धनबाद: झरिया के बस्ताकोला में जीवन ज्योति संस्था मानसिक रूप से दिव्यांग और मूक बधिर बच्चों को प्रशिक्षण और शिक्षा के लिए काम करती है. हालांकि जीवन ज्योति संस्था हमेशा विवादो में रही है. यहां एक मानसिक रूप दिव्यांग बच्ची गौरी कुमारी की 15 जुलाई को संदिग्ध मौत हो गई थी. उसके मुंह और नाक से खून निकल रहे थे. इसपर बाल कल्याण समिति ने जीवन के संस्थापक एके सिंह से पूरी रिपोर्ट मांगी है. बाल कल्याण समिति को अब पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार है. वहीं अब एक विशेष बच्चे की बेरहमी से पिटाई करने और गर्म आयरन से जलाने का मामला सामने आया है.
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झरिया के बस्ताकोला में स्थित जीवन संस्था विशेष बच्चों को प्रशिक्षित करने और अध्ययन कराने का काम करती है. धनबाद के झरिया में जीवन ज्योति संस्था में बादल पाठक नाम के विशेष बच्चे का उसके पिता ने प्रशिक्षण और अध्यन के लिए एडमिशन कवराया था. लेकिन आसनसोल के रहने वाले बादल के पिता बिपीन पाठक को क्या मालूम था कि संस्था उनके बच्चे के जीवन में ज्योति नहीं बल्कि अंधेरा लाएगी. पिता बिपिन का कहना है कि हर 15 दिन पर वह अपने बच्चे को जीवन ज्योति देखने के लिए आते हैं. यहां आने पर बच्चे के शरीर पर कई जख्म के निशान पाए गए हैं. बेटे ने जीवन ज्योति संस्था के प्राचार्य एके सिंह पर मारपीट और यातनाएं देने की की बात बताई है. बेटे ने बेरहमी से पिटाई करने और गर्म आयरन से जलाने की बात कही है.