मुंबई: एनसीईआरटी ने गांधी की हत्या से जुड़ी सामग्री को चुपचाप हटा दिया है. ईटीवी भारत के संवाददाता ने जब इस संबंध में गांधीजी के प्रपौत्र तुषार गांधी से बात की और उनकी प्रतिक्रिया जानने की कोशिश की तो उन्होंने कहा कि अब जब वे सत्ता में हैं तो उन्हें उनके इरादों पर आश्चर्य नहीं हुआ. लेकिन यह नहीं भूलना चाहिए कि यह लोकतंत्र है.'
गांधीजी के प्रपौत्र तुषार गांधी ने कहा कि गोडसे पर लगा दाग कभी नहीं धुल सकता, लेकिन इसके छींटे जिन लोगों के दामन पर हैं, वे पिछले 75 सालों से इसे धोने की कोशिश कर रहे हैं. लेकिन यह आसान नहीं है, जनता सब कुछ जानती है कि सच्चाई क्या है और इससे इनकार करना असंभव है. उन्होंने कहा कि यह सरकार सब कुछ आरएसएस के इशारे पर कर रही है. उन्हें जो सही लगता है, जो पसंद है, वैसा ही गांधी वह देश की जनता तक पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं.
उन्होंने कहा कि हमें जागरूकता अभियान चलाकर शिक्षा व्यवस्था को मजबूत करना है, इसमें राजनीति नहीं होनी चाहिए, ये लोग हर मामले में दखलंदाजी करते हैं, हर जगह राजनीति हो रही है. हमें सच्चाई का प्रदर्शन करना होगा ताकि वे अपनी सीमा जान सकें. उन्होंने कहा कि गोडसे के दामन पर लगे हत्या के दाग को धोना संभव नहीं है, लेकिन उसके निशान मिटाने के लिए 75 साल से कोशिश की जा रही है. उन्होंने देश के लोगों से सच्चाई जानने और गलत सूचनाओं से बचने को कहा. सच को सामने लाने के लिए जागरुकता अभियान जरूरी है.'
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