवार को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने कहा कि हमारे सर्वमान्य नेता नीतीश कुमार ने हमेशा से महिला सशक्तिकरण पर जोर दिया है. इसलिए द्रौपदी मुर्मू को एनडीए उम्मीदवार बनाए जाने का जेडीयू स्वागत करता है. ललन सिंह ने साफ तौर पर कहा कि जेडीयू एनडीए उम्मीदवार को अपना समर्थन देगा. उधर, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने द्रोपदी मुर्मू को राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार बनाए जाने पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि एक आदिवासी महिला को देश के सर्वोच्च पद के लिए उम्मीदवार बनाया जाना बहुत खुशी की बात है.
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"हमारे सर्वमान्य नेता नीतीश कुमार हमेशा से महिला सशक्तिकरण पर जोर देते रहे हैं. कमजोर और पिछड़े वर्ग के लिए काम करते रहे हैं. द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाए जाने का जदयू स्वागत करता है"- ललन सिंह, राष्ट्रीय अध्यक्ष, जदयू
नीतीश ने कहा- धन्यवाद मोदी जी : CM नीतीश ने द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवार बनाए जाने पर ट्वीट कर लिखा, 'श्रीमती द्रौपदी मुर्मू जी को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया जाना खुशी की बात है. द्रौपदी मुर्मू जी एक आदिवासी महिला हैं. एक आदिवासी महिला को देश के सर्वोच्च पद के लिए उम्मीदवार बनाया जाना अत्यंत प्रसन्नता की बात है. द्रौपदी मुर्मू उड़ीसा सरकार में मंत्री तथा इसके पश्चात झारखंड की राज्यपाल भी रह चुकीं हैं. कल प्रधानमंत्री जी ने बात कर इसकी जानकारी दी थी कि श्रीमती द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया जा रहा है. प्रधानमंत्री जी को भी इसके लिए हृदय से धन्यवाद.'
फैसले से चौंकाते रहे हैं नीतीश कुमार : वैसे भी नीतीश कुमार राष्ट्रपति चुनाव में अपने स्टैंड से सबको चौंकाते रहे हैं. अतीत में भी उन्होंने राष्ट्रपति चुनाव के दौरान फैसले से अपने सहयोगी दलों को परेशानी में डाला है. पिछले दो चुनाव की बात की जाए तो जब 2012 में राष्ट्रपति चुनाव हुए थे तब नीतीश कुमार एनडीए के हिस्सा थे. एनडीए ने अपना प्रत्याशी पीए संगमा को बनाया था लेकिन नीतीश कुमार की पार्टी ने मतदान प्रणव मुखर्जी के लिए किया था. साल 2017 में नीतीश कुमार महागठबंधन के हिस्सा थे. तब महागठबंधन की ओर से मीरा कुमार को प्रत्याशी बनाया गया था और एनडीए ने रामनाथ कोविंद को मैदान में उतारा था. नीतीश कुमार की पार्टी ने रामनाथ कोविंद के पक्ष में मतदान किया था. हालांकि इस बार द्रोपदी मुर्मू का समर्थन कर नीतीश ने अटना ट्रेंड बदल लिया है.
'एनडीए ने अच्छा उम्मीदवार दिया है': वहीं, जदयू संसदीय बोर्ड के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि एनडीए की अच्छी पहल है. एक तो द्रौपदी मुर्मू समाज के सबसे पिछड़े आदिवासी वर्ग से आती हैं और उसमें भी महिला हैं. एनडीए ने अच्छा उम्मीदवार दिया है और इसकी तारीफ होनी चाहिए. कुशवाहा ने यहां तक कहा कि मैं तो विपक्ष से भी अपील करूंगा कि अपने उम्मीदवार को लेकर चर्चा करें और सर्वसम्मति से द्रौपदी मुर्मू को देश का राष्ट्रपति बनाएं.
एनडीए के तमाम घटक दल का समर्थनः दरअसल एनडीए की ओर से द्रोपदी मुर्मू को राष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवार बनाया गया है और उसकी हर जगह तारीफ हो रही है. उनकी उम्मीदवारी के ऐलान के साथ ही उनको बाहर के दलों की ओर से समर्थन भी मिलने लगा है. एलजेपीआर चीफ चिराग पासवान और हम प्रमुख जीतन राम मांझी ने भी उनको समर्थन देने की घोषणा कर दी है. चिराग ने ट्वीट कर कहा है कि 'लोजपा (रामविलास) भाजपा के इस फैसले का पूर्ण रुप से समर्थन करती है'. अब तो जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह और संसदीय बोर्ड के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा के बयान से भी साफ हो गया है कि जदयू द्रौपदी मुर्मू का समर्थन कर रहा है, कहीं से अब किंतु परंतु नहीं रह गया है. एनडीए नेताओं का कहना है कि द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति बनने में अब कहीं से कोई समस्या आने वाली नहीं है.
बिहार के पास कुल 81687 मत : बदली हुई परिस्थितियों में नीतीश कुमार की भी राजनीतिक महत्वाकांक्षा जागृत हुई दिखाई पड़ी है. राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति पद को लेकर नीतीश कुमार भी प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष तौर पर दावेदारी पेश करवा चुके हैं. बता दें कि राष्ट्रपति चुनाव में चुने हुए प्रतिनिधि ही वोट डाल सकते हैं. विधान परिषद के सदस्यों को वोट डालने का अधिकार नहीं होता है. आबादी के हिसाब से जनप्रतिनिधियों के वोटों की कीमत तय होती है. राज्यसभा लोकसभा और विधानसभा का कुल 81687 मत बिहार के पास है.
राष्ट्रपति चुनाव का बिहार कनेक्शन : वर्तमान परिस्थितियों में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के पास 54540 मत है तो विपक्ष के खाते में 25024 मत है. बिहार से राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के कुल मिलाकर 29515 मतों की बढ़त मिल सकती है अगर नीतीश कुमार भाजपा उम्मीदवार के पक्ष में मतदान करते (Bihar connection of presidential election) हैं. बिहार में बीजेपी के पास 28189, जेडीयू के पास 21945, आरजेडी के पास 15980, कांग्रेस के पास 4703 और माले के पास 2076 वोट हैं.
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कौन हैं एनडीए उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू?: 20 जून 1958 को ओडिशा में एक साधारण संथाल आदिवासी परिवार में जन्मीं द्रौपदी मुर्मू ने 1997 में अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की थी. वह 1997 में ओडिशा के रायरंगपुर में जिला बोर्ड की पार्षद चुनी गई थीं. राजनीति में आने के पहले वह श्री अरविंदो इंटीग्रल एजुकेशन एंड रिसर्च, रायरंगपुर में मानद सहायक शिक्षक और सिंचाई विभाग में कनिष्ठ सहायक के रूप में काम कर चुकी है. वह ओडिशा में दो बार विधायक रह चुकी हैं और उन्हें नवीन पटनायक सरकार में मंत्री पद पर भी काम करने का मौका मिला था. उस समय बीजू जनता दल और बीजेपी के गठबंधन की सरकार थी. ओडिशा विधानसभा ने द्रौपदी मुर्मू को सर्वश्रेष्ठ विधायक के लिए नीलकंठ पुरस्कार से भी नवाजा था.
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