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यूपी, उत्तराखंड, बिहार, झारखंड और प.बंगाल की 1080 औद्योगिक इकाइयां गंगा को कर रहीं प्रदूषित - गंगा प्रदूषण की वजह संसद में जवाब

उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल में 1,080 औद्योगिक इकाइयों से गंगा नदी सबसे अधिक प्रदूषित हो रही है. यह जानकारी सोमवार को राज्य सभा में सरकार ने दी. इनमें से 190 इकाइयों को बंद कर दिया गया है.

ganga river
गंगा नदी, प्रतीकात्म फोटो
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Published : Mar 21, 2022, 8:16 PM IST

नई दिल्ली : केंद्र सरकार ने सोमवार को बताया कि गंगा को प्रदूषित करने वाली पांच राज्यों की 1080 औद्योगिक इकाइयों में से 190 को बंद कर दिया गया है, जबकि अभी तक 165 ऐसी इकाई हैं, जो नियमों का पालन नहीं कर रही हैं. सरकार ने कहा कि 165 ऐसी इकाइयों में से नौ को बंद करने का नोटिस भेजा गया है और सबसे अधिक प्रदूषण फैलाने वाली 156 इकाइयों को कारण बताओ नोटिस भेजा गया है.

राज्यसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में जल शक्ति राज्यमंत्री विश्वेश्वर टुडु ने कहा कि गंगा नदी में प्रति दिन 280.17 मिलियन लीटर जल छोड़ा जा रहा है और इस जल में ऑक्सीजन की घुलनशीलता का मान 9.68 टन प्रतिदिन है. उन्होंने बताया कि 2020-21 के दौरान राज्यों के प्रदूषण बोर्ड से विचार विमर्श के बाद पता चला कि उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल में 1,080 औद्योगिक इकाइयों से गंगा नदी सबसे अधिक प्रदूषित हो रही है.

ऐसी इकाइयों की अक्टूबर 2020 से लेकर मार्च 2021 तक तकनीकी जांच की गई और उसकी रिपोर्ट के आधार पर संबंधित राज्य प्रदूषण बोर्डों द्वारा कार्रवाई की गई. केंद्रीय मंत्री ने बताया कि गंगा नदी को सबसे अधिक प्रदूषित करने वाली इन 1,080 इकाइयों में 725 को पाया गया कि वह नियमों का पालन कर रही हैं, जबकि 165 ऐसी थीं जो नियमों का पालन नहीं कर रही थी. राज्य प्रदूषण बोर्डों ने इन 165 इकाइयों में से नौ को बंद करने का निर्देश दिया, जबकि 156 को कारण बताओ नोटिस दिया गया.

ये भी पढ़ें : सेंट्रल स्कूल खोलने की क्या है प्रक्रिया, लोकसभा में शिक्षा मंत्री ने दी जानकारी

नई दिल्ली : केंद्र सरकार ने सोमवार को बताया कि गंगा को प्रदूषित करने वाली पांच राज्यों की 1080 औद्योगिक इकाइयों में से 190 को बंद कर दिया गया है, जबकि अभी तक 165 ऐसी इकाई हैं, जो नियमों का पालन नहीं कर रही हैं. सरकार ने कहा कि 165 ऐसी इकाइयों में से नौ को बंद करने का नोटिस भेजा गया है और सबसे अधिक प्रदूषण फैलाने वाली 156 इकाइयों को कारण बताओ नोटिस भेजा गया है.

राज्यसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में जल शक्ति राज्यमंत्री विश्वेश्वर टुडु ने कहा कि गंगा नदी में प्रति दिन 280.17 मिलियन लीटर जल छोड़ा जा रहा है और इस जल में ऑक्सीजन की घुलनशीलता का मान 9.68 टन प्रतिदिन है. उन्होंने बताया कि 2020-21 के दौरान राज्यों के प्रदूषण बोर्ड से विचार विमर्श के बाद पता चला कि उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल में 1,080 औद्योगिक इकाइयों से गंगा नदी सबसे अधिक प्रदूषित हो रही है.

ऐसी इकाइयों की अक्टूबर 2020 से लेकर मार्च 2021 तक तकनीकी जांच की गई और उसकी रिपोर्ट के आधार पर संबंधित राज्य प्रदूषण बोर्डों द्वारा कार्रवाई की गई. केंद्रीय मंत्री ने बताया कि गंगा नदी को सबसे अधिक प्रदूषित करने वाली इन 1,080 इकाइयों में 725 को पाया गया कि वह नियमों का पालन कर रही हैं, जबकि 165 ऐसी थीं जो नियमों का पालन नहीं कर रही थी. राज्य प्रदूषण बोर्डों ने इन 165 इकाइयों में से नौ को बंद करने का निर्देश दिया, जबकि 156 को कारण बताओ नोटिस दिया गया.

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