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विशेष बच्चे को थर्ड डिग्री! संस्था या क्रूर यातनाओं की काल कोठरी

धनबाद की जीवन ज्योति संस्था सवालों के घेरे में है. उस पर आरोप है कि वहां रहने वाले बच्चों पर अत्याचार किया जाता है. एक विशेष बच्चे के शरीर पर आयरन से जलाए जाने के कई निशान भी मिले हैं.

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Published : Jul 19, 2022, 7:38 PM IST

धनबाद: झरिया के बस्ताकोला में जीवन ज्योति संस्था मानसिक रूप से दिव्यांग और मूक बधिर बच्चों को प्रशिक्षण और शिक्षा के लिए काम करती है. हालांकि जीवन ज्योति संस्था हमेशा विवादो में रही है. यहां एक मानसिक रूप दिव्यांग बच्ची गौरी कुमारी की 15 जुलाई को संदिग्ध मौत हो गई थी. उसके मुंह और नाक से खून निकल रहे थे. इसपर बाल कल्याण समिति ने जीवन के संस्थापक एके सिंह से पूरी रिपोर्ट मांगी है. बाल कल्याण समिति को अब पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार है. वहीं अब एक विशेष बच्चे की बेरहमी से पिटाई करने और गर्म आयरन से जलाने का मामला सामने आया है.

ये भी पढ़ें: आपसी विवाद में खूनी संघर्षः युवक की लाठी से पीटकर हत्या, शिकंजे में आरोपी

झरिया के बस्ताकोला में स्थित जीवन संस्था विशेष बच्चों को प्रशिक्षित करने और अध्ययन कराने का काम करती है. धनबाद के झरिया में जीवन ज्योति संस्था में बादल पाठक नाम के विशेष बच्चे का उसके पिता ने प्रशिक्षण और अध्यन के लिए एडमिशन कवराया था. लेकिन आसनसोल के रहने वाले बादल के पिता बिपीन पाठक को क्या मालूम था कि संस्था उनके बच्चे के जीवन में ज्योति नहीं बल्कि अंधेरा लाएगी. पिता बिपिन का कहना है कि हर 15 दिन पर वह अपने बच्चे को जीवन ज्योति देखने के लिए आते हैं. यहां आने पर बच्चे के शरीर पर कई जख्म के निशान पाए गए हैं. बेटे ने जीवन ज्योति संस्था के प्राचार्य एके सिंह पर मारपीट और यातनाएं देने की की बात बताई है. बेटे ने बेरहमी से पिटाई करने और गर्म आयरन से जलाने की बात कही है.

देखें वीडियो
वहीं, मामले को लेकर जीवन के प्राचार्य एके सिंह ने यह कबूल किया कि बच्च जब उत्तेजित होते हैं तो उन्हें एक कमरे में बंद कर छड़ी से पिटाई कर ट्रीटमेंट दी जाती है. वहीं, सीडब्ल्यूसी के चेयरमैन उत्तम मुखर्जी ने कहा कि जीवन संस्था के प्राचार्य को शॉकॉज किया गया है. इसके साथ ही मामले की रिपोर्ट सौंपने को कहा गया है. सीडब्ल्यूसी मामले की जांच कर रही है. जांच के बाद दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. जीवन संस्था का यह कोई पहला मामला नहीं है. इसके पहले भी 15 जुलाई को 17 वर्षीय गौरी कुमारी की मौत संदिग्ध परिस्थितियों में हुई है, जिसकी जांच अब भी चल रही है.

धनबाद: झरिया के बस्ताकोला में जीवन ज्योति संस्था मानसिक रूप से दिव्यांग और मूक बधिर बच्चों को प्रशिक्षण और शिक्षा के लिए काम करती है. हालांकि जीवन ज्योति संस्था हमेशा विवादो में रही है. यहां एक मानसिक रूप दिव्यांग बच्ची गौरी कुमारी की 15 जुलाई को संदिग्ध मौत हो गई थी. उसके मुंह और नाक से खून निकल रहे थे. इसपर बाल कल्याण समिति ने जीवन के संस्थापक एके सिंह से पूरी रिपोर्ट मांगी है. बाल कल्याण समिति को अब पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार है. वहीं अब एक विशेष बच्चे की बेरहमी से पिटाई करने और गर्म आयरन से जलाने का मामला सामने आया है.

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झरिया के बस्ताकोला में स्थित जीवन संस्था विशेष बच्चों को प्रशिक्षित करने और अध्ययन कराने का काम करती है. धनबाद के झरिया में जीवन ज्योति संस्था में बादल पाठक नाम के विशेष बच्चे का उसके पिता ने प्रशिक्षण और अध्यन के लिए एडमिशन कवराया था. लेकिन आसनसोल के रहने वाले बादल के पिता बिपीन पाठक को क्या मालूम था कि संस्था उनके बच्चे के जीवन में ज्योति नहीं बल्कि अंधेरा लाएगी. पिता बिपिन का कहना है कि हर 15 दिन पर वह अपने बच्चे को जीवन ज्योति देखने के लिए आते हैं. यहां आने पर बच्चे के शरीर पर कई जख्म के निशान पाए गए हैं. बेटे ने जीवन ज्योति संस्था के प्राचार्य एके सिंह पर मारपीट और यातनाएं देने की की बात बताई है. बेटे ने बेरहमी से पिटाई करने और गर्म आयरन से जलाने की बात कही है.

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वहीं, मामले को लेकर जीवन के प्राचार्य एके सिंह ने यह कबूल किया कि बच्च जब उत्तेजित होते हैं तो उन्हें एक कमरे में बंद कर छड़ी से पिटाई कर ट्रीटमेंट दी जाती है. वहीं, सीडब्ल्यूसी के चेयरमैन उत्तम मुखर्जी ने कहा कि जीवन संस्था के प्राचार्य को शॉकॉज किया गया है. इसके साथ ही मामले की रिपोर्ट सौंपने को कहा गया है. सीडब्ल्यूसी मामले की जांच कर रही है. जांच के बाद दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. जीवन संस्था का यह कोई पहला मामला नहीं है. इसके पहले भी 15 जुलाई को 17 वर्षीय गौरी कुमारी की मौत संदिग्ध परिस्थितियों में हुई है, जिसकी जांच अब भी चल रही है.
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